उज्जैन. मध्य प्रदेश की उज्जैन पुलिस ने बुधवार रात पांच अपराधियों को उस समय पकड़ा जब वह डकैती की योजना बना रहे थे। गिरोह का सरगना अपहरण, हत्या और लूट को अंजाम दे चुका है। पकड़े गए छोटी उम्र के बदमाशों के पास से चोरी की पांच बाइक, एक पिस्टल, तलवार, चाकू और दो कारतूस भी जब्त हुए है। 27 जनवरी 2021 को झारखंड से उज्जैन पहुंचे एक दर्शनार्थी परिवार के साथ हुई लूट की वारदात को भी इन्हीं पांच बदमाशों ने अंजाम दिया था। खास बात यह है कि अपराधियों की उम्र 18 साल से 32 साल है।
डकैती डालने से पहले ही पुलिस ने धर दबोचा
एएसपी अमरेंद्र सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि, बीती बुधवार रात को जीवाजीगंज थाना प्रभारी मनीष मिश्र को मुखबिर से सूचना मिली थी कि रामजनार्दन मंदिर से चित्रगुप्त मंदिर को जाने वाले रास्ते पर कुछ बदमाश प्रवृत्ति के युवक हथियार लेकर बैठे हैं। शायद किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं।
सूचना मिलते ही एसआई प्रमोद भदौरिया और एसआई नेहा जादौन के नेतृत्व में आरक्षक श्याम, मनीष, रवींद्र, चैनसिंह और राजवीर ने मौके पर दबिश दी। पुलिस को देखते ही बदमाश भागने लगे। घेराबंदी कर पांच बदमाशों को दबोच लिया गया। अंधेरे का लाभ उठाते हुए बदमाशों का एक साथी फरार होने में सफल रहा। पूछताछ में युवकों ने कबूला है कि वह डकैती की योजना बना रहे थे।
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बदमाशों की पहचान इस रूप में हुई
- करण उर्फ भूरा (23) पिता पीरूलाल मालवीय निवासी तिलकेश्वर कॉलोनी उज्जैन।
- राहुल उर्फ अमीरचंद्र (24) पिता मुन्नालाल निवासी कमल कॉलोनी उज्जैन।
- महेश (24) पिता जगदीश निवासी थाना डेलवास जिला रतलाम।
- सचिन उर्फ अप्पू खोटा (18) पिता महेश निवासी बलाईवाड़ा उज्जैन।
- सूरज (32) पिता रमेश चंद्र निवासी तिलकेश्वर कॉलोनी उज्जैन।
महेश रेप में एक साल से था फरार
पकड़े गए युवकों का आपराधिक रिकार्ड खंगालने पर पुलिस को पता चला है कि, महेश रेप के एक मामले में रतलाम से एक साल से फरार था। सचिन और महेश तीन साल पहले उज्जैन के कार्तिक मेला ग्राउंड में हुई एक हत्या में शामिल थे। साल 2016 में एक अपहरण के मामले में भी सचिन जेल जा चुका है। करन मालवीय का जीवाजीगंज थाने में आपराधिक रिकॉर्ड है। सूरज पर चार और राहुल के खिलाफ 11 आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं।
जेल में हुई दोस्ती और बना ली गैंग
एएसपी ने प्रेस बयान जारी बताया है कि, पकड़े गए बदमाश विभिन्न मामलों में जब जेल में बंद थे उसी दौरान उनकी गहरी दोस्ती हुई। जेल से छूटने के बाद गिरोह बनाकर चोरी, लूट और डकैती जैसा जघन्य अपराध को अंजाम देने लगे।