आधुनिक युग के बदलते लाइफस्टाइल के चलते ऐसे कई बीमारी का होना आम बात है जिसके बारे में कई लोग जानते ही नहीं. अक्सर आपने घर में या आसपस के किसी पहचान वाले किसी रिश्तेदार से सुना होगा कि मेरे भाई, बहन या बीबी या फिर मुझे नींद में बड़बड़ाने की आदत है.
जी हां, आमतौर पर सपने देखते हुए या फिर किसी अन्य कारण से कई लोग नींद में बड़बड़ाते हें या खुद से बात करते हैं. क्या आपने कभी इस परेशानी के बारे में सोचा कि आखिर मनुष्य नींद में सोते समय बड़बड़ाने क्यों लगता है? कभी-कभी लोग इसे छोटी से परेशानी समझकर अनदेखा कर देते हैं, लेकिन आगे चलकर यही दिक्क्त एक गंभीर बीमारी का रुप ले लेती है. कई बार ये आदत स्लीपिंग डिसऑर्डर में बदल जाती है. यदि आप नींद में बोलने की समस्या से परेशान हैं और समझ में यह नहीं रहा है कि इसके पीछे मुख्य वजह क्या है, तो आज इस लेख में हम आपको ये बताने जा रहे हैं कि आखिर क्यों लोग नींद में बड़बड़ाने लगते हैं और इसके बचने के घरेलू उपाय क्या है. तो चलिए जानते हैं….
नींद में क्यों बड़बड़ाते हैं लोग?
असल में होता यह है कि, रात को सोते समय लोग आधे-अधूरे और अस्पष्ट शब्द बोलते हुए दिखाई देते जिसे आम बोलचाल की भाषा में नींद में बड़बड़ाना कहा जाता है. चिकित्सकों का मानना है कि स्लीपिंग डिसऑर्डर होने के चलते ये लोग नींद में अपने आप से बाते करने लगते हैं.चिकित्सकों की भाषा में इसे पैरासोमनिया यानि अस्वाभाविक व्यवहार भी बोला जाता है.
बदलते लाइफस्टाइल और आहार को नजर अंदाज करने के कारण इंसान सोते समय नींद में बड़बड़ाता है. कई रिसर्च में इसके पीछे का कारण दिनचर्या का तनाव माना गया है. सीधे तौर पर समझा जाएं तो दिमाग पर अत्यधिक बोझ डालने से भी इंसान रात को सोते समय नींद में बोलता है. शरीर को अधिक आराम नहीं मिलने से भी नींद में बाते करने का एक प्रमुख कारण माना जाता है. पर्याप्त मात्रा में नींद नहीं लेना भी एक प्राथमिक कारण है.
कैसे बचें इस परेशानी से
- सामान्य तौर पर इससे बचने के लिए आप कुछ कदम उठा सकते हैं. जैसे:
- आपको तनाव मुक्त रहना होगा.
- सोने का टाइम टेबल बनाना होगा. कम से कम 6 घंटे की नींद पूरी लें.
- पेट के बल नहीं बल्कि, आपको पीठ में बल होने की आदत डालें.
- नियमित रुप से एक्सरसाइज करें.
- सोने से पहले करें हाथ-पैर को साफ.
लेटेस्ट नागदा न्यूज़, के लिए न्यूज मग एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।