नमस्कार दोस्तों, चलिए पोस्ट के जरिए सरल भाषा में जानते है कि, कंप्यूटर क्या है? कंप्यूटर एक मशीन है। यह मशीन डेटा की गणना, स्टोर करने और जानकारी का प्रबंधन करने के निर्देशों को संसाधित करता है। कंप्यूटर के दो प्रमुख घटक होते हैं। एक हार्डवेयर और दूसरा सॉफ्टवेयर हैं. Computer शब्द, Latin शब्द “computare” से आया है। इसका मतलब होता है, Calculation करना या गणना करना। दोस्तों हमारा यह लेख कॉलेज या स्कूल विद्यार्थियों के लिए बेहद ही मददगार साबित होगा। क्योंकि इस पोस्ट में हमारे द्वारा कंप्यूटर की बेसिक से लेकर एडवांस जानकारी आपके साथ साझा की गई है।
computare का मुख्य रूप से तीन कार्य है। पहला डाटा को लेना जिसे हम Input कहते है। दूसरा कार्य लिए गए डाटा को Processing करना होता है। अंत में उसे processed डाटा को दिखाना होता है। जिस Output कहा जाता हैं.
बताते चलें कि, मॉडर्न कंप्यूटर के निर्माता को श्रेय Charles Babbage को दिया जाता है। इसका सीधा कारण है कि, उन्होंने ही सबसे पहले Mechanical कंप्यूटर को डिजाईन किया था, जिसे Analytical Engine के नाम से भी जाना जाता है। सालों पहले इसमें Punch Card की मदद से डाटा को insert किया जाता था।
अब तो आप समझ ही गए होंगे तो दोस्तों कंप्यूटर को हम एक ऐसा advanced इलेक्ट्रॉनिक device कह सकते हैं जो की raw data को input के तोर में User से लेता है। जिसके बाद उसी data को program (set of Instruction) के द्वारा प्रोसेस करता है। और सबसे अंत के परिणाम को Output के रूप में हमें स्क्रीन पर दिखाता है। यह दोनों numerical और non numerical (arithmetic and Logical) calculation को process करता है। आशा करते हैं कि, आपको कंप्यूटर किसे कहते है या कंप्यूटर की परिभाषा समझ आई होगी।
कंप्यूटर का फुल फॉर्म क्या है?
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असल में तकनीकी रूप में कंप्यूटर का कोई फुल फॉर्म नहीं होता है। बावजूद कंप्यूटर का एक काल्पनिक फुल फॉर्म है।
दोस्तों यदि आप इस फुल फार्म को मातृ भाषा हिंदी में ट्रांसलेट करेंगे। तो आपकों के सामने कुछ यह परिणाम आएगा- आम ऑपरेटिंग मशीन विशेष रूप से व्यापार, शिक्षा और अनुसंधान के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
कंप्यूटर कैसे चलाते हैं?
भारत में कुछ लोगों के लिए कंप्यूटर का इस्तेमाल करना लोहे के चने चबाने जैसा मुश्किल हो सकता है। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है। कंप्यूटर को समझना और इसे चलाना बेहद ही आसान है। आप आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि, एक ही समय में कीबोर्ड और माउस का इस्तेमाल किस प्रकार किया जाता है। खैर, यह इतना भी कठिन नहीं है! इसे कैसे करें, इसके बारे में यहां कुछ निर्देश दिए गए हैं-
- माउस पॉइंटर को उस आइकन या अक्षर पर ले जाएं, जिस पर आप क्लिक करना चाहते हैं।
- बाईं माउस बटन को दबाकर रखें।
- पॉइंटर को उस स्थान पर खींचें जहां आप क्लिक करना चाहते हैं।
- वांछित गंतव्य तक पहुंचने पर बाएं माउस बटन को छोड़ दें।
कंप्यूटर का इतिहास
कंप्यूटर क्या है? इसे जानने के साथ साथ इसके इतिहास से जुड़ी जानकारियों पर भी प्रकाश डालना अतिआवश्यक है। इस बात की सही तरह से प्रमाण नहीं किया जा सकता है की कब से कंप्यूटर का development शुरू किया गया। लेकिन officially यानी अधिकारिक तौर पर कंप्यूटर development को generation के मुताबिक classify यानी विभाजित कर दिया गया है। यह मुख्य रूप से 5 हिस्सों में बंटे हुए हैं।
जब बात Computer की generation की आती है। तो इसका अर्थ है कि, Computer की पीडियां in hindi. जैसे जैसे computer में विकास होता है या कुछ भी नया अपडेट आता है, तो उन्हें अलग अलग पीड़ियों में विभाजित कर दिया गया। जिससे की इन्हें सठिक रूप से समझने में आसानी हो। पीड़ियों का अर्थ नए-नए वर्शन को कहा जा सकता है। चलिए अब कंप्यूटर की पीड़िया यानी के जनरेर्शन के इतिहास से धूल हटा देते हैं।
1. कंप्यूटर की पहली पीढ़ी – 1940-1956 “Vacuum Tubes”
सबसे पहला generation कंप्यूटर Vaccum tubes को circuitry और Magnetic Drum को memory के लिए उपयोग में लिया जाता था। यह size में काफी बड़े बड़े हुआ करते थे। इन्हें ऑपरेट करने में बहुत अधिक विद्युत का उपयोग होता था। आकार में अधिक बड़ा होने के कारण इसमें heat की भी बहुत समस्या थी। जिसके चलते यह कई बार malfunction भी होता था। इस उपकरण में Machine Language का इस्तेमाल किया जाता था। उदहारण के तौर पर UNIVAC and ENIAC computers.
2. कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी – 1956-1963 “Transistors”
बदलते समय के साथ Second generation के computers में transistors ने vaccum tubes की जगह ले ली। Transistor बहुत ही कम जगह लेते थे, छोटे थे, faster थे, सस्ते थे और ज्यादा Energy Efficient थे। यह फर्स्ट generation के कंप्यूटर की तुलना में कम heat generate करते थे लेकिन फिर भी इसमें heat की समस्या अभी भी थी। इनमें High Level programming Language जैसे COBOL और FORTRAN को इस्तमाल में लाया गया था।
3. कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी – 1964-1971 “Integrated Circuits”
Third generation के कंप्यूटर में पहली बार Integrated Circuit का उपयोग किया गया था। जिसमें Transistors को छोटे छोटे कर silicon chip के अन्दर डाला जाता था जिसे Semi Conductor कहा जाता है। इससे यह लाभ हुआ की कंप्यूटर की processing करने की क्षमता काफी हद तक बढ़ गई। यह दोनों जनरेर्शन से काफी बेहतर था। पहली बार इस generation के computers को ज्यादा user friendly बनाने के लिए Monitors, keyboards और Operating System का इस्तेमाल किया गया. इसे पहली बार Market में launch किया गया।
4. कंप्यूटर की चौथी पीढ़ी – 1971-1985 “Microprocessors”
Forth generation की ये खासियत है की इसमें Microprocessor का इस्तमाल किया गया. जिससे हजारों Integrated Circuit को एक ही सिलिकॉन chip में embedded किया गया। इससे मशीन के आकार को कम करने में सुविधा हुई। Microprocessor के उपयोग से कंप्यूटर की efficiency और भी काफी हद तक बढ़ गई। यह बहुत ही कम समय में बड़े बड़े कैलकुलेशन कर पा रहा था।
5. कंप्यूटर की पांचवीं पीढ़ी – 1985-present “Artificial Intelligence”
Fifth generation आज के दोर का है जहाँ की Artificial Intelligence ने अपना परचम लहराया है। नवीन-नवीन Technology जैसे Speech recognition, Parallel Processing, Quantum Calculation जैसे कई advanced तकनीक इस्तेमाल में आने लगे हैं। एक ऐसा generation हैं जहाँ की कंप्यूटर की Artificial Intelligence होने के कारण स्वयं decision लेने की क्ष्य्मता आ चुकी है। धीरे धीरे इसके सारे काम Automated यानी की स्वत: ही हो जाएंगे।
कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया?
आधुनिक कंप्यूटर का जनक किसे कहा जाता है? ऐसे तो बहुत से लोगों ने इस Computing Field में अपना-अपना कठिन श्रमदान दिया है, लेकिन इन सब में से अधिक और सफल योगदान Charles Babage का है। इसका सीधा कारण है कि, उन्होंने ही सबसे पहले Analytical Engine सन 1837 में निकला था. उनके इस engine में ALU, Basic Flow control और Integrated Memory की concept लागू की गई थी। इसी model पर ही साल 2022 के कंप्यूटर को design किया गया। इसी के चलते Charles Babage को कंप्यूटर के जनक के नाम से भी जाना जाता है।
कंप्यूटर की परिभाषा
किसी भी modern digital कंप्यूटर के कई components हैं लेकिन उन में से कुछ बहुत ही बेहद महत्वपूर्ण है- जैसे Input device, Output Device, CPU(Central Processing Unit), Mass Storage Device और Memory.
accepts data | Input |
processes data | Processing |
produces output | Output |
stores results | Storage |
कंप्यूटर का कार्य
Input (Data): Input वह step यानी कि चरण हैं। जिसमें की Raw Information को Input Device इस्तेमाल कर कंप्यूटर में डाला जाता है। यह किसी प्रकार का कोई शब्द या letter, पिक्चर या कोई विडियो भी हो सकता है।
Process: Process के दौरान input हुए data को instruction के अनुसार processing की जाती है। यह पूर्ण रूप से Internal प्रोसेस है।
Output: Output के दौरान जो data पहले से process हो चुकी हैं उसको Result के तोर में show किया जाता है। इतना ही नहीं यदि हम चाहें तो इस result को save करके Memory में रख भी सकते हैं Future में उपयोग करने के लिए।
कंप्यूटर की मूल यूनिटों का नामांकित चित्र
दोस्तों यदि आपने कभी किसी कंप्यूटर case के भीतर झाकर देखा होगा। आपकों यह दिखाई दिया होगा कि, इसके अंदर छोटे छोटे अनगिनत components होते है। जो देखने में बेहद ही complicated दिखते हैं, पर वो actually में उतने complicated नहीं होते. अब में आप लोगों को इन्ही components बारे में पोस्ट में विस्तार पूर्वक जानकारी दी जाएगी।