नागदा। विद्यानगर क्षेत्र में रेलवे ट्रेक के सीमप बने एक नाग महाराज के निर्माणधीन ओटले को बुधवार दोपहर को अज्ञात लोगों ने तोड़ दिया। जिससे क्षेत्र के लोग नाराज हो गए और माैके पर एकत्रित होकर विरोध करने लगे। घटना की सूचना मिलते ही हिन्दू जागरण मंच के जिला अध्यक्ष शेलेंद्र सोनी व अन्य पदाधिकारी भी पहुंच गए।
मामला बढ़ता देख तहसीलदार आरके गुहा, आरपीएफ थाना प्रभारी मोहम्मद रफिक मंसूरी, बिरलाग्राम थाना प्रभारी हेमंत जादोन आ गए। आरपीएफ थाना प्रभारी मंसूरी ने यह कहा कि उनके द्वारा कोई निर्माण नहीं तोड़ा गया है।
जिससे रहवासियों का गुस्सा और भड़का, विरोध बढ़ता देख तहसीलदार गुहा ने यह आश्वसन दिया कि आप मंदिर के ओटले का निर्माण करें, भविष्य में यदि रेलवे द्वारा कोई निर्माण किया जाएगा तो उस समय समस्या का निराकरण किया जाएग। तहसीलदार के इस आश्वसन के बाद रहवासियों चेहरे खिल उठे।
क्या है मामला
क्षेत्र में रेलवे ट्रेक के समीप लगभग 30 वर्ष पुराना एक नाग महाराज का ओटला है। ओटला क्षतिग्रस्त होने के चलते रहवासियों द्वारा उसके जीर्णद्वार का कार्य प्रारंभ किया गया। बुधवार दोपहर 3 बजे रेलवे के कुछ कर्मचारी आए और कहा कि यह निर्माण कार्य रोक दें। उसके बाद लोगों ने कार्य करना बंद कर दिया।
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लेकिन लगभग 1 घंटे बाद तीन युवक आए और ओटले को पांव से गिराने लगे एवं तोड़-फोड़ करने लगे। यह नजारा देख आसपास की महिलाएओं ने जोर मचाया तो आसपास के लोग घरों से बाहर आ गए, लोगों का गुस्सा देख तोड़-फोड़ करने वाले तीनों युवक मौके से फरार हो गए। मंदिर के पुजारी शंभूसिंह ने बताया कि जब वह खाना खाने गया था उसी समय यह तोड़-फोड़ हुई।
किस ने तोड़ा मंदिर किसो पता नहीं
लोगों का विरोध देख वहां पहुंचे बिरलाग्राम थाना प्रभारी जादोन ने आरपीएफ से बल बुलवाया। आरपीएफ थाना प्रभारी मंसुरी ने कहा कि रेलवे द्वारा कोई तोड़-फोड़ नहीं कि गई क्यों कि रेलवे द्वारा जब भी कोई अतिक्रमण हटाया या तोड़-फोड़ कि जाती है तो उनको सूचना दी जाती है।
लेकिन इस ओटले कि कोई सूचना नहीं है। ऐसे में अब यह प्रश्न उठ रहा है कि आखिरकार किस के द्वारा यह ओटला तोड़ा गया। रहवासियों द्वारा कोई नया निर्माण भी नहीं किया जा रहा था। चूंकि ओटला काफी पुराना था तो चूने का बना हुआ था, उसे हटाकर सीमेंट का बनाया जा रहा था।