
नागदा। ग्रेसिम उद्योग नागदा (Grasim unit at Nagda) द्वारा परिसर में बनाए जा रहे नए प्लांट को लेकर एक बार फिर बखेड़ा खड़ा हो गया है। उद्योग द्वारा लगभग 60 करोड़ की लागत से शून्य नि:स्त्राव प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है। नगर पालिका सीएमओ भविष्य कुमार खोब्रागड़े ने उद्योग प्रबंधन को नोटिस जारी कर प्रोजेक्ट को बिना अनुमति बनाने का मुद्दा बनाया।
ग्रेसिम उद्योग नागदा का जवाब भी सामने आया है। ग्रेसिम ने हाईकोर्ट का एक निर्णय प्रस्तुत किया है। नगर पालिका सीएमओ ने हालांकि इस निर्णय को प्रथम द्ष्टया अप्रासंगिक बताते हुए विधि वेता के समक्ष रायशुमारी के लिए अपने अभिमत के लिए भेजा है।

सीएमओ ने की पुष्टि
सीएमओ भविष्य कुमार का कहना है कि अभिषेक चौरसिया निवासी नागदा की शिकायत पर इस पूरे प्रकरण को समझा और पुन: ग्रेसिम उद्योग नागदा प्रबंधन को बिना अनुमति के निर्माण कार्य करने पर नोटिस जारी किया था। नोटिस में प्रबंधन ने हाईकोर्ट के एक निर्णय से बचाव का प्रयास किया है।
हालांकि हाईकोर्ट के इस निर्णय से बिना अनुमति निर्माण को प्रथम द्ष्टया कोई सरोकार नहीं है। फिर भी नपा के अधिवक्ता के समक्ष इस निर्णय को भेजा गया है। उनका अभिमत मिलने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी।
क्या है जेएलडी प्रोजेक्ट निर्माण
एनजीटी के आदेश पर ग्रेसिम प्रबंधन एक ऐसा प्रोजेक्ट बना रहा है जिसके माध्यम से उद्योग का प्रदूषित एक बूंद भी पानी बाहर नहीं छोड़ा जाएगा। यह प्रोजेक्ट 31 जनवरी 2021 तक पूरा करना था। लेकिन पूरा नहीं हुआ। इसके लिए प्रबंधन प्रदूषण विभाग ने समय सीमा बढाई है। बताया जा रहा है कि यह प्रोजेक्ट इजराइल की तकनीकी से बन रहा है। जिस पर तकरीबन 60 करोड़ खर्च का अनुमान है।
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