गोगा नवमी 2022 में कब है – Goga Navami 2022 Mein Kab Hai

महत्वपूर्ण जानकारी

  • गोगा नवमी 2022
  • शनिवार, 20 अगस्त 2022
  • नवमी तिथि शुरू : 20 अगस्त 2022 2:00 AM
  • नवमी तिथि समाप्त : 21 अगस्त, 2022 सुबह 4:23 बजे

गोगा नवमी 2022 में कब है – Goga Navami 2022 Mein Kab Hai । गोगा नवमी की तारीख, महत्व और किस तरह मनाई जाती हैं | Goga Navami Date, Significance and how to celebrate it in Hindi 

भारत वर्ष में नित्य पर्व त्योहार मनाए जाने का प्रचलन है. माह में दो बार एकादशी व्रत आता है, तो अन्य दिन हिंदू धर्म के मुख्य पर्व नाग पचंमी और रक्षाबंधन जैसे बड़ त्योहार आते हैं. इसी में से एक हैं, गोगा नवमी जिसे गुगा नौमी के नाम से भी जाना जाता है. वह गोगा देव नाग भगवान की पूजा करने के लिए समर्पित है. गोगा नवमी भाद्रपद के हिंदू महीने में कृष्ण पक्ष (चंद्रमा के अंधेरे पखवाड़े) की नवमी तिथि (9 वें दिन) पर मनाया जाता है. पश्चिमी कैलेंडर के अनुसार यह त्यौहार अगस्त या सितंबर में आता हैं. साल 2022 में गोगा नवमी 20 अगस्त, शनिवार को मनाया जाएगा.

हिंदू परंपराओं में गोगा देव जी को जाहरवीर गोगा के नाम से भी संबोधित किया जाता है, मध्य प्रदेश के मालवा प्रांत के एक लोकप्रिय लोक देवता है. जिसे भारत के उत्तरी राज्यों, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पंजाब में पूरी श्रद्धा के साथ पूजा जाता है. यह व्यापक धारणा है कि वह भाद्रपद कृष्ण पक्ष की नवमी को प्रकट हुए थे और इसलिए हिंदू भक्तों ने उन्हें यह दिन समर्पित किया. गोगा नवमी भारत के उत्तरी क्षेत्रों में बेहद धूमधाम और उत्साह के साथ मनाई जाती है. राजस्थान, मध्यप्रदेश  में गोगा नवमी पर भव्य मेले लगते हैं और उत्सव तीन दिनों तक चलता है.

गोगा नवमी कैसे मनाई जाती हैं? (Goga Navami Celebration)

गोगा नवमी पर, भक्त गोगाजी की मूर्ति का पूजन करते हैं. चित्रों में वह नीले रंग के घोड़े की सवारी करते हुए दिखाई देते हैं और पीले और नीले झंडे भी रखते हैं. कुछ क्षेत्रों में भगवान गोगा की पूजा का अनुष्ठान  श्रावण पूर्णिमा (रक्षा बंधन के दिन) से शुरू होता है और नौ दिनों तक अर्थात नवमी तक जारी रहता है. इस कारण इसे गोगा नवमी के नाम से भी जाना जाता है. नवमी के अवसर पर भक्तों के बीच चावल और चपाती को प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है.

गोगा देव जी के मंदिरों में इस दिन विभिन्न पूजा और जुलूस आयोजित किए जाते हैं. गोगा नवमी पर हिंदू भक्त किसी भी चोट या नुकसान से सुरक्षा के आश्वासन के रूप में भगवान गोगा को राखी या रक्षा स्तोत्र बाँधते हैं.

इसके अलावा गोगा नवमी के दौरान उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न स्थानों पर मेलों का आयोजन किया जाता है. सभी मेलों के बीच हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर में गुगा नवमी मेला सबसे बड़ा और सबसे लोकप्रिय है.

फोटो सोर्स : गूगल

गोगा नवमी का महत्व (Goga Navami Significance)

गोगा नवमी गोगाजी के सम्मान में मनाए जाने वाले महत्वपूर्ण हिंदू त्यौहारों में से एक है. इतिहासकारों की मानें तो गोगा देव शक्तिशाली राजपूत राजकुमार थे. जिनके पास विषैले सांपों को नियंत्रित करने के लिए अलौकिक शक्तियां हैं. उनकी कहानियों के विभिन्न संस्करण हैं जो इस दिन को अनुष्ठानों के एक भाग के रूप में सुनाया जाता है. कुछ कहानियों में उनके दिव्य जन्म, उनके विवाह, पारिवारिक जीवन, युद्धों, उनकी सर्प काटने की अविश्वसनीय कला और पृथ्वी से उनके गायब होने का वर्णन है. हिंदुओं का मानना ​​है कि इस दिन उनकी पूजा करने से सांप और अन्य बुराइयों से उनकी रक्षा होगी. इसके अलावा एक प्रचलित धारणा यह भी है कि भगवान गोगा बच्चों को हर नुकसान से बचाते हैं. इसलिए विवाहित महिलाएं गोगा नवमी पर पूजा करती हैं और अपने बच्चों की सलामती और खुशहाली के लिए उनसे प्रार्थना करती हैं. कुछ निःसंतान विवाहित महिलाएं भी इस दिन प्रार्थना करती हैं कि उन्हें संतान का आशीर्वाद मिले.

Goga Navami festival dates between 2018 & 2028

Year Date
2018 Tuesday, 4th of September
2019 Sunday, 25th of August
2020 Thursday, 13th of August
2021 Tuesday, 31st of August
2022 Saturday, 20th of August
2023 Friday, 8th of September
2024 Tuesday, 27th of August
2025 Sunday, 17th of August
2026 Saturday, 5th of September
2027 Thursday, 26th of August
2028 Monday, 14th of August

गोगा नवमी के मंत्र (Goga Navami Mantra)

गोगा जाहर पीर साधना मंत्र

धन धन गोगा मंडली धन धन गोगा सुलतान.

पर्वत धूड़ा धूमीया गोगा चढ़े जहान || गोगे संधी कोठड़ी मली बिशियर नाग |

साधू चले वनखंडी आ करके रुख तमाम ||सारे हाथ निवामदें सीता के अहु राम |

दायें मोढ़े उपर कालका बायें है हनुमत ||माथे उपर नाहर सिंह तू नागो का सुल्तान

फुरों मंत्र ईश्वरो वाचा ||आदेश आदेश आदेश गोगा जाहरपीर को आदेश |

छड़ी का मंत्र

सत नमो आदेश , गुरूजी को आदेश, ॐ गुरूजी

जाहरवीर जाहरवीर सच्ची सरकार

अला बला को ले जा सात समंदर पार

नीला घोडा भगमा भेष , खब्बे पैर पदम् नाग

गल में विराजे भुरीया मस्तक शेषनाग

आओ आओ बाबा जाहर

गोरख गुरु की मन्न आन

तेरी छड़ी कौन विराजे

नारसिंह वीर गाजे

सावलसिंह वीर गाजे

किसके हुक्म से गाजे

गोरख गुरु के हुक्म से गाजे

ना गाजे तो चौथे किंगरे वाला ना कहायें

नारी बामणी का जाया ना कहायें

नागे गुरां की तेई झूठी हो जाये

गोरख गुरु का चेला ना कहायें

माता का पिया दूध हराम करे

जाग रे जाग

जाहरवीर को मन्न के जाग

गोरख गुरु को मन्न के जाग

नागे गुरु को मन्न के जाग

बहन श्याम्कौर को मन्न के जाग

माई मदानण को मन्न के जाग

गपुरी खेड़े को मन्न के जाग

हेमराज गधिले को मन्न के जाग

अस्त बली को मन्न के जाग

नौ नाथों को मन्न के जाग

चौरासी सिद्धों को मन्न के जाग

तेरे संग कौन चले

भैरों हनुमान रख्ता चले

माई कालका चले

माई मदानण चले

कुडडीया वीर चले

बावरी वीर चले

अनंत कोटि सिद्ध चले

मेरे चलाये ना चले

मेरे गुरु के चलाये चले

दादा गुरु के चलाये चले

गुरु गद्दी के चलाये चले

गुरु गोरखनाथ के चलाये चले

नाथ सिद्धों की तलवार

वीरों का वार

छड़ी ले जाये

अला बला को सात समुन्दर पार

इतना जाहर छड़ी जाप सम्पूर्ण सही

नाथ जी गुरुजी को आदेश आदेश

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