चेचक, शीतला, मसूरिया ज्वर के कारण, लक्षण और उपचार

चेचक, शीतला, मसूरिया ज्वर के कारण, लक्षण और उपचार : Chechak, Shitla, Masuriya Jvar Ke Karan Lakshan Aur Upchar
चेचक, शीतला और मसूरिया ज्वर के कारण व लक्षण
शीतला, चेचक या मसूरिया यह प्राचीन बीमारियां है, जो आदि काल से चली आ रही है. शीतला एक प्रकार का बुखार है, जो सामान्य तौर पर बच्चों को होता है. इसमें बच्चों के शरीर पर छोटे-छोटे घाव हो जाते है. शीतला, चेचक या मसूरिया निकलने से पूर्व तेज ज्वर यानी की बुखार आता है. शरीर में खुजली होने लगती है. दर्द से शरीर में फटने लगता है. भूख नहीं लगती, त्वचा में सूजन आ जाती है. कई मामलों में शरीर का रंग बदल जाता है तथा रोगी की आंखें खून की तरह लाल हो जाती हैं. बुखार, सिरदर्द, उबकाई व बेचैनी आदि होती है. शरीर में रोग के पहले तीन-चार दिन पहले सिर, गर्दन और छाती पर लाल निशान दिखाई देने लगते हैं. जिसके बाद पूरे शरीर पर फुंसियों जैसे दाने उभर आते हैं.
उपचार
आंवला : आंवला, मुलहठी, बहेड़ा, दारूहल्दी की छाल, नीलकमल, खस, लोधा तथा मजीठा इन सबको पीसकर आंखों पर लेप करने से मसूरिया ठीक हो जाती हैं.
बदाम : 5 बादाम पानी में भिगोकर पीसकर रोगी को पिलाते रहने से चेचक के दाने शीघ्र ही भर जाते हैं व रोग जल्दी ठीक हो जाता है.
आडू : आडू के रस में शुद्ध शहद मिलाकर पिलाने से अफजल मसूरिया में लाभ होता है.
सत्यानाशी : सत्यानाशी के कोमल पत्ते को गुड़ मिलाकर खाने से चेचक नहीं निकलती.
बेर : बेर का चूर्ण गुड़ के साथ खाने से मसूरिया शीघ्र ही पक जाती है व रोगी जल्दी ठीक हो जाता है.
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अनार : मुनक्का के साथ मुलहठी, गिलोय, ईख की जड़ तथा मीठा अनार के छिलकों को पीसकर गुड़ मिलाकर पीने से चेचक में काफी लाभ होता है.
नारंगी : नारंगी के छिलकों को सुखाकर पीस लें तथा इसके चार चम्मच मे गुलाबजल मिलाकर पेस्ट बनाकर प्रतिदिन चेहरे पर मलें. इससे चेचक के दाग ठीक हो जाएंगे।यह उपचार तब तक करे, जब तक दाग पूरी तरह समाप्त नहीं हो जाते.
अंगूर : गर्म पानी में अंगूर धोकर खाने से चेचक मे काफी लाभ होता है.
मुनक्का : चेचक के रोगी को दिन में कई बार मुनक्का खिलाएं।सलाह तो यहां तक जाती है कि चेचक में रोगी के मुंह में मुनक्का हमेशा रखे रहन चाहिए।इससे चेचक में काफी राहत महसूस होती है.
किशमिश : चेचक के रोगी को किशमिश खाने से बहुत लाभ होता है। इससे उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है.
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