वर्तमान समय के आधुनिक लाइफस्टाइल में अन्य चीज़ों के साथ-साथ मनुष्य की जरूरतें भी बदल चुकी हैं. पूर्व में परिवार नियोजन के बारे में बहुत कम लोग जानते थे और एक ही परिवार में चार या पांच बच्चों का होना बहुत ही आम बात थी, लेकिन अब लोग परिवार नियोजन के बारे में सोचते हैं ताकि उनके परिवार में एक या दो ही बच्चे हों.
परिवार में सीमित या कम बच्चों के होने से हम अपने बच्चों को अच्छा लाइफस्टाइल, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ और शिक्षा आदि दिला सकते हैं. परिवार नियोजन के लिए महिला नसबंदी (Mahila Nasbandi) को बेहद ही कारगर उपाय माना जाता है. तो चलिए जानते हैं कि महिला नसबंदी क्या है (Mahila Nasbandi kya Hai) और कैसे होती है?
महिला नसबंदी क्या है? (What is Female Sterilization in Hindi?)
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महिला नसबंदी को चिकित्सीय भाषा में ट्यूबेक्टोमी या ट्यूबल लिगेशन या फीमेल स्टरलाइजेशन (Female Sterilization) आदि भी कहा जाता है. महिला नसबंदी कराने से पहले इसके बारे में आपको पूरी तरह से जानकारी होना बेहद ही जरूरी है.
महिला नसबंदी पुरुष नसबंदी की तरह ही परिवार नियोजन करने का एक उपाया है. जिससे महिला को गर्भधारण करने से रोका जा सकता है. महिला के अंडाशय से जिस नाली द्वारा अंडे गर्भाशय तक पहुंचते हैं उसे फैलोपिन ट्यूब कहा जाता है.
महिला नसबंदी में स्त्री के फैलोपियन ट्यूब को बंद कर दिया जाता है या बीच से काट दिया जाता है ताकि अंडे गर्भाशय तक न पहुंचे और महिला गर्भधारण न कर सके. इसे ही महिला नसबंदी कहा जाता है.
महिला नसबंदी कब चुने?
महिला नसबंदी सामान्यतौर पर औरतें तब कराती है जब वो उतने बच्चे पैदा कर चुकी होती है जितने वो चाहती है या उसकी व उसके पति की और अधिक बच्चे पैदा करने की इच्छा न हो. इस केस में तीस साल से अधिक की उम्र की कोई भी महिला यह नसबंदी करा सकती हैं.
हालाँकि 40-45 वर्ष की महिलाएं इस तरीके का अधिक इस्तेमाल करती है. यह नसबंदी का बहुत ही छोटा और आसान तरीका है. यही नहीं, यह बेहद प्रभावी तरीका भी है जिसमे अधिकतर मामलों में महिला फिर से बच्चे पैदा नहीं कर पाती हैं.
हालाँकि केवल एक प्रतिशत महिलाओं के महिला नसबंदी के बाद भी गर्भवती होने के मामले सामने आये है. स्त्रियों को नसबंदी ऑपरेशन के बाद कुछ ही घंटों बाद छुट्टी कर भी मिल जाती है. नसबंदी का यह तरीका बहुत ही सुरक्षित और प्रभावी तरीका है.
महिला नसबंदी कैसे होती है? (Type & Procedure of Female Sterilization)
महिला नसबंदी करने के कई प्रकार (Different Type of Mahila Nasbandi) हैं जैसे कि:
1. सर्जरी या ऑपरेशन द्वारा महिला नसबंदी कैसे होता है?
महिला नसबंदी ऑपरेशन के लिए सबसे पहले महिला को एनस्थिसिया देकर मूर्छित किया जाता है. जिसके बादलैप्रोस्कोप से प्रजनन अंगों के बीच एक छोटा सा चीरा लगाया जाता है जिससे फेलोपियन ट्यूब को डॉक्टर सील कर देते हैं जिसके लिए वो इसमें क्लिप या रिंग लगा सकते हैं. ऐसा करने से महिला के शरीर से निकले अंडाणु पुरुष के वीर्य से मिल कर प्रजनन नहीं कर पाते. यह बेहद ही आसान है. कई मामलों में डॉक्टर इस ट्यूब को मोड़ या काट दें. ऐसा करने से भी प्रजनन को रोका जा सकता है.
2. बिना सर्जरी के महिला नसबंदी कैसे होती है?(Without Surgery)
महिला नसबंदी के लिए एक अन्य तरीके को भी अपनाया जा सकता है जिसमें किसी सर्जरी की आवश्यकता नहीं पड़ती है. हालाँकि इस तरीके में भी पहले तरीके की तरह ही सबसे पहले एनेस्थिसिया दिया जाता है. इस ऑपरेशन के लिए एक खास चीज़ का प्रयोग किया जाता है जिसे फैलोपियन ट्यूब ऑक्लुजन कहते हैं. यह उपकरण दो कॉइल्स से बना होता है. इस प्रक्रिया में सबसे पहले एक कोइल जिसके चारों तरफ स्कार टिशू लगे होते हैं, उसको फैलोपियन ट्यूब में डाला जाता है. यह कोइल फैलोपियन ट्यूब को बंद कर देता है. इसमें घाव या चीरा लगाने की आवश्यकता नहीं होती है.
3. मिनी-लैपरोटोमी (Mini-laparotomy)
इसके अलावा कई महिलाओं का ऑपरेशन पुराने तरीके से भी किया जाता है लेकिन ऐसा तभी किया जाता है जब आधुनिक तरीके से नसबंदी करने में कोई समस्या हो.इस तरीके में महिला के पेट में एक बड़ा चीरा लगाया जाता है और उसकी फैलोपियन ट्यूब को निकाल दिया जाता है. इसका उपयोग हाल ही में बच्चे को जन्म देने वाली महिलाओं के साथ किया जाता है. प्रसव के दो दिन बाद इस ऑपरेशन को किया जाता है.
कैसे चुने? (How to Choose?)
जब आप नसबंदी कराने के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से पूरी तरह से तैयार हों तब आपको कौन से तरीके से नसबंदी करानी है, उस तरीके को आप चुन सकती हैं. प्रसव के तुरंत बाद अगर आपको नसबंदी करानी है तो मिनी-लैपरोटोमी को अपनाया जाता है.
अधिकतर महिलाएं सर्जरी वाले तरीके से ही नसबंदी कराती हैं. आप तरीका चुनने से पहले अपने डॉक्टर से इसके बारे में पूरी जानकारी ले लें। इसके बाद आप निर्धारित कर सकती हैं कि किस तरीके से आपको नसबंदी करानी है.
महिला नसबंदी के बाद परहेज व सावधानियां (Precaution after Female Sterilization)
नसबंदी के बाद शारीरिक सम्बन्ध (Sex After Nasbandi)
महिला नसबंदी के बाद भी आप शारीरिक संबंधों से जुड़े रोगों का शिकार हो सकती हैं. यदि आपने नसबंदी करवाई है उसके बाद भी अन्य रोगों से बचने के लिए कंडोम का प्रयोग आवश्यक करें. संभव हो सके तो नसबंदी कराने के लगभग 15 से 20 दिन तक शारीरिक सम्बन्ध बनाने से भी परहेज करें.
पेट सम्बन्धी समस्याएं (Stomach Problems)
महिला नसबंदी के बाद भी अन्य सर्जरी की तरह पेट में दर्द, गैस बनना या अन्य परेशानियां हो सकती हैं. इसलिए अपने डॉक्टर से पूरी जानकारी लें और उसके बाद ही कोई कार्य करें. आहार सम्बन्धी सावधानियां जरूर बरते.
संक्रमण से बचे (Infection)
चीरा लगने के कारण उसमे संक्रमण होने की भी संभावना होती है. ऐसे में अपना खास ख्याल रखें। चीरे को संक्रमण से बचाने के लिए उसे साफ रखना बेहद आवश्यक है. घाव को गंदा होने से बचाये.
भारी सामान न उठायें (Do not lift heavy stuff)
महिला नसबंदी के बाद कम से कम दो दिन तक आराम करे और भारी सामान उठाने से भी परहेज करें.
संकेतों को समझें (Understand signals)
महिला नसबंदी में बहुत कम ऐसे मामले आते हैं जिसमें नसबंदी के बाद भी महिला गर्भवती हो जाती है. ऐसे में नसबंदी के बाद भी अपना खास ध्यान रखें. यदि आप गर्भवती होती है तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह ले.
सरकारी लाभ (Government Benefits of Mahila Nasbandi)
स्वास्थ्य विभाग परिवार कल्याण कार्यक्रमों को बढ़ाने के लिए और जनसंख्या नियंत्रण के लिए पुरुष के साथ-साथ महिला नसबंदी कराने वाली महिलाओं को कई लाभ भी मिलते हैं। जैसे कि :
- प्रसव के बाद अगर कोई महिला नसबंदी कराती है तो उसे पहले 1400 रुपए मिलते थे लेकिन अब इस राशि को बढ़ाकर 2200 रुपये कर दिया गया है.
- इसके साथ ही महिला नसबंदी के बाद शिशु सुरक्षा योजना भी प्राप्त कर सकेगी, जिसके अंतर्गत उसे 1400 रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाती है. कैश में मिलता है.
- अधिक महिलाएं नसबंदी कराएं, इसके लिए सरकार कई योजनाएं चलाती हैं और कैंप का भी आयोजन कराया जाता है.
- इसके लिए आशा, एएनएम और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारी गांव-गांव जाकर लोगों को इस बारे में बताते हैं और अन्य योजनाओं की भी पूरी जानकारी देते हैं.
- पिछले साल उत्तर प्रदेश सरकार ने यह घोषणा की थी कि अगर किसी महिला की नसबंदी असफल हो जाती है तो उसे तुरंत 30000 रुपए दिए जायेंगे.
- वर्ष्स 2011 में राजस्थान झुंझुनू और पाली जिलों में महिला नसबंदी के दौरान नसबंदी कराने वाली महिलाओं को टाटा नैनो कार दी गयी थी. यह कार किसे मिलेगी इस बात का निर्णय लाटरी ड्रा निकाल कर किया गया था.
- एक अन्य योजना के तहत यह भी घोषणा की गयी थी कि एक बच्चे के जन्म के बाद अगर पुरुष नसबंदी कराता है तो उसे पंद्रह हज़ार रुपये मिलेंगे वहीं अगर महिला एक बच्चे के जन्म के बाद अपनी नसबंदी कराती हैं तो उसे दस हज़ार दिया जाएगा.
महिला नसबंदी के फायदे
- महिला नसबंदी के बाद महिला को कोई स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या नहीं होती हैं. न तो इसका असर उसकी यौन इच्छा पर पड़ता है और न ही उसके मासिक धर्म पर. न ही इसके बाद महिला के वजन पर कोई असर होता है.
- इससे महिला के हार्मोन्स पर भी कोई असर नहीं होता हैं जिसके कारण उसका जीवन पहले की तरह ही सुचारु रूप से चलता है.
- यह नसबंदी का सबसे प्रभावी तरीका है जिसमें सफलता की दर 99% है. यानी बहुत कम संभावना ऐसी होती है जिसमे महिला नसबंदी के बाद महिला फिर से गर्भवती हो जाए.
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