गिलोय में हल्दी,नमक और नींबू मिलाकर पीने के फायदे । Benefits of drinking turmeric salt with lemon in Giloy
प्राचीन काल से गिलोय को एक औषधि के रुप में जाना जाता है। पान के पत्तों के समान हुबहू दिखाई देने वाली बेल को गिलोय कहा जाता है। गिलोय को हिंदी (Giloy in Hindi) में गडुची, गिलोय, अमृता कहा जाता है। बहुत कम लाेग ही गिलोय में हल्दी, नमक, नींबू मिलाकर पीने के फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं। गिलोय के बारे में आयुर्वेदिक ग्रंथों में बहुत ही अचूक फायदे बताए गए है।
जिन्हें अपनाने से आपको स्वास्थ्य लाभ होगा। आयुर्वेद में इसे रसायन की उपमा दी गई है। प्राकृतिक तौर पर गिलोय का स्वाद बेहद ही कसैला, कड़वा और तीखा होता है।
गिलोय में हल्दी, नमक, नींबू मिलाकर पीने से वात-पित्त, कफ, पाचन तंत्र, भूख बढ़ाना, आंखों की रोशनी,प्यास, जलन, डायबिटीज, कुष्ठ और पीलिया रोगों को दूर किया जा सकता है। इतना ही नहीं वीर्य को बढ़ाने में, बुखार, उलटी, सूखी खांसी, हिचकी, बवासीर, टीबी, मूत्र रोग में गिलोय का सेवन करना बेहत ही लाभदायक है।
गिलोय में हल्दी,नमक और नींबू मिलाकर पीने के फायदे । Benefits of drinking turmeric salt with lemon in Giloy
- आंखों के रोग में फायदेमंद गिलोय (Benefits of Giloy to Cure Eye Disease in Hindi) –10 मिली ग्राम गिलोय के रस में 1-1 ग्राम शहद, सेंधा नमक, हल्दी मिलाकर आंखों में काजल की तरह लगाने से नेत्र दोष दूर होते हैं।इससे आंखों में चुभन, काला तथा सफेद मोतियाबिंद रोग भी जड़ से ठीक हो जाते हैं।
- कान रोग को दूर करने में गिलोय का प्रयोग (Uses of Giloy in Eye Disorder in Hindi) – गिलोय के तने को पानी में गुनगुना उबालकर प्रतिदिन 2-2 बूंद दिन में दो बार डालने से कान संबंधी रोग दूर होते हैं। इससे मैल (कान की गंदगी) बाहर स्वत: ही निकल जाती है।
- पाचन तंत्र को मजबूत करता है – गिलोय में हल्दी,नमक और नींबू मिलाकर मिलाकर पीने से घुटनों के दर्द में राहत मिलती है। गिलोय के तने को पानी के साथ उबालकर इसे रात्रि के समय पीने से पाचन तंत्र मजबूत होता है। समय पर भूख बढ़ाने में कारगर।
- हिचकी को रोकने के लिए (Giloy Benefits to Stop Hiccup in Hindi – गिलोय और सोंठ के चूर्ण को सूंघने से हिचकी बंद हो जाती है।
- मूत्र रोग (रुक-रुक कर पेशाब होना) में गिलोय से लाभ (Giloy Cures Urinary Problems in Hindi) – गुडूची यानी गिलोय के 10-20 मिली रस में 2 ग्राम पाषाण भेद चूर्ण और 1 चम्मच शहद मिलाकर दिन में सेवन करने से रुक-रुक कर पेशाब होने की बीमारी ठीक हो जाती है।
इसे भी पढ़े :