Ashwagandha Ke Fayde In Hindi | Benefits of Ashwagandha | अश्वगंधा के फायदे –अश्वगंधा का नाम तो आपने कई बार सुना होगा. अश्वगंधा के विज्ञापन आपने अखबारों में या टेलीविजन पर भी देखे होंगे. पोस्ट के जरिए हम आपकों बताते है कि, अश्वगंधा क्या है या अश्वगंधा के गुण क्या हैं.
अश्वगंधा असल में एक भारतीय प्राचीन औषधि है. इसका उपयोग कई पुरानी बीमारियों के उपचार में किया जाता है. अश्वगंधा का इस्तेमाल मोटापा कम करने, ताकत बढ़ाने और वीर्य विकारों के लिए किया जाता है? इसके अलावा अश्वगंधा के और भी बहुत से फायदे हैं। अश्वगंधा के कुछ विशेष औषधीय गुणों के कारण यह बहुत लोकप्रिय है. आइए पोस्ट के जरिए हम आपकों बताते हैं कि आप किन बीमारियों में और कैसे अश्वगंधा का इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन इससे पहले जान ले अश्वगंधा क्या है.
अश्वगंधा क्या होता है
अलग-अलग देशों में अश्वगंधा कई प्रकार का होता है, कृषि के द्वारा उगाए गए अश्वगंधा की गुणवत्ता जंगल में पाए जाने वाले अश्वगंधा से बेहतर होता है. जंगलों में पाया जाने वाला अश्वगंधा का पौधा तेल निकालने के लिए अच्छा माना जाता है. मुख्य: रूप से इसके दो प्रकार है- छोटी अश्चगंधा और बड़ी या देशी अश्वगंधा है.
छोटी अश्वगंधा किसे कहते है – इसकी छोटी झाड़ी के कारण इसे छोटा असंगंद कहा जाता है, लेकिन इसकी जड़ बड़ी होती है. यह बहुतायत में राजस्थान के नागौर में पाया जाता है और वहां की जलवायु के प्रभाव के कारण विशेष रूप से प्रभावशाली है. इसलिए इसे नागोरी असगंधा भी कहा जाता है.
बड़ा या देशी अश्वगंधा क्या है- इसकी झाड़ी बड़ी होती है, लेकिन जड़ें छोटी और पतली होती हैं. यह आमतौर पर बगीचों, खेतों और पहाड़ी स्थानों में पाया जाता है. असगंधा में कब्जी गुणों की प्रधानता पाए जाति हा इसका रस का सुगंध घोड़े की मूत्र जैसी होती है. जो की इसे मसलने पर सुगंध आता है. दवाओं में इसका बहुत अधिक प्रयोग होता है.
अश्वगंधा के फायदे (Ashwagandha Ke Fayde In Hindi)
अश्वगंधा के पत्तियों का उपयोग इसके चूर्ण के लिए अधिक किया जाता है. कई रोगों में अश्वगंधा आश्चर्यजनक रूप से लाभकारी माना जाता है इसका औषधीय उपयोग इस प्रकार करना चाहिए:
1. सफेद बालों की समस्या को रोकने के लिए करें- अगर समय से पहले ही आपके बाल सफेद हो रहे है तो आप 2-4 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण का सेवन करें. इसका पेस्ट बनाकर अपने बालों पर लगाने से लाभ मिलता है.
2. अश्वगंधा से आंखों की रोशनी बढ़ाए- 2 ग्राम अश्वगंधा, 2 ग्राम आंवला और 1 ग्राम मुलेठी को मिलाकर चूर्ण बना लें. इस चूर्ण का एक चम्मच सुबह और रात को पानी के साथ लेने से आंखों की रोशनी में बढ़ाने में सहायक होता है.
3. टीबी रोग में फायदेमंद है अश्वगंधा- अगर आप टीबी रोग से बहुत परवान है तो फिर आप अश्वगंधा की जड़ का चूर्ण बना लें. इस चूर्ण को 2 ग्राम लेकर 1 ग्राम बड़े पीपल का चूर्ण, तथा 5 ग्राम घी और 5 ग्राम शहद को आपस में मिला लें. इसका सेवन टीबी रोग में बहुत लाभकारी होता है.
4. खांसी दूर करने के लिए अश्वगंधा का प्रयोग- अश्वगंधा की जड़ को 10 ग्राम पीस लें. और 10 ग्राम मिश्री मिलाकर 400 मिलीग्राम पानी में कुछ देर तक गर्म करें ताकि पानी बहुत कम बच जाए एक-आठवां अब इसे थोड़ा-थोड़ा करके सुबह शाम लेने से खांसी से आपको जल्द राहत मिलेगा, वात के कारण होने वाले कफ या कफ की समस्या में विशेष लाभ होता है. या अश्वगंधा के पत्तों से तैयार 40 मिलीग्राम गाढ़ा काढ़ा लें। 20 ग्राम बहेड़ा चूर्ण, 10 ग्राम कत्था चूर्ण, 5 ग्राम काली मिर्च और 2.5 ग्राम सेंधा नमक मिलाएं. 500 मिलीग्राम की गोलियां बनाएं. और इन गोली को चूसने से सभी प्रकार की खांसी ठीक हो जाती है.
5. अश्वगंधा पेट के रोगों में लाभकारी हैं– पेट की बीमारियों में भी आप अश्वगंधा के चूर्ण का सेवन कर सकते हैं. अश्वगंधा चूर्ण का उपयोग आप पेट के रोगों में कर सकते हैं. बहेड़ा चूर्ण को उतनी ही मात्रा में अश्वगंधा चूर्ण में मिलाएं। 2 से 4 ग्राम ब्राउन शुगर के साथ सेवन करने से पेट के कीड़े मर जाते हैं.
6. गठिया से राहत के लिए अश्वगंधा के फायदे- दोस्तों यदि आप गठिया जैसी बीमारियों का सामना कर रहे है तो आल 2 ग्राम अश्वगंधा का चूर्ण लेकर गर्म दूध या पानी या गाय के घी या चीनी के साथ सुबह-शाम सेवन करते है तो गठिया से आपको जल्द राहत मिलेगा.
7. कमर दर्द और अनिद्रा की समस्या में फायदेमंद है- 30 ग्राम अश्वगंधा के ताजे पत्तों को 250 मिलीग्राम पानी में उबालें. जब पानी आधा रह जाए तो इसे छानकर पी लें. यह प्रक्रिया करीब एक सप्ताह तक करें.
8. अश्वगंधा त्वचा रोगों के उपचार में लाभ करता है- अश्वगंधा के पत्तों का पेस्ट बना लें. इसके लेप या पत्तों के काढ़े से त्वचा धोने से त्वचा के अनेकों रोगों से राहत मिलता है या त्वचा पर होने वाले घावों पर इसका पेस्ट लगाने से घाव ठीक हो जाता है तथा यह सूजन को दूर करने में भी बहुत फायदेमंद होता है. अश्वगंधा की जड़ को पीसकर गर्म करके लगाने से दाद की समस्या में लाभ मिलता है.
9. अश्वगंधा शरीर से दुर्बलता को दूर करता है- 6 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण में उतनी ही मात्रा में मीठी चीनी और शहद मिलाएं. 10 ग्राम गाय का घी डालें. इस मिश्रण को 2-4 ग्राम सुबह और रात में 4 महीने तक सेवन करने से शरीर को पोषण मिलता है और शरीर की दुर्बलता काम होता है.
10. रक्त संबंधी विकारों में अश्वगंधा के लाभ – अश्वगंधा पाउडर में उतनी ही मात्रा में चोपचीनी पाउडर या चिरायता पाउडर मिलाएं। इसकी 3-5 ग्राम सुबह शाम सेवन करने से खून की समस्या दूर हो जाती है.
11. बुखार से लड़ने के लिए अश्वगंधा का प्रयोग – 2 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण और 1 ग्राम गिलोय का रस मिलाएं. इसे रोजाना रात को गर्म पानी या शहद के साथ लेने से पुराना बुखार जल्द ही ठीक हो जाता है.
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