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मछलियाें ने चमकाई मछुआरे की किस्‍मत, एक ही रात में बन गया करोड़‍पति

मुंबई। भगवान जिस पर भी मेहरबान होता है, उसकी तकदीर बदल देता है। यह मुहावरा मुंबई (Mumbai) के एक मछुआरे (Fisherman) पर बिल्‍कुल सटीक बैठती है। महाराष्ट्र (Maharashtra) में मानसून के दौरान खतरे को देखते हुए पिछले काफी समय से मछली पकड़ने न जा पाने के कारण घर बैठे चंद्रकांत को जब फिर से मछली पकड़ने का मौका मिला तो उन्‍होंने ऐसा जाल फेंका कि उनकी लॉटरी ही निकल आई। दरअसल उनके जाल में एक दो नहीं पूरी 157 घोल मछली (Ghoul Fish) आ गईं जिन्‍होंने चंद्रकांत को रातोंरात करोड़पति बना दिया।

सांकेतिक तस्वीर : सोर्स गूगल

बता दें कि मुंबई सहित पूरे महाराष्ट्र में मानसून के दौरान खतरे को देखते हुए समुद्र में मछली पकड़ने की अनुमती पर पाबंदी लगा दी गई। प्रतिबंध हटने के बाद बीते 28 अगस्त 2021 की रात को चंद्रकांत तरे अपने 8 साथियों के साथ मछली पकड़ने के लिए समुद्र में गए थे।

जब चंद्रकांत के फेंके जाल में एक-दो नहीं, बल्कि 157 घोल मछली फंस गई। इन मछलियों को चंद्रकांत तरे ने 1.33 करोड़ में बेचा, यानी एक मछली की कीमत करीब 85 हजार रुपए मिली। बता दें कि इस पूरे कंसाइनमेंट को यूपी-बिहार बेस्ड एक ट्रेडर ने खरीदा। इसकी नीलामी पालघर के मुर्बे में की गई, जहां सभी मछलियां 1.33 करोड़ रुपए में विक्रय हुई।

घोल मछली को गोल्ड फिश भी कहा जाता है, क्योंकि इसकी कीमत सोने से कम नहीं होती। इसकी कीमत इसलिए होती है, क्योंकि इसका इस्तेमाल कई प्रकार की दवाइयों को बनाने में किया जाता है। इससे बनने वाली दवाइयों से कई रोगों का इलाज होता है।

इन मछलियों का बेहद अधिक उपयोग कॉस्मेटिक बनाने में भी किया जाता है। इसकी डिमांड हांगकांग, मलेशिया, थाइलैंड, इंडोनेशिया और जापान जैसे देशों में बहुत ज्यादा होती है। इस मछली के हर हिस्से की अपनी एक बड़ी कीमत होती है।

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Ravi Raghuwanshi

रविंद्र सिंह रघुंवशी मध्य प्रदेश शासन के जिला स्तरिय अधिमान्य पत्रकार हैं. रविंद्र सिंह राष्ट्रीय अखबार नई दुनिया और पत्रिका में ब्यूरो के पद पर रह चुकें हैं. वर्तमान में राष्ट्रीय अखबार प्रजातंत्र के नागदा ब्यूरो चीफ है.

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