कब और कैसे दें सूर्य को अर्घ्य? इन नियमों का पालन करने से मिलेगा शुभ फल

Surya Arghya Niyam: पूरे संसार में प्रकाश और ऊर्जा का स्रोत सूर्य ही है. हिंदू धर्म में सूर्य को भगवान के रूप में पूजा जाता है. सूर्य को स्वास्थ्य, पिता और आत्मा का कारक माना जाता है. कुंडली में मौजूद दोष को दूर करने के लिए नित्य भगवान सूर्य को अर्घ्य दिए जाने की मान्यता है. सूर्य के मजबूत होने से मान-सम्मान की प्राप्ति होती है. आपको बता दें कि सूर्य भगवान को जल चढ़ाने के भी कुछ नियम हैं. यदि आप इन नियमों का पालन करके सूर्य भगवान को जल चढ़ाते हैं तो इससे आपको शुभ फल की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं उन नियमों के बारे में-Also Read – धनतेरस कब है 2023 में। Dhanteras Kab Hai 2023, शुभ मुहूर्त

– सूर्य को जल हमेशा अल सुबह देना फायदेमंद होता है. सूर्य की रौशनी तेज हो या चुभने लगे तब जल देने से कोई फासदा नहीं होता है. सूर्य को जल देने के बाद ऊं आदित्य नम: मंत्र या ऊं घृणि सूर्याय नमः मंत्र का जाप करना बेहद ही फलदायी होता है. Also Read – Rabbit Vastu Tips: खरगोश पालना हैं शुभ, जानें फायदों के बारे में
– सूर्य को जल देते समय आपका मुख पूर्व दिशा की ओर ही होना चाहिए. यदि कभी पूर्व दिशा की ओर सूर्य नजर ना आएं तब ऐसी स्थिति में उसी दिशा की ओर मुख करके ही जल अर्घ्य दें. यह कुंडली में मौजूद दोषों को दूर करता है. Also Read – Ashadha Gupta Navratri 2021 Date: कब है आषाढ़ गुप्त नवरात्रि?
– लाल कपड़े पहनकर सूर्य को जल देना ज्यादा शुभ माना गया है, जल अर्पित करने के बाद धूप, अगबत्ती से पूजा भी करनी चाहिए.
– सूर्य को अर्घ्य देने से पहले जल में रोली या फिर लाल चंदन मिलाएं, साथ ही लाल फूल के साथ अर्घ्य दें.
– अर्घ्य देते वक्त आपके दोनों हाथ सिर से ऊपर होने चाहिए. ऐसा करने से सूर्य की सभी किरणें शरीर पर पड़ती हैं. सूर्य देव को जल चढ़ाने से नवग्रह की कृपा भी प्राप्त होती है.
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