नागदा. देश में केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा किसानों के हित के लिए कई योजनाए चलाई जा रही हैं, लेकिन निजी बैंको प्रबंधनों की कार्यप्रणाली के चलते किसानों को नई योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। नागदा में एक बार फिर बैंक द्वारा किसान के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आया है।
कोटा फाटक क्षेत्र में स्थित आईसीआईसीआई बैंक द्वारा क्षेत्र के दर्जनों किसानों के साथ धोखाधड़ी की गई। बैंक सूत्रों के मुताबिक बैंक के स्थानीय कर्मचारियों ने कई किसानों के खातों में से राशि निकाल ली। यह आकड़ा लगभग 1 करोड़ रुपए से अधिक का बताया जा रहा है। किसानों को इसकी जानकारी जब लगी जब उन्होंने अपने बैंक खातों का स्टेटमेंट निकलवाया तो।
धोखाधड़ी की जानकारी मिलते ही बुधवार को बैंक के बाहर किसानों की भीड़ एकत्रित हो गई। किसानों का गुस्सा देख बैंक प्रबंधन ने मुख्य द्वार बंद कर लिया। ओर अपने आप को अंदर कैद कर लिया। बाद में आश्वासन के बाद किसान लौट गए। बताया जा रहा है कि यह मामला लगभग 1 माह से चल रहा है।
लेकिन सुर्खियो में जब आया जब बैंक का कर्मचारी तीन दिन पूर्व अचानक लापता हो गया। इस धोखाधड़ी में बैंक कर्मचारी के अलावा शहर के कथाकथित प्रतिष्ठित व्यापारी भी शामिल होने की शंका है। इस पूरे मामले को पुलिस ने जांच में लिया है। हांलाकि यह मामला कहां तक सत्य है इसका खुलासा जब ही हो पाएगा तब लापता कर्मचारी पुलिस हिरासत में आएगा।
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क्या है मामला
किसानों को बैंक के माध्यम से केसीसी खातों की सुविधा है। इस खाते के माध्यम से शासन द्वारा कृषकों को कम ब्याज पर लोन दिया जाता है। प्रत्येक कृषक को उसकी जमीन के अनुसार राशि मिलती है। यह राशि हजार से लाखों रुपए तक रहती है। बताया जा रहा है कि आईआईसीआई बैंक के किसान उपभोक्ताओं ने अपने खाते में राशि जमा की लेकिन बैंक द्वारा यह राशि काट ली गई।
एक अनुमान के मुताबिक लगभग दो दर्जन से अधिक किसानों के खातों में से राशि कटी है। यह राशि बैंक के कुछ कर्मचारियों ने अपने खाते में ट्रांसर्फर करवा ली। मोयना गांव निवासी जीवन धनक ने बताया कि उसके बैंक खाते से 4 लाख रुपए निकलने का संदेश मिला। संदेश देख कर किसान के होश उड़ गए कि उसके खाते से 4 लाख रुपए एक मुश्त निकल गए। अगले दिन जब कृषक जीवन बैंक पहुंचा तो उसे बैंककर्मी ने कहा कि कुछ दिन में पैसे वापस खाते में आ जाएंगे।
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कहां है बैंक कर्मचारी
जब बैंक द्वारा धोखाधड़ी की जानकारी किसानों को मिलने लगी तो किसानों का बैंक में तांता लगने लगा। इसी दौरान बैंक का एक कर्मचारी दिलीप पिता प्रहलाद व्यास निवासी बनबना चार दिन पूर्व अचानक लापता हो गया। यह कर्मचारी बैंक से घर नहीं लौटा। पुलिस के मुताबिक व्यास 6 फरवरी की शाम को बैंक से घर के लिए रवाना हुआ।
लेकिन वह घर नहीं पहुंचा कर्मचारी अपना बैग चोपाल सागर के समीप एक चार वहिया शोरूम पर रख गया ओर मोटर साईकिल लावारिस अवस्था में शोरूम के बाहर ही छोड़ गया। यह मामला जब पुलिस थाने पहुंचा तो पुलिस ने छाबनीन की तो बैग में से एक पत्र मिला। पत्र में लिखा था कि मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं। एक पत्र मेरे घर की अलमारी में रखा है।