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क्या है सितोलिया और कैसे खेला जाता है

सितोलिया क्या है, कैसे खेला जाता है और इसके नियम | What is lagori Game, How to Play lagori in Hindi and its rules | Sitoliya kya hai or kaise khela jata hai

सितोलिया, 90 के दशक के बच्चों का मनपसंदीदा खेल. जिसे आपने अधिकतर गली-मोहोल्लो में ज्यादा खेलते देखा होगा. इस खेल का चलन ग्रामीण परिवेश से होकर शहरों में पहुंचा था. सितोलिया बेहद ही रोमांचक खेल है. दरअसल सितोलिया परंपरागत रूप से एक भारतीय देशी खेल है, इसे खेलना बहुत ही सरल है इसलिए बच्चे इसके नियमों को आसानी से समझ भी जाते है और खूब खेलते है. तकनीकी युग के बच्चे फोन, विडिओ गेम से बाहर ही नहीं निकल पाते है. जिसके कारण उनकी आँखें तो खराब होती है साथ ही साथ उनका स्वास्थ्य भी अधिकांश समय ख़राब रहता है. कारण है कि बच्चे अधिकांश समय एक जगह सौफे पर बैठ कर गेम खेलते है. जिससे शरीर की रक्त धमनियां ठीक प्रकार से अपना कार्य नहीं कर पाती. देशी खेलों की बदौलत ही पुराने ज़माने के लोग ज्यादा स्वास्थ्य रहते थे और आज के बच्चों को छोटी उम्र में कई नई नई घातक जानलेवा बीमारियां होने लगती है. हम लेख के जरिए आपकों सितोलिया खेल से संबंधित सभी प्रकार की महत्वपूर्ण जानकारियों से अवगत कराएंगे,  अब इसे कई शासकीय स्कूलों में भी नियमित रूप से खिलाया जाता है. उम्मीद ही इसे पढ़कर आपको भी सितोलिया खेलने का मन करेगा.

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क्या है सितोलिया और कैसे खेला जाता है

सितोलिया क्या है?

दोस्तों सितोलिया एक ग्रामीण परिवेश से आया हुआ देशी खेल है. यह एक ऐसा खेल है जिसे दर्जनों नामों से जाना जाता है. जैसे की पिट्ठू, सात पत्थर, सात सितोलिया, गिट्टी फोड़, लिंगोचा, ईझू, डिकोरी और इसे राष्ट्रीय स्तर पर एक नाम दिया गया है जो है लगोरी. इसका मतलब यह है की जिस खेल को आप कभी सिर्फ मनोरंजन के लिए खेलते थे वह आपका भविष्य भी बना सकता है क्योंकि साल 2010 में सितोलिया के कुछ राष्ट्रीय स्तर पर नियम निर्धारित किए गए, जिसके अनुसार सितोलिया खेल को अब भारतीयों द्वारा खेला जाता है. राष्ट्रीय खेल की उपाधि मिलने के बाद सितोलिया में पत्थर की जगह पर लकड़ी के गोल गुटकों का उपयोग होगा. इसे फोड़ने वाले को सिकर और पीछे खड़े लोगों को केचर और टीम को हीटर नाम दिया गया है. मानक के अनुसार एक सेट की समय सीमा 3 मिनट निर्धारित की गई है.

कैसे खेला जाता है सितोलिया?

यह खेल बेहद ही सरल है इसमें आपकों दो टीम बनाने की जरूरत होती है. हर टीम में बराबर सदस्य होते है. जैसे एक टीम में 10 सदस्य हैं तो दूसरे में भी समान रूप से 10 लोग होने के बाद ही इसे शुरू किया जा सकता है. इसे खेलने के लिए सिर्फ एक गेंद की जरुरत होती है और 7 चपटे पत्थरों की. सबसे पहले जो भी टीम खेल रही होती है उसका सिर्फ एक खिलाड़ी पत्थरों के पास जाता है. जिसे कुछ दूरी से 7 चपटे पत्थरों से बने टावर यानि सितोलिया को इस गेंद को तेजी से फेंकर गिराना होता है. सितोलिया को गिराने के लिए एक प्रतिभागी को 3 बार मौका दिया जाता है, यदि आप 3 बार में नहीं गिरा पाए तो आपकी बारी चली जाती है और टीम के दूसरे सदस्य को मौका दिया जाता है. यदि आपसे सितोलिया गिर गई तो यहाँ से आपका खेल शुरू होता है. दूसरी टीम में जितने भी लोग है वह सभी आपकी टीम के सदस्यों को सितोलिया को ज़माने से रोकते है. रोकने के लिए उन्हें आपकी टीम के किसी भी एक सदस्य को गेंद मारनी होगी. यदि वह गेंद आपके शरीर के किसी भी अंग को छु लेती है तो आप हार जाते है परन्तु दूसरी टीम वाले आपको मारने में असफल हो जाते है तो आप इस तरह से जीत जाते है. तो दोस्तों इस प्रकार से इस खेल को खेला जाता है, इस खेल की सबसे अच्छी बात यही है की इसमें कितने ही लोग हिस्सा ले सकते है. जितने ज्यादा टीम में सदस्य होंगे उतने ही इस खेल में ज्यादा मजा आता है. गांवों में इस खेल को खेलने के लिए मोजे यानी जुराफ की बनी गेंद का उपयोग किया जाता है, ताकि सितोलिया जमाते समय यदि किसी को गेंद से लग भी जाएं तो चोटिल ना हो.

सितोलिया के नियम क्या है?

भारतीय खेल विभाग की ओर साल 2010 में सितोलिया खेल के लिए कुछ नियम बनाए गए है, जिसके अनुसार ही अब इस खेल को खेला जाता है. आइए जानते है इस गेम के कुछ महत्वपूर्ण नियम-

  • नियमों के अनुसार सितोलिया में अब पठारों का नहीं बल्कि लकड़ी से बनी सितोलिया का उपयोग किया जाएगा.
  •  खेल को खेलने के लिए सिर्फ दो ही टीम हिस्सा ले सकती है और उस टीम में खेलने वाले सदस्य भी बराबर होने चाहिए तभी इस खेल की सुचारू रूप से शुरुआत हो सकती है.
  • सितोलिया में यदि किसी गेंद आपकी बाउंड्री के बाहर चली जाती है तो आपका इसमें फाउल होगा यानि की आपको इसमें अपना एक पॉइंट गंवाना पड़ेगा.
  • सितोलिया तोड़ने के लिए आपको सिर्फ तीन मौके ही दिए जाएंगे.
  • खेल में जब भी एक टीम का सदस्य सितोलिया पर गेंद मार रहा है तो उस खिलाड़ी के ठीक विपरीत साइड दूसरी टीम का खिलाड़ी खड़ा होगा, जो गेंद को कैच कर सकता है. अगर वह खिलाड़ी एक हाथ में गेंद को कैच कर लेता है तो इससे वह खिलाड़ी खेल से बाहर हो जाता है.
  • सितोलिया पर गेंद मरने वाले खिलाड़ी और सितोलिया के बीच की दूरी 10.5 फीट तक होना ज़रुरी है.
  • जब आप किसी को आउट करने वाली टीम में खेल रहे होते है तो आपको उस समय गेंद को एक दूसरे को पास करना होता है और आप 50 सेकेंड से ज्यादा देर तक गेंद को अपने हाथ में नहीं रख सकते है. आपको जल्दी पास करना इस खेल का नियम है.
  • फील्डिंग टीम के खिलाड़ी सिर्फ पैरो के नीचे ही गेंद मारकर दूसरी टीम को आउट कर सकते है.
  • फील्डिंग टीम के खिलाड़ी अपने अनुसार सभी को सही पोजीशन देकर उनके स्थान पर दूरी दूरी से खड़े कर सकते है.
  • इस तरह से जो टीम बार बार सितोलिया बनाने में कामयाब रहती है उसके उतने पॉइंट बनते जाते है.
  • अंत में सबसे ज्यादा सितोलिया बनाने वाली टीम विजय होगी. हर बार सितोलिया जमाने पर टीम को 1 पॉइंट दिए जाएँगे.

सितोलिया खेल से मिलने वाले लाभ-

दोस्तों, यह सितोलिया खेल जितना सरल है, उनते ही प्रकार के लाभ देता है. पुराने समय की बात करें तो बच्चों के बीच यह सबसे लोकप्रिय खेल था, 90 के दशक के माता पिता भी इसे खेलने से बच्चों काे नहीं राेकते थे, क्योंकि इससे आपके बच्चे के हाथ पैर चलते रहते है और बेहद ही मजबूत भी बनते है. तो आप भी अपने बच्चों को सावधानी के साथ नियमों को ध्यान में रखते हुए सितोलिया खेलने के लिए ज़रुर प्रेरित करे. आइए जानते है इस गेम को खेलने से आपको क्या क्या लाभ हो सकते है-

  • इस खेल के समय बच्चा गेंद को पूरी ताकत के साथ फेंकता है तो उसकी मांस पेशियों में खिचाव आता है. ध्यान हो तो मसल्स में खिचाव लाने के लिए ही वर्तमान समय में जिम जाता हो. तो इस तरह से आप सिर्फ एक खेल के माध्यम से बिना रुपए खर्च किए अपने शरीर की हडि्डयों को मजबूत बना सकते है.
  • इस खेल को खेलने से आपके अंदर एकाग्रता का लक्षण आता है. सरल शब्दों में कहा जाएं तो फोकस बढ़ता है, जब खिलाड़ी अपने ध्यान को केन्द्रित करके सितोलिया पर निशाना साधने की कोशिश करता है तो इससे उसकी एकाग्रता बढती है.
  • आपके दिमाग को स्थिर रहने में सहायता मिलती है.
  • इससे आपका शरीर लचीला भी बनता है. जो दौड़ने भागने के लिए बेहद ही जरूरी है.
  • आप जब इसे खेलते समय भागते हैं तो आपको जल्द से जल्द डिसीजन कैसे लेना है गेंद से बचने के लिए सबसे ज्यादा इस चीज में मदद मिलती है.
  • भागने से भी आपका शरीर हमेशा तंदरुस्त रहता है. मौसमी बीमारियां होने का खतरा कम होता है.जैसे वायरल बुखार.
  • टीम में जब एक खिलाड़ी के रूप में खेलते है तो आपको एक टीम किस तरह से कार्य करती है इसको समझने में आसानी होती है एक खेल के माध्यम से.
  • जब आप टीम वर्क को अच्छी तरह से समझ जाते है तो हो सकता है आपके अन्दर टीम को लीड करने की श्रमता भी आ जाए और आप एक अच्छे लीडर भी बन जाए.

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KAMLESH VERMA

दैनिक भास्कर और पत्रिका जैसे राष्ट्रीय अखबार में बतौर रिपोर्टर सात वर्ष का अनुभव रखने वाले कमलेश वर्मा बिहार से ताल्लुक रखते हैं. बातें करने और लिखने के शौक़ीन कमलेश ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से अपना ग्रेजुएशन और दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया है. कमलेश वर्तमान में साऊदी अरब से लौटे हैं। खाड़ी देश से संबंधित मदद के लिए इनसे संपर्क किया जा सकता हैं।

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