हरिराम बाबा मैरवा धाम की अनसुनी कहानी, बिनव्याही महिला के पुत्र थे श्री हरिराम | Hariram Baba Mairwa Dham
हरिराम बाबा का इतिहास ( श्री हरिराम ब्रह्म स्थान) । Mairwa Dham: History of Hariram Baba (Shri Hariram Brahmasthan)। हरिराम बाबा मैरवा धाम की अनसुनी कहानी, बिनव्याही महिला के पुत्र थे श्री हरिराम । Unheard story of Hariram Baba Mairwa Dham, Shri Hariram was the son of an unwed woman
मैरवा सिवान जिले का एक शहर है. जो उत्तर प्रदेश और बिहार राज्य की सीमा पर मौजूद है. यहां पर बाबा हरिराम ब्रह्मा की नगरी मैरवा धाम है. बाबा का स्थान सिवान जिले से महज 15 किलोमीटर दूर है. Mairwa Dham का इतिहास गौरवशाली रहा है. तकनीकि युग में बाबा के चमत्कारों की महिमा पूरे भारतवर्ष में फैल चुकी है. ब्रह्म स्थान भूत बाधा से मुक्ति पाने के लिए एक प्रमुख स्थान है. जनश्रुतियों की मानें तो यदि कोई इंसान किसी भी प्रकार के भूत बाधा से पीढ़ित है, तो उसे बाबा के दर्शन कराने मात्र से प्रेत बाधा से छुटकारा मिल जाता है. हरिराम बाबा मैरवा धाम के बारे में अनेकों किवदंति प्रचलित है. उन्हीं में से कुछ बेहद ही प्रसिद्ध है और कुछ केवल मैरवा के वृद्धों के जहन में सीमट के रह गई है. आज हम पोस्ट के जरिए हरिराम बाबा मैरवा धाम की अनसुनी कहानी लेकर आएं है, जिन्हें मैरवा के वृद्ध लोगाें द्वारा बताई गई.
हरिराम बाबा मैरवा धाम अनसुनी कहानी । istory of Hariram Baba (Shri Hariram Brahmasthan)
स्थानी जनश्रुतियों के अनुसार सालों पहले कनकगढ़ ( वर्तमान नाम मैरवा धाम) में एक अहिरीन (यादव समाज) महिला थी. महिला दुर्गा माता की बहुत बड़ी उपासक थी. महिला पर देवीय शक्ति की कृपा होने के कारण उनके द्वारा छुआ हुआ पानी भी दवा बन जाता था. महिला के हाथों से दिया गया पानी और भैंस का दूध असाध्य रोगों को दूर करने की शक्ति रखता था. महिला के उपर देवीय शक्ति होने की बात पूरे राज्य में आग की तरह फैल गई.
मामले की जानकारी मैरवा के राजा कनकसिंह के राजमहल तक पहुंची. राजा के मंत्रियों ने महिला को डायन की उपमा देकर उसे गांव से बाहर निकाल दिया. महिला से पूरे गांव ने दूरी बना ली. महिला के साथ किए गए बुरे बर्ताव के कारण गांव में एक बार अकाल पड़ गया. पूरे राज्य में हाहाकार मच गया, लेकिन महिला के पास अनाज और दूध की कमी नहीं हुई. द्वेष पूर्वक राजा के मंत्रियों ने महिला को ग्रामीणों से पिटवाकर मौत के घाट उतार दिया.
अंतिम समय में महिला को देवी के दर्शन प्राप्त हुए, देवी ने महिला को वर दिया कि, तुम्हारी मृत्यु तो निश्चित है,लेकिन तुम्हारी कोख से एक दिव्य बालक का जन्म होगा, जो ब्रह्म लोगों के राजा के नाम से प्रसिद्ध होगा. जो कलयुग में मैरवा धाम के नाम से जाना जाएगा. ऐसा ही हुआ जिस स्थान पर महिला ने अंतिम सांस लिए उसी स्थान पर हरिराम ब्रह्म का स्थान बन गया.
अस्वीकारण : न्यूजमग.इन कहानी की पुष्टि नहीं करता. लेख मैरवा के बुजुर्गों द्वारा सुनाएं गए किस्सों पर आरधारित है. न्यूजमग.इन का उद्देश्य तकनीकी युग की युवा पीढ़ी को देहात परिवेश की रोचक कहानियां और किस्सों को उन तक स्पष्ट भाषा में पहुंचाना है. कारण है कि, रोजगार के लिए बिहार और उत्तर प्रदेश के लाखों युवक शहरों में जाकर बस गए है, लेकिन गांव के मिट्टी की खूशबू उनके जहन में आज भी है, उनके बच्चे अब शहरों की चकाचौंध में डूब चुके है, यदि हम देहात के पुराने किस्सों को भुल जाएंगे तो पूर्वांचल की माटी के साथ देशद्रोह होगा. हमारा उद्देश्य किसी धर्म, भाषा, जाति या व्यक्ति विशेष की भावनाओं को आहत करना नहीं है. यदि आपके गांव में या कस्बे में भी कोई देवीय स्थान, किवदंति या किस्से प्रसिद्ध है तो आप हमारे वाट्सएप नंबर 7000019078 पर भेज सकते है. कंटेट की गुणवत्ता के अनुसार उसे प्रमुखता से पब्लिश किया जाएगा.
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