निबंध लेखन की परिभाषा, उदाहरण (Nibandh Lekhan in Hindi)
परीक्षा का टाइम टेबल आ चुका हैं। सबसे अधिक परेशानी निबंध लिखने में आती है। कारण निबंध के बारे में विस्तृत और सटीक जानकारी नहीं होना। इसलिए हम आपके लिए एक पोस्ट लेकर आए हैं जिसका शीर्षक है निबंध लेखन की परिभाषा (Nibandh Lekhan in Hindi) इसमें हम जानेंगे निबंध लेखन किसे कहते हैं? निबंध क्या होता है? निबंध लेखन में कौन से कौन से अंग होते हैं?
नीचे हम सभी सवालों का जवाब देंगे-
- अपने विचारों और भावों को जब हम व्यवस्थित ढंग से लिखते हैं वह निबंध कहलाता है।
- किसी भी विषय पर अपने भावों के अनुसार हम लिपि बंद करते हैं वह निबंध लेखन कहा जाता है।
- नि + बंद यह दो शब्द को मिलाकर निबंध शब्द बनता है।
- इसका अर्थ यह होता है कि भली प्रकार से बंदी गई रचना जो विचार पूर्वक से लिखी हुई होती है।
Nibandh Lekhan के अलग-अलग प्रकार के विषय
Table of Contents
Nibandh Lekhan उस विषय पर लिखा जाता है जिसे हम सुनते रहते हैं, देखते हैं और पढ़ते हैं । उदाहरण:
- धार्मिक त्योहार
- राष्ट्रीय त्योहार
- मौसम
- अलग-अलग प्रकार की समस्याएं , आदि
Nibandh Lekhan किसी भी विषय पर लिखा जा सकता है। वर्तमान समय में सामाजिक, राजनीतिक और वैज्ञानिक आदि विषयों पर निबंध बहुत अधिक लिखा और पढ़ा जाता है।
निबंध लेखन: Nibandh कैसे लिखें ?
Nibandh Lekhan in Hindi: निबंध के 4 अंग होते हैं
- शीर्षक : निबंध में हमेशा शीर्षक आकर्षक होना जरूरी है। शीर्षक अच्छा लिखा लिखने से उसे पढ़ने की उत्सुकता बहुत अधिक हो जाती है।
- प्रस्तावना: निबंध में सबसे श्रेष्ठ प्रस्तावना होती है, भूमिका नाम से भी इसे जाना जाता है। निबंध लिखने की शुरुआत में हमें किसी भी प्रकार की स्तुति, श्लोक या उदाहरण से करते हैं तो परीक्षा की कॉपी जांचने वाले शिक्षक पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
- विषय विस्तार – निबंध में विषय विस्तार का सर्व प्रमुख अंश होता है, इसके अंदर तीन से चार अनुच्छेदों को अलग-अलग पहलुओं पर विचार प्रकट किया जा सकता है। निबंध लेखन में इसका संतुलन होना बहुत जरूरी है, इसका मतलब यह हुआ कि शुरू से लेकर अंत तक आप शीर्षक के बारे में ही बात करें।
- उप संहार – उप संहार को निबंध में सबसे अंत में लिखा जाता है। पूरे निबंध में लिखी गई बातों को हम एक छोटे से अनुच्छेद में बता सकते हैं। इसके अंदर हम संदेश, उपदेश, विचारों या कविता की पंक्ति को लिखकर निबंध को समाप्त कर सकते हैं।
Credits – Alpana Verma
निबंध के प्रकार
निबंध तीन प्रकार के होते हैं विषय के अनुसार
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- वर्णनात्मक – संजीव या निर्जीव पदार्थ के बारे में जब हम निबंध लेखन करते हैं तब उसे वर्णनात्मक निबंध कहते हैं। यह निबंध लेखन स्थान , परिस्थिति , व्यक्ति आदि के आधार पर निबंध लिखा लिखा जाता है ।
- प्राणी
- श्रेणी
- प्राप्ति स्थान
- आकार प्रकार
- स्वभाव
- विचित्रता
- उपसंहार
- मनुष्य
- परिचय
- प्राचीन इतिहास
- वंश परंपरा
- भाषा और धर्म
- सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन
- स्थान
- अवस्थिति
- नामकरण
- इतिहास
- जलवायु
- शिल्प
- व्यापार
- जाति धर्म
- दर्शनीय स्थान
- उप संहार
2.विवरणात्मक – ऐतिहासिक , पौराणिक या फिर आकस्मिक घटनाओं पर जब हम निबंध लेखन लिखते हैं उसे विवरणात्मक निबंध कहते हैं। यह निबंध लेखन यात्रा, मैच , ऋतु आदि पर लिखा जा सकता हैं।
- ऐतिहासिक
- घटना का समय और स्थान
- ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
- कारण और फलाफल
- इष्ट अनिष्ट और मंतव्य
- आकस्मिक घटना
- परिचय
- तारीख, स्थान और कारण
- विवरण और अंत
- फलाफल
- व्यक्ति और समाज
- कैसा प्रभाव हुआ
- विचारात्मक
3. विचारात्मक निबंध: गुण , दोष , या धर्म आदि पर निबंध लेखन लिखा जाता है उसे विचारात्मक निबंध कहते है। या निबंध में किसी भी प्रकार की देखी गई यह सुनी गई बातों का वर्णन नहीं किया जा सकता। इसमें केवल कल्पना और चिंतन शक्ति की गई बातें लिख सकते हैं।
- अर्थ, परिभाषा ,भूमिका
- सार्वजनिक या सामाजिक ,स्वाभाविक ,कारण
- तुलना
- हानि और लाभ
- प्रमाण
- उप संहार
निबंध (Nibandh) लिखते समय नीचे गई बातों का ध्यान में रखें
- निबंध में विषय के बारे में पूरी जानकारी हो तो ही उसे लिखें।
- अलग-अलग प्रकार के अनुच्छेद को एक दूसरे के साथ जुड़े होना चाहिए।
- निबंध की भाषा बेहद ही सरल और सेंटेंस बहुत ही छोटे-छोटे होना अनिवार्य है।
- निबंध लिखे गए विषय की जितनी हो सके उतनी जानकारी प्राप्त करें।
- निबंध में स्वच्छता और विराम चिन्हों पर खास ध्यान दें।
- निबंध में मुहावरों का प्रयोग होना जरूरी है।
- निबंध में आरंभ में और अंत में कविता की पंक्तियों का भी उल्लेख कर सकते हैं।
स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (Swaccha Bharat Abhiyan Par Nibandh)
अपने प्रधानमंत्री बनने के बाद माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी ने गांधी जयंती के अवसर पर 02 अक्टूबर 2014, को इस अभियान का आगाज़ किया था। भारत को स्वच्छ करने की परिवर्तन कारी मुहिम चलाई थी। भारत को साफ-सुथरा देखना गांधी जी का सपना था। गांधी जी हमेशा लोगों को अपने आस-पास साफ-सफाई रखने को बोलते थे। स्वच्छ भारत के माध्यम से विशेषकर ग्रामीण अँचल के लोगो के अंदर जागरूकता पैदा करना है कि वो शौचालयों का प्रयोग करें, खुले में न जाये। इससे तमाम बीमारियाँ भी फैलती है। जोकि किसी के लिए अच्छा नहीं है।
“जो परिवर्तन आप दुनिया में देखना चाहते हैं वह सबसे पहले अपने आप में लागू करें।” -महात्मा गांधी।
महात्मा गांधी जी की ये बात स्वच्छता पर भी लागू होती है। अगर हम समाज में बदलाव देखना चाहते हैं तो सर्वप्रथम हमें स्वयं में बदलाव लाना होगा। हर कोई दूसरों की राह तकता रहता है। और पहले आप-पहले आप में गाड़ी छूट जाती है। साफ-सफाई से हमारा तन-मन दोनों स्वस्थ और सुरक्षित रहता है। यह हमें किसी और के लिए नहीं, वरन् खुद के लिए करना है। यह जागरूकता जन-जन तक पहुँचानी होगी। हमें इसके लिए ज़मीनी स्तर से लगकर काम करना होगा। हमें बचपन से ही बच्चों में सफाई की आदत डलवानी होगी। उन्हें सिखाना होगा कि, एक कुत्ता भी जहां बैठता है, उस जगह को झाड़-पोछ कर बैठता है। जब जानवरों में साफ-सफाई के प्रति इतनी जागरुकता है, फिर हम तो इन्सान है।
निष्कर्ष
गांधी जी की 145 वीं जयंती को शुरू हुआ यह अभियान, 2 अक्टूबर 2019 को पूरे पाँच वर्ष पूरे कर चुका है। जैसा कि 2019 तक भारत को पूर्ण रूप से ओपन डेफिकेसन फ्री (खुले में शौच मुक्त) बनाने का लक्ष्य रखा गया था। यह लक्ष्य पूर्णतः फलीभूत तो नहीं हुआ, परंतु इसके आँकड़ो में आश्चर्यजनक रूप से उछाल आया है।
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