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प्रेगनेंसी में मिट्टी खाने के कारण, प्रभाव और इलाज

दोस्तों प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिलाओं को मिट्टी खाने की बड़ी इच्छा होती है, और ये इच्छा करीब-करीब सभी प्रेग्नेंट महिलाओं को होती है. लेकिन धीरे-धीरे यह इच्छा अजीब रुप लेने लगती है, जैसे प्रेगनेंट महिलाओं को मिट्टी के साथ-साथ और भी अजीब चीजें खाने का मन करने लगा, जैसे पेंट, तारकोल, बर्फ, कागज और ना जानें क्या ? चिकित्सकों की भाषा में इसे पिका सिंड्रोम के आरंभिक लक्षण के नाम से जाना जाता है. हालांकि इससे डरने की बात नहीं होती पर जल्द ध्यान ना देने पर यह गर्भवती और भ्रूण में पल रहे नवजात दोनों के लिए हानिकारक हो सकता है.

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प्रेगनेंसी में मिट्टी खाने के कारण, प्रभाव और इलाज

प्रेगनेंसी में मिट्टी खाने के कारण, प्रभाव और इलाज

प्रेगनेंसी में मिट्टी खाने (Pregnancy Mein Mitthi Khane) के अनेक कारण हो सकते हैं जो हमारे द्वारा नीचे बताए गए हैं-

#1. पिका सिंड्रोम

शिशु रोग विशेषज्ञों की मानें तो प्रेगनेंसी में यदि मिट्टी के साथ साथ अन्य चीजें खाने की क्रेविंग्स होने का मुख्य कारण पिका सिंड्रोम होता है. इस लक्षण में इस तरह की चीजें खाने की इच्छा होती है जो मुख्यत खाने की चीज नहीं होती हैं. जो पोषकतत्व विहिन होती है. उदाहरण के तौर पर-

  • मिट्टी
  • हेयरबॉल्स (फर वाली बॉल या बालों का गुच्छा)
  • बर्फ
  • रंग
  • कच्चे स्टार्च (एमाइलोफैगी)
  • चारकोल
  • राख
  • कागज
  • चॉक
  • कपड़ा
  • बेबी पाउडर
  • कॉफी ग्राउंड्स
  • अंडे का छिलका

यदि आप भी गर्भवती है और आपकों प्रेगनेंसी के दौरान बेहद ही विचित्र चीजें खाने की इच्छा हो रही है तो इसे बिल्कुल भी नज़र अंदाज़ ना करें. वरना ये आपके और आपके भ्रूण में पल रहे शिशु के लिए जानलेवा साबित हो सकता है.

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#2. एनीमिया होना या आयरन की कमी

कुछ महिला विशेषज्ञों का मनाना है कि, गर्भावस्था में एनीमिया होना या आयरन की कमी होने के कारण महिलाओं को मिट्टी खाने की इच्छा होती है, मिट्टी में थोड़ी बहुत मात्रा में आयरन होने के कारण ये उसकी पूर्ति करती है. इसलिए कई महिलाएं कच्चे घरों से मिट्‌टी कुरेद-कुरेद कर खाती है.

#3. मॉर्निंग सिकनेस से बचाव

अक्सर देखने में आता है कई प्रेग्नेंट महिलाओं को सुबह के दौरान कमजोरी महसूस होती है. जिसके कारण मिट्टी खाने पर उन्हें बहुत अच्छा महसूस होता है. इस प्रकार नियमित रुप से इच्छा होने के कारण यह एक आदत बन जाती है. और महिलाएं नियमित रूप से मिट्‌टी खाना शुरू कर देती है. ध्यान रहे कि गर्भावस्था के दौरान मिट्टी खाने से भ्रूण पर बुरा असर पड़ता है. बहुत अधिक इच्छा होने पर इसे नजर अंदाज ना करें तुरंत चिकित्सकिय परामर्श लें.

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मिट्टी खाने का प्रेग्नेंट महिलाओं पर क्या असर होता है?

मिट्टी खाने का प्रेगनेंट महिलाओं की सेहत पर बेहद ही बुरा असर हो सकता है, इसमें से कुछ प्रभाव निम्नलिखित हैं-

  • पेट में संक्रमण और रोग

प्रेगनेंसी के दौरान मिट्टी खाने से गर्भवती महिला के पेट का संक्रमण का खतरा होता है. कारण मिट्टी में बहुत से छोटे-छोटे विषाक्त कीटाणु होते हैं. जो पेट में पहुंचकर तेजी से ग्रोथ शुरू कर देते है. जिससे महिलाओं की पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है, कुछ भी खाने-खाने के दौरान उल्टी की परेशानी होती है.

  • दांत खराब होना

गर्भावस्था के दौरान दांतों में बहुत प्लाग लगता है. कारण शरीर में लगातार कैल्शियम की कमी होती रहती है. ऐसे में मिट्टी खाने से दांतों में कीड़े लगते है. इससे सेंसिटिविटी की परेशानी बढ़ जाती है.

  • पोषक तत्व शरीर तक ना पहुंचना

आमतौर पर भी महिला या पुरुष के मिट्टी खाने से आंते कमजोर हो जाती हैं. जिसके बाद खाया जाने वाला भोजन ठीक प्रकार से पच नहीं पाता. सीधे शब्दों में कहा जाएं तो आंतों में से पोषक तत्वों को सोखने की क्षमता चली जाती है. मिट्टी खाने से पूरा दिन पेट भरा रहने से भूख का अहसास नहीं होता है.

  • शरीर में आंतरिक घाव या रक्तस्त्राव होना

कभी कभी आप जल्बाजी में मिट्टी के साथ-साथ कुछ ऐसी चीजें भी खा सकते हैं जो आपको अंदरूनी घाव दे सकता है।जैसे कांच, पिन आदि. इसलिए गर्भावस्था के दौरान मिट्‌टी खाने से परहेज करना चाहिए.

बच्चे के विकास पर मिट्टी खाने का क्या असर होता है?

गर्भवती के साथ साथ भ्रूण में पल रहे शिशु पर भी मिट्टी खाने का बेहद ही बुरा असर पड़ता है, और कभी कभी ये बच्चे के लिए जानलेवा साबित होता है-

  • बच्चे के विकास में बाधा

प्रेगनेंसी में मिट्टी खाने से ये बच्चे के शरीर तक पोषण तत्वों को नहीं पहुंचने देती और बच्चे के शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से प्रभाव पड़ता है। साथ ही ये शिशु में वजन बढ़ने की गति को कम कर देता है और बहुत सारे मामलों में एक बेहद बीमार शिशु के जन्म के भी ये उतरदायी है।

  • समय से पहले शिशु का जन्म

कभी कभी मिट्टी खाने के कारण आपके शरीर में कुछ आवश्यक तत्वों की कमी होने के कारण ये असमय डिलीवरी का भी कारण बन सकती है. जिससे शिशु बेहद ही कमजोर और असाध्य रोगों से लिप्त होकर जन्म लेता है.

  • मृत शिशु का जन्म

कई मामलों में देखने में आता है कि, ज्यादा मिट्टी खाने के कारण गर्भ में शिशु की हालत बिगड़ सकती है और उसकी जान भी जा सकती हैं.

कैसे पायें मिट्टी खाने की आदत से छुटकारा?

आपको इस आदत से जल्द से जल्द छुटकारा पाने की जरुरत है. इस प्रकार की बुरी आदत से निजत पाने के लिए आप कुछ उपाय कर सकती हैं जैसे-

  • यदि आप मिट्टी खाने की आदत नहीं छोड़ पा रही हैं, और यह बढ़ती ही जा रही है तो तुरंत चिकित्सक से परामर्श लें. चिकित्सक आपके खून की जांच कर आपको उचित सुझाव देंगे.
  • गर्भवस्था के के दौरान अपने शरीर में किसी भी तरह के पोषक तत्व जैसे आयरन , कैल्शियम आदि की कमी ना होने दें, और जरा सी भी किसी अजीब चीज की क्रेविंग्स होने पर अपनी जांच करवाएं.
  • यदि कमजोरी के कारण आपकों मिट्टी खाने की प्रबल इच्छा हो रही है तो आप उसकी जगह माउथ फ्रेशनर, सौंफ आदि खाएं तो मिट्टी खाने का मन नहीं करेगा.
  • इस तरह से आप मिट्टी खाने की अपनी आदत से निजात पा सकती हैं और एक स्वस्थ शिशु को जन्म दे सकती हैं।

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KAMLESH VERMA

दैनिक भास्कर और पत्रिका जैसे राष्ट्रीय अखबार में बतौर रिपोर्टर सात वर्ष का अनुभव रखने वाले कमलेश वर्मा बिहार से ताल्लुक रखते हैं. बातें करने और लिखने के शौक़ीन कमलेश ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से अपना ग्रेजुएशन और दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया है. कमलेश वर्तमान में साऊदी अरब से लौटे हैं। खाड़ी देश से संबंधित मदद के लिए इनसे संपर्क किया जा सकता हैं।

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