भूत को भगाने के लिए मशहूर गोपालगंज का लछवार धाम की कहानी । lachhwar dham gopalganj
भूत प्रेतों को भगाने के लिए मशहूर गोपालगंज का लछवार धाम की कहानी :
बिहार राज्य के गोपालगंज जिले के थावे प्रखंड में लछवार धाम है. यहां पर स्थित दुर्गा मंदिर में आने वाले भक्तों की हर पीड़ा दूर हो जाती है. प्रतिवर्ष नवरात्र के मौके पर यहां स्थित दुर्गा मंदिर में दूर दराज से भक्त आते हैं. किवदंति है कि, यहां भूत-प्रेत से परेशान लोग माता के दरबार में हाजरी लगाने आते है.
भक्तों को मां की असीम कृपा प्राप्त होने के साथ ही उनके दुख व रोग भी नष्ट हो जाते हैं. यहीं कारण है कि ऐतिहासिक लछवार धाम को यहां प्रेत बाधा से मुक्ति का धाम भी कहते हैं. लछवार धाम गोपालगंज जिला मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूर दक्षिण-पश्चिम दिशा में गोपागलंज-मीरगंज मुख्य मार्ग पर स्थित है.
शारदीय नवरात्र के दिनों में यहां प्रतिदिन मेले सा नजारा देखने को मिलता है. भूत प्रेतों से मुक्ति पाने के लिए कहीं औरतें जोर-जोर से सिर हिलाती हैं तो कहीं पेड़ पर झूला झूलती हैं. यह इस बात का संकेत है कि, उक्त लोगों पर किसी दुष्ट आत्मा का साया है.
भूत पिशाच से मुक्ति के लिए ही गोपालगंज का लछवार धाम विश्व प्रसिद्ध है. यहां पर प्रेतों से पीड़ित लोगों को माता के सामने माथा टिकवाया जाता है. माता मंदिर ओटले के स्पर्श मात्र से ही प्रेत बाधा से मुक्ति मिल जाती है.
पौराणिक मान्यता है कि यहां के मिट्टी के स्पर्श मात्र से प्रेतात्माएं शरीर छोड़ देती हैं. यहां के बाबा द्वारा दिया जाने वाला भभूत भी काफी महत्व रखता है. स्थानीय लोगों के बीच यह धारणा इतनी प्रचलित है कि आसपास के जिलों के अलावा यूपी व नेपाल से भी भारी संख्या में महिला, पुरुष व बच्चे लक्षवार धाम आते है. लछवार मंदिर के बारे में स्थानीय लोग बताते हैं कि पूर्व में यह देवी स्थान गांव के पश्चिम दिशा में स्थापित था.
मंदिर की स्थापना के पीछे है रोचक कहानी :
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जनश्रुतियों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार करीब सौ साल पूर्व सिंहपुर के नारायण टोला निवासी बाबा कल्लू पाण्डेय को देवी ने दर्शन दिया और कहा कि मेरे इस स्थान को गांव के पूरब दिशा में ले चलो. इसके बाद बाबा ने नारायणपुर पंडित टोला के पूरब (लक्षवार धाम) में देवी के स्थान को अपने ही जमीन में स्थापित किया और देवी का पिंड रख, एक कोठरी बनाकर रहने लगे.
इसी बीच लोग देवी स्थान के दर्शन के लिए इस स्थान पर आने लगे और कई असाध्य रोग व प्रेतात्माओं से मुक्ति पाने लगे. यह बात धीरे-धीरे फैलती गयी. लछवार धाम में नवरात्र के छठें दिन से विशेष पूजा अर्चना की जाती है. कहा जाता है कि सप्तमी व अष्टमी को यहां आने वाले भक्तों को उनकी तमाम समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है.
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