आईसीआईसीआई बैंक में हुई धोखाधड़ी में नागदा का एक प्रतिष्ठत व्यापारी शामिल

रविंद्र सिंह रघुवंशी/ नागदा आईसीआईसीआई बैंक नागदा (nagda icici bank news) में हुए लगभग ढेड़ करोड़ के घोटाले में एक नया मोड़ आया, इस घोटाले में शहर में एक प्रतिष्ठ व्यापारी की भूमिका भी है। उक्त व्यापारी के माध्यम से ही घटना के मुख्य आरोपी बैंक अधिकारी दिलीप व्यास ने किसानों के खाते में से लाखों की राशि निकाली थी।

पुलिस अब शीघ्र व्यापारी शंभू पोरवाल से भी पूछताछ करेगी। पुलिस ने गुरुवार को 7 लाख 40 हजार रुपए और वसूल लिए है। अभी तक पुलिस 18 लाख 95 हजार रुपए नगद वसूल कर चुकी है। पुलिस ने गुरुवार को रिमांड अवधि समाप्त होने पर बैंक अधिकारी दिलीप व्यास व कैशियर सुशील कुमार मीणा को न्यायालय में पेश किया। पुलिस ने न्यायालय से आरोपी व्यास को और रिमांड कि मांग की थी। जिसे न्यायालय ने मंजूर करते हुए व्यास का 1 मार्च तक रिमांड बढ़ा दिया है। जबकि कैशियर मीणा को जेल भेजने का आदेश दिया।

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आईसीआईसीआई बैंक में हुई धोखाधड़ी में नागदा का एक प्रतिष्ठत व्यापारी शामिल

पुलिस ने वसूले 07 लाख रुपए

आरोपी व्यास ने किसानों के खाते में से राशि निकाल कर ब्याज पर वितरण कर दी थी। पुलिस ने उन समस्त कर्जदारों को फोन कर थाने बुलाया और रुपए लौटाने का कहा। पुलिस ने 7 लाख 40 हजार रुपए बरामत किए। हालांकि व्यास ने 23 लाख रुपए ब्याज पर वितरण किए थे। इनमें से पुलिस ने पूर्व में कुछ राशि जब्त कर ली थी। अभी तक पुलिस ने 18 लाख 95 हजार रुपए वसूल कर चुकी है।

नागदा का व्यापारी भी शामिल

बैंक अधिकारियों के इस गौरखधंधे में शहर का एक प्रतिष्ठ व्यापारी शंभू पोरवाल भी शामिल है। थाना प्रभारी श्यामचंद्र शर्मा के मुताबिक पोरवाल के माध्यम से व्यास ने बैंक में किसानों के खाते में से धोखाधड़ी करने प्रारंभ की थी। पोरवाल ने व्यास को 25 लाख रुपए ब्याज पर उधार दिए थे।

जिसके बदले में वह 90 लाख रुपए लौटा चुका था। गौरतलब है कि पोरवाल का कृषि संबंधित व्यापार है। उसके खिलाफ खंडवा, जावरा व नागदा थाने में शिकायत है। जावरा थाने में नकली खाद के मामले में प्रकरण भी दर्ज है। इस प्रकरण में उसकी गिरफ्तारी भी हुई थी।

क्या है पूरा मामला

आईसीआईसीआई बैंक के खातेदार लगभग 30 किसानों के खाते में से गत दो माह से अचानक राशि निकल गई। यह राशि किसानों के केसीसी खाते में से निकली। किसानों को जब इसकी भनक लगी तो वह बैंक पहुंचे, पहले तो बैंक प्रबंधक यह दलिल देता रहा कि आप को राशि लौटा दी जएगी, लेकिन अब किसानों के खाते में राशि नहीं आई और केसीसी विभाग का बैंक अधिकारी दिलीप व्यास लापता हो गया।

जिसके बाद किसानों ने पुलिस थाने में शिकायत की । पुलिस ने 30 किसानों से आवेदन लेकर केसीसी विभाग के अधिकारी दिलीप व्यास पर प्रकरण दर्ज किया। व्यास को गिरफ्तार कर पूछताछ कि तो इस खेल में बैंक के अन्य अधिकारी के शामिल होने की बात सामने आई।

पुलिस ने मामले में बैंक मेनेजर वैभव पिता ओमप्रकाश बडेरा निवासी वेद नगर उज्जैन, डिप्टी मैनेजर दिनेश पिता सिद्वनाथ राठौर निवासी शिवलोक खजूरी थाना सांरगपुर जिला राजगढ़, कैशियर सुशील कुमार पिता रामगोपाल मीणा निवासी शिवलोक खजूरी कला पिपलानी भोपाल, कंज्यूमर सर्विस ऑफिसर अंकित पिता रमेश कपूर निवासी कृष्ण परिसर थाना नानाखेड़ा उज्जैन, यशपाल सोलंकी पिता ईश्वर सोलंकी निवासी राजपूत मोहल्ला नरवर जिला उज्जैन को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ भादवि की धारा 420, 409, 468, 471 में प्रकरण दर्ज किया है। इन सब के पास से पुलिस ने दो कार भी जब्त की।

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