Holi Safety Tips During Pregnancy : रंगों के पर्व होली में हुड़दंग और केमिकल वाले रंग काफी नुकसान कर सकते हैं, खासतौर पर गर्भवती महिलाओं को इनसे बचाव करना बेहद ही जरूरी है. इससे घबराने की जरूरत नहीं है, हालांकि कुछ सावधानियां बरतकर सेफ होली खेली जा सकती है. प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को अपना और पेट में पल रहे बेबी का खयाल रखना होता है. इसमें कुछ सावधानियां भी जुड़ी होती हैं. प्रेग्नेंसी में होली खेलना जोखिम भरा हो सकता है. इसका सीधा मतलब यह नहीं कि आप अपना त्योहार चुपचाप बीत जाने दें. आप कुछ सावधानियां बरतकर आप भी इस फेस्टिवल को एंजॉय कर सकती हैं.
भांग से दूर रहें –
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रंगों के पर्व होली में अक्सर मिठाइयों व पेय पदार्थों में भांग मिलाई जाती है. भांग केवल मस्ती मजाक के लिए मिलाई जाती है. ऐसी चीजों से दूर रहें. माना कि भांग एक प्राकृतिक चीज है, लेकिन इसका सेवन करना गर्भ में पल रहे बच्चे के जीवन के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. मालूम हो कि, भांग का नशा एक-दो दिन बरकरार रहता है और उसका हैंगओवर उतारना बेहद ही मुश्किल होता है. तो गर्भवती महिलाओं को बाहर से लाई गई या किसी के द्वारा दी गई मिठाईयों का सेवन नहीं करना चाहिए. इस दिन पीने के लिए केवल शुद्ध पानी का ही उपयोग करें. यदि आप प्रेग्नेंट है और एक सेहतमंद शिशु को जन्म देना चाहती है, तो इन सब नशों से दूर रहना चाहिए. भांग का नशा आपके होने वाले बच्चे के नर्वस सिस्टम पर भी असर कर सकता है।
अच्छे से खुद को साफ करें –
होली खेलने के बाद शाम को खुद को अच्छे से साफ कर लें. कोशिश करें कि आप गर्म पानी से शरीर को अच्छी तरह से पोछ लें. यदि आप रंगों को हटाने के लिए बेसन औऱ दूध का प्रयोग करें तो यह बेहद ही असरदार रहेगा.
डांस से करें परहेज :
यदि गर्भावस्था की पहला तिमाही है तो इसमें दौरान प्रेग्नेंसी में कई प्रकार के फर्क दिखाई नहीं देता है. ऐसे में यदि आपके दोस्त या रिश्तेदार में सो कोई पार्टी में आपको नाचने के लिए फोर्स करें तो आप स्पष्ट रूप से मना कर दें. वहीं, त्योहार के माहौल में काफी दोस्त, रिश्तेदार आते है. इस दौरान काफी शोरगुल होगा जो आपके और आपके बच्चे के लिए अच्छा नहीं है. कोशिश करें कि ऐसे में भीड़ वाले माहौल से दूर रहे. आप होली त्योहार को कुछ परिवार के लोगों और दोस्तों के साथ ही मनाएं.
फिसलन भरी जगह से रहें दूर :
पानी वाली होली खेलने से कई स्थानों पर कीचड़ जमा हो जाता है, जो फिसलन का कारण बनता है. यदि आप गर्भवती है और किसी फिसलन वाले स्थान पर गलती से फिसल गई तो भ्रूण की स्थिति बदलना एवं मां और बच्चे को खतरा हो सकता है. ऐसे में फिसलन वाले स्थान पर होली खेलने की बजाय सूखे रंगों से होली खेलने में समझदारी है. होली में पानी का इस्तेमाल बहुत साधारण है. पानी होने से फिसलने का खतरा हो सकता है. यह गर्भवती महिला और उसके होने वाले बच्चे के लिए बेहद खतरनाक है.
रासायनिक रंगों से दूर रहें :
हाेली पर्व के दौरान किसी गर्भवती महिला को होली का मजा लेना भी है तो वो हर्बल रंग का उपयोग कर सकती हैं. या फिर घर पर ही हल्दी, बीटरूट, प्याज ,पालक और धनिया पत्ता से बने रंगों का होली खेलने के लिए उपयोग कर सकती हैं. यह नैचुरल रंग होते हैं जिसके कारण इनसे भ्रूण को कोई नुकसान भी नहीं पहुंचता है.
आमतौर पर होली पर जो रंगों का उपयोग होता है उसमें काफी मात्रा में हानिकारक केमिकल्स मिले होते हैं, जो गर्भवती महिलाओं के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं. सिंथेटिक कलर्स में लेड ऑक्साइड, कॉपर सल्फेट, डाई और गुलाल में पिसा हुआ कांच मिलाया जाता है. ऐसा दुकानदार मुनाफा कमाने के उद्देश्य से करते हैं. आप होममेड कलर्स या फूलों की होली खेलें.
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आग से रहे दूर :
धुलेंडी के एक दिन पूर्व होलिका दहन किया जाता है. यदि आप होलिका दहन के दौरान पूजन करने जा रही है तो उससे उचित दूरी बनाकर रखे. होली किसी खुले स्थान में जलाई जानी चाहिए जिससे ज्यादा धुआं ना हो वरना आपको घुटन हो सकती है और ऐसे में किसी भी गर्भवती महिला को चक्कर आ सकते है. इस दौरान एक और विशेष बात का ध्यान रखे की होलिका दहन के समय सिंथेटिक कपड़े ना पहने इनमें आग पकड़ने का खतरा बढ़ जाता है. दहन कार्यक्रम में शामिल होने जा रही हैं तो सूती कपड़े पहनें.
प्रतिरोधक क्षमता होती है कमजोर
आम महिलाओं की तुलना में गर्भवती महिलाओं में प्रतिरोधक क्षमता कम होती है. जिसके कारण गर्भ में पल रहे बच्चे में संक्रमण का खतरा अधिक होता है. साथ ही ये भी माना जाता है कि गर्भवस्था के दौरान रासायनिक रंगों से होली खेलने से महिलाएं और उनके गर्भ में पलने वाले बच्चे पर नकरात्मक असर पड़ता है. डिलीवरी के दौरान बच्चा अस्वस्थ्य जन्म लेता है. यह सब केमिकल रंगों के प्रभाव के कारण होता है. ऐसे में इस दिन रासायनिक रंगों से दूर रहना ही ठीक रहेगा.
अधिक मुनाफा कमाने के लोभ में रंगों के व्यापारी इसमें माइका, ग्लास पाउडर, अल्कालिस, लीड, बेंजीन, तथा एरोमेटिक कंपाउंड का इस्तेमाल करते हैं. यह सभी रासायनिक पदार्थ तंत्रिका तंत्र, गुर्दे तथा जनन तंत्र को प्रभावित कर सकते हैं. इसलिए महिला चिकित्सक होली में गर्भवती महिलाएं रंगों से दूर रहने की सलाह देती है.
- होली के दौरान गर्भवती महिलाएं भी फुल स्लीव्स के कपड़े पहनें और गॉगल्स लगाएं.
- प्रेग्नेंसी के दौरान भीड़-भाड़ से भी बचना चाहिए, इससे सफोकेशन की समस्या हो सकती है। इसके अलावा धक्का लगने का भी डर रहता है.
- भले ही आप होममेड या हर्बल रंगों से होली खेलने जा रही हों लेकिन पेट्रोलियम जेली या नारियल तेल/सरसों का तेल जरूर लगा लें.
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