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300 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ़्तार से खुलते हैं एयरबैग्स

 

 

300 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ़्तार से खुलते हैं एयरबैग्स । how airbags work and safe human life during accident

वर्तमान समय में कारों में एयरबैग्स स्टैण्डर्ड फीचर्स के रूप में कंपनी द्वारा दिया जाने लगा हैं. मतलब अब किसी भी कार के बेसिक मॉडल में भी एयरबैग्स मिलेंगे. हालांकि बेस मॉडल में सिर्फ ड्राइवर साइड एयरबैग ही मिलता है, और साइड में बैठने वाले पैसेंजर के लिए आपको अलग से एयरबैग अपनी कार में इंस्टाल करवाना होगा. लोगों की सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए सरकार में सभी फोर व्हीलर्स में एयर बैग्स अनिवार्य किया है. इस पोस्ट में हम आपकों बताने जा रहे हैं कि आखिर एयरबैग्स होता क्या है और ये किस प्रकार काम करता है. यदि आप भी एक नई कार खरीदने जा रहे हैं तो आपकी कार में यह फीचर जरूर होगा इसलिए आप भी जानिये इसके बारे में.

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आखिर क्या होते हैं SRS एयरबैग्स

जब आमने सामने किसी चार पहिया कार की टक्कर होती है तो एयरबैग्स गुब्बारे की तरह खुल जाते हैं, और कार में बैठे लोग (फ्रंट सीट) कार के डैशबोर्ड या स्टेयरिंग से टकरा नहीं पाते और उनकी जान बच जाती है. कारों में लगे एयरबैग्स को SRS एयरबैग्स के नाम से जाना जाता है, मालूम हो कि SRS का मतलब (Supplemental Restraint System) होता है, जो कि इस बात को बताता है कि जैसे ही आप अपनी कार स्टार्ट करते हैं, कार के मीटर में लगे SRS इंडिकेटर कुछ सेकेंड के लिए ऑन होते हैं. यदि SRS इंडिकेटर कुछ सेकेंड्स के बाद ऑफ नहीं होते या फिर जलते रह जाते हैं तो समझ जाइए कि एयरबैग में किसी प्रकार की कोई बड़ी खराबी है.

एयरबैग्स ऐसे करते हैं काम

कार के बंपर पर एक इंपैक्ट सेंसर लगा होता है, और जब गाड़ी किसी चीज से टकराती है तो इंपैक्ट सेंसर की सहायता से एक हल्का सा करंट एयरबैग के सिस्टम तक पहुंच जाता है, जिसके बाद एयरबैग्स के अंदर Sodium azide गैस भरी होती है उस गैस को वह गैस फॉर्म में प्ले आता है पहले यह किसी और फॉर्म भरी होती है जैसे इंपैक्ट सेंसर करंट भेजता है वह चीज गैस के रूप में चेंज हो जाती है.

इतनी रफ़्तार से खुलते एयरबैग्स

एयरबैग्स कॉटन से बने होते हैं, लेकिन इन पर सिलिकॉन की एक विशेष प्रकार की कोटिंग चढ़ाई जाती है. एयरबैग्स को खुलने के लिए एक सेकंड से भी कम समय (लगभग 1/20 सेकंड) लगता है और अगर रफ़्तार की बात करें तो एयरबैग्स करीब 300 km/h की रफ़्तार से खुलते हैं.

लेकिन सीट बेल्ट भी जरूरी है

दोस्तों ऐसा बिल्कुल नहीं है कि एयरबैग्स पूरी तरह से आपको सड़क दुर्घटना के दौरान सुरक्षा देते हैं कई मामलों में एयरबैग्स टाइम पर खुलते नहीं है, जबकि कई बार ये आपको गंभीर चोट देते हैं. ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि जब भी कार ड्राइव करें सीट बेल्ट जरूर पहनें. सीट बेल्ट का भी एयरबैग्स के फंक्शन से लिंक किया हुआ होता है. इसलिए सिर्फ बैग्स के ही भरोसे न रहे. और सबसे जरूरी बात सड़क नियमों का पालन आवश्यक रूप से करें.

ये कहना गलत नहीं है कि एयरबैग्स सेफ्टी के लिहाज से काफी जरूरी उपकरण है, याद रहे एयरबैग्स की स्पीड इतनी तेज होती है कि पलक झपकते ही ये एक्सीडेंट के दौरान खुल जाते हैं, ऐसे में यदि आपकी पोजीशन ठीक न हो तो आपको काफी चोट भी लग सकती है. इसलिए आप हमेशा गाड़ी कंट्रोल में ड्राइव करें और स्पीड का ध्यान रखें.

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Ravi Raghuwanshi

रविंद्र सिंह रघुंवशी मध्य प्रदेश शासन के जिला स्तरिय अधिमान्य पत्रकार हैं. रविंद्र सिंह राष्ट्रीय अखबार नई दुनिया और पत्रिका में ब्यूरो के पद पर रह चुकें हैं. वर्तमान में राष्ट्रीय अखबार प्रजातंत्र के नागदा ब्यूरो चीफ है.

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