बिन उद्देश्य शुरू किए कार्यों में सफलता पाना बेहद ही मुश्किल होता है। ठीक उसी प्रकार बिना टारगेट तय किए एक्सरसाइज या डाइट करने पर परिणाम सिफर रहते है। जो महिला या पुरुष फिटनेस जर्नी (Fitness Journey), वेट लॉस (Weight loss) या मसल्स बिल्डिंग (Muscle building) शुरूआत करने जा रहे हैं या वर्तमान में कर रहे हैं, उनके लिए फिटनेस ट्रैक करना बेहद ही जरूरी है।
दोस्तों जैसा कि सही रास्ता खोजने के लिए मैप की जरूरत होती है। ठीक उसी प्रकार फिटनेस पाने के लिए फिटनेस मैप की आवश्यकता होगी। आसान शब्दों में कहा जाएं तो आपको अपनी ग्रोथ के बारे में पता होना चाहिए। यह जानकारी होनी चाहिए कि गोल तक पहुंचने के लिए आपको कितना आगे और जाना है।
उदाहरण के तौर समझाएं तो रनिंग ट्रैक करने के लिए रनिंग ट्रैकिंग मोबाइल एप (Best running tracking apps) का उपयोग किया जाता है। जिससे यह पता लग सके कि आपने रनिंग करते समय कितनी दूरी तय की और आप कितनी रफ्तार से भागे और कितनी कैलोरी बर्न की।
उसी प्रकार से यदि आप वजन कम (Weight loss) कर रहे हैं तो आपको उसे ट्रैक करने की बेहद ही आवश्यकता है कि, आपने कितना वेट लॉस किया।
दोस्तों बदलते लाइफस्टाल के दौर में वर्कआउट के समय स्पीड, सहनशक्ति और ताकत जैसे पैरामीटर्स पर नजर रखना बेहद ही आवश्यक होता है। ऐसे में हम लेख के जरिए आपको कुछ आसान तरीके बता रहे हैं, जिनसे आप भी अपने वेट लॉस को ट्रैक (Weight loss track) कर पाएंगे।
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1. फिटनेस ट्रैकर लें (Get a fitness tracker)
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फिटनेस या वेट लॉस जर्नी का पता लगाने के लिए आपकों तकनीक की सहायता लेनी होगी। मतलब कि आप एक फिटनेस ट्रैकर (Fitness tracker) खरीदें। यह आपके रोजाना पैदल चलने के स्टेप्स (Daily step count), हार्ट रेट (Heart rate), बॉडी टेम्प्रेचर (Body temperature), ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar level), नींद की गुणवत्ता (Sleep quality) आदि को मैजरमेंट करेगा।
2. वर्कआउट जर्नल बनाएं (Maintain a workout journal)
फिटनेस ट्रैकर से अपने वर्कआउट पर नजर रखने के लिए एक जर्नल बनाना होगा। यानी आपकों अपनी ट्रेनिंग का पूरा लेखा जोखा एक नोटबुक में लिखना होगा। अपनी प्रोग्रेस व इम्प्रूवमेंट (Growth and improvement) को ट्रैक करने के लिए एक वर्कआउट जर्नल बना सकते हैं। इससे यह पता लग सकेगा कि आपने किस दिन आप कितने स्टेप्स चला, कितना वर्कआउट किया आदि।
3. टेप से खुद को मापें (Measure yourself with a tape)
वर्कआउट करने वाले कई लोग स्वयं की प्रगति को मापना या नापना पसंद नहीं करते। ऐसा करना काफी हद तक ठीक है क्योंकि वर्कआउट को मापने के दौरान आने वाले परिणाम आपकों हतास कर सकते हैं। यह आपके अंदर एक नकारात्मक ऊर्जा भरेगा। जो कि आपकी टैनिंग के लिए ठीक नहीं होगा। यदि आप इनमें से कुछ नहीं चाहते तो अच्छा तरीका यही होगा कि आप मेजरमेंट टेप से अपनी बॉडी को मेजर करें।
4. बॉडी कंपोजिशन चेक करें (Check your body composition)
अपना बॉडी वेट मापना काफी हद तक सही होता है। कारण है कि, आपकी बॉडी में कितना फैट बर्न होगा और मसल्स गेन होगा। यह पता लग सकेगा। इससे आपको यह भी पता लग सकेगा कि आपकी बॉडी कितनी शेप में आई। क्योंकि बॉडी को शेप मसल्स से ही मिलती है।
5. खुद की फोटो खींचें (Take photographs of yourself)
पुराने और नए फोटो को देखकर शरीर में हुए बदलावों का पता लगाना काफी पुरान और प्रचलित तरीका है। आप भी हर 10-15 दिन में अपनी फोटो क्लिक करके पुरानी फोटो से कंपेयर करके देखें।
निष्कर्ष (Conclusion): इसके अलावा मंथली स्ट्रेंथ टेस्ट करके भी अपनी प्रोग्रेस को टेस्ट कर सकते हैं। ऊपर दिए हुए तरीकों से आप अपनी वेट लॉस की ग्रोथ ट्रैक कर सकते हैं।
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