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हरियाली तीज के झूला गीत | Sawan ki Hariyali Teej ke Geet, सावन के गीत 2023, कृष्णा झूला गीत

Sawan ki Hariyali Teej ke Geet: Hariyali Teej Geet:- सनातन संस्कृति में हरियाली तीज व्रत का बहुत ही खास महत्व है। हिंदू कैलेंडर की गणना के अनुसार हरियाली तीज सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है। इस व्रत में भगवान आदि देव महादेव और माता पार्वती का पूजन किया जाता है। आपको जानना जरूरी है कि, इस दिन विवाहिता महिलाएं अपने पति की दीर्घआयु की कामना के उद्देश्य से निर्जला व्रत रखती हैं। इस दिन महिलाएं अपने दोनों हाथों को मेहंदी लगाकर सजाती हैं, और सजती-संवरती हैं। हरियाली तीज व्रत की कथा पढ़ती या सुनती हैं। इसके साथ ही इस दिन हरियाली तीज के विशेष गीत भी गाए जाते हैं। इस लेख में हम आपको विशेष तौर पर हरियाली तीज जिसे सावन तीज भी कहते हैं। इससे संबंधित लोक गीत उपलब्ध करा रहे हैं। इस लेख में कुछ बिन्दुयों को जोड़ा है जो इस लेख को पूरा करता है। इस लेख में जोड़े गए बिन्दुओं के आधार पर लोकगीतों को विभाजित किया गया है। हमने जिन पॉइंट को जोड़ कर लेख रेडी किया है वह हैं Hariyali Teej ke Geet, हरियाली तीज के गीत,हरियाली तीज का झूला गीत, hariyali teej ke geet, हरियाली तीज के लोकगीत, हरियाली तीज (Sawan Geet) के सबसे प्यारे गीत, हरियाली तीज स्पेशल 2023 गीत | Sawan ki hariyali teej ke geet,Hariyali Teej ke geet lyrics । इस लेख को अंत तक पढ़ें और सुंदर हरियाली तीज के गीत का लाभ लें।

हरियाली तीज के गीत | Sawan Geet

नांनी नांनी बूंदियां

नांनी नांनी बूंदियां हे सावन का मेरा झूलणा,

एक झूला डाला मैंने बाबल के राज में,

बाबुल के राज में…

संग की सहेली हे सावन का मेरा झूलणा,

नांनी नांनी बूंदियां हे सावन का मेरा झूलणा

ए झूला डाला मैंने भैया के राज में,

भैया के राज में..

गोद भतीजा हे सावन का मेरा झूलणा,

नांनी नांनी बूंदियां हे सावन का मेरा झूलणा।

सावन आया अम्मा मेरी रंग भरा जी,

ए जी कोई आई हैं हरियाली तीज ।।

घर-घर झूला झूलें कामिनी जी ।

बन बन मोर पपीहा बोलता जी,

एजी कोई गावत गीत मल्हार ।। सावन—

कोयल कूकत अम्बुआ की डार पें जी ।

बादल गरजे, चमके बिजली जी,

एजी कोई उठी है घटा घनघोर,

थर-थर हिवड़ा अम्मा मेरी काँपता जी ।। सावन–

पाँच सुपारी नारियल हाथ में जी

एजी कोई पंडित तो पूछन जाएॅं,

कितने दिनों में आवें लष्करीया जी ।।

पतरा तो लेकर पंडित देखता जी

ए जी कोई जितने पीपल के पात

उतने दिनों मे आवें लष्करीया जी ।

इतने में कुण्डा अम्माँ मोरी खड़कियाँ जी

एजी कोई घोड़ा तो हिनसाद्वार

टगटग महलों आए लष्करीया जी ।

घोड़ा तो बांधों बाँदी घुड़साल में जी

एजी कोई चाबुक रखियो संभाल ।। सावन—

पैर पखारूॅं उजले दूध में जी ।।

हिलमिल सखियाँ झूला झूलती जी

एजी कोई हँस हँस झोटे देय

सावन आया रंग-भरा जी ।।

हरियाली तीज का झूला गीत | Hariyali Gana | Hariyali Teej Song

सावन का महीना, झुलावे चित चोर, धीरे झूलो राधे पवन करे शोर,

मनवा घबराये मोरा बहे पूरवैया, झूला डाला है नीचे कदम्ब की छैयां…

कारी अंधियारी घटा है घनघोर, धीरे झूलो राधे पवन करे शोर,

सखियां करे क्या जाने हमको इशारा, मन्द मन्द बहे जल यमुना की धारा…

सावन का महीना झूलावे चित चोर…

श्री राधेजी के आगे चले ना कोई जोर, धीरे झूलो राधे, पवन करे शोर,

मेघवा तो गरजे देखो बोले कोयल कारी, पाछवा में पायल बाजे नाचे बृज की नारी…

श्री राधे परती वारो हिमरवाकी और, धीरे झूलो राधे पवन करे शोर,

सावन का महीना झूलावे चित चोर…

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Hariyali Teej ke Geet | Special Teej ka Geet | सावन के गीत

झुला झूल रही सब सखियाँ, आई हरयाली तीज आज,

राधा संग में झूलें कान्हा झूमें अब तो सारा बाग़,

झुला झूल रही सब सखियाँ, आई हरयाली तीज आज,

नैन भर के रस का प्याला देखे श्यामा को नदं लाला,

घन बरसे उमड़ उमड़ के देखों नृत्य करे बृज बाला,

छमछम करती ये पायलियाँ  खोले मन के सारे राज,

झुला झूल रही सब सखियाँ, आई हरयाली तीज आज।

सावन की आई बहार टप टप बरसे रे फुंहार

कोयल कूक उठी है कूहू गाये पपीहा रे मल्हार

गाये राधा कृष्ण संग संग में गूँजें बंसी की आवाज

झुला झूल रही सब सखियाँ आई हरयाली तीज आज

हरियाली तीज के लोकगीत | Sawan Geet in Hindi | Savan Teej ke geet lyrics

आया तीजां का त्योहार
आज मेरा बीरा आवैगा

सामण में बादल छाए
सखियां नै झूले पाए
मैं कर लूं मौज बहार
आज मेरा बीरा आवैगा

आया तीजां का त्योहार
आज मेरा बीरा आवैगा
मेरे मन में चाव घणा सै
क्या सुंदर समै बणा सै
मन्नै कर द्यो तुरत तैयार
आज मेरा बीरा आवैगा

आया तीजां का त्योहार
आज मेरा बीरा आवैगा

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हरियाली तीज के सबसे प्यारे गीत | Teej ke Geet |

रंगीलो सावन आयो रे सुरंगो सावन आयो रे
बरखा बूंदा ल्यो रे हटीलो सावन आयो रे
आयो आयो तीज त्योहार रमसम आंगनिये

बादल गरजे बिजलिया चिमके
कया आउजी पिया अब मैं घर से
रिमझिम पड़े हैं पुहार रमसम आंगनिये

अंगवा की डाली पे बोले कोयलिया
मीठी मीठी बोले जाने बाजे बासुरिया
बागा में छाई बाहर रमसम आंगनिये

आज सुरंगो दिन हैं म्हारा
घर आयो म्हारो साजन प्यारो रो
अजी हिवडे की उमंग बाहर रमसम आंगनिये

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हरियाली तीज स्पेशल 2023 गीत | Sawan ki Hariyali Teej ke Geet

अम्मा मेरी रंग भरा जी, ए जी कोई आई हैं हरियाली तीज.

घर-घर झूला झूलें कामिनी जी, बन बन मोर पपीहा बोलता जी.

एजी कोई गावत गीत मल्हार,सावन आया…

कोयल कूकत अम्बुआ की डार पें जी, बादल गरजे, चमके बिजली जी.

एजी कोई उठी है घटा घनघोर, थर-थर हिवड़ा अम्मा मेरी कांपता जी.

सावन आया…

पांच सुपारी नारियल हाथ में जी, एजी कोई पंडित तो पूछन जाएं.

कितने दिनों में आवें लष्करीया जी, पतरा तो लेकर पंडित देखता जी.

ए जी कोई जितने पीपल के पात, उतने दिनों मे आवें लश्करीया जी.

इतने में कुण्डा अम्मां मोरी खड़कियां जी, एजी कोई घोड़ा तो हिनसाद्वार.

टगटग महलों आए लष्करीया जी, घोड़ा तो बांधों बांदी घुड़साल में जी.

एजी कोई चाबुक रखियो संभाल, सावन आया…

पैर पखारू उजले दूध में जी, हिलमिल सखियां झूला झूलती जी.

एजी कोई हंस हंस झोटे देय, सावन आया रंग-भरा जी.

अम्मा मेरे बाबा को भेजो री, कि सावन आया कि सावन आया कि सावन आया…

बेटी तेरा बाबा तो बूढ़ा री, कि सावन आया कि सावन आया कि सावन आया…

अम्मा मेरे भैया को भेजो री…

बेटी तेरा भैया तो बाला री,  सावन आया, सावन आया…

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सावन के गीत 2023 | Hariyali Teej ke Geet lyrics | Teej ka Geet

अरी बहना! छाई घटा घनघोर, सावन दिन आ गए.

उमड़-घुमड़ घन गरजते, अरी बहना! ठण्डी-ठण्डी पड़त फुहार.

सावन दिन…

बादल गरजे बिजली चमकती, अरी बहना! बरसत मूसलधार.

सावन दिन…

कोयल तो बोले हरियल डार पे, अरी बहना! हंसा तो करत किलोल.

सावन दिन…

वन में पपीहा पिऊ पिऊ रटै, अरी बहना! गौरी तो गावे मल्हार.

सावन दिन…

सखियां तो हिलमिल झूला झूलती, अरी बहना! हमारे पिया परदेस.

सावन दिन…

लिख-लिख पतियां मैं भेजती, अजी राजा सावन की आई बहार.

सावन दिन…

हमरा तो आवन गोरी होय ना, अजी गोरी! हम तो रहे मन मार.

सावन दिन…

राजा बुरी थारी चाकरी,

अजी राजा जोबन के दिन चार

सावन दिन. Teej ka Geet

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KAMLESH VERMA

दैनिक भास्कर और पत्रिका जैसे राष्ट्रीय अखबार में बतौर रिपोर्टर सात वर्ष का अनुभव रखने वाले कमलेश वर्मा बिहार से ताल्लुक रखते हैं. बातें करने और लिखने के शौक़ीन कमलेश ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से अपना ग्रेजुएशन और दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया है. कमलेश वर्तमान में साऊदी अरब से लौटे हैं। खाड़ी देश से संबंधित मदद के लिए इनसे संपर्क किया जा सकता हैं।

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