वक्रतुंड महाकाय मंत्र हिंदी अर्थ सहित | Vakratunda Mahakaya Mantra in Hindi
Vakratunda Mahakaya Mantra in Hindi: “वक्रतुंड महाकाय मंत्र” एक ऐसा पौराणिक और सशक्त मंत्र है, जिसका इस्तेमाल सनातन धर्म में किसी भी देवी देवता के पूजन की शुरुआत के पूर्व ब्राह्मणों द्वारा किया जाता है. इस मंत्र का उच्चारण हवन के पूर्व यज्ञाचार्य द्वारा किया जाता है. यह प्रकार से विघ्गनहर्ता भगवान गणेश से पूजन शुरू किया जाने पर उन्हें आमतंत्रण देना है.
इस शक्तिशाली मंत्र के उच्चारण के बिना पूजन शुरू ही नहीं हो सकता है. इसलिए हिंदू धर्म शास्त्र में इस मंत्र को सर्वोच्च और अहम स्थान प्राप्त है. भगवान श्री गणेश के इस मंत्र का उच्चारण करने मात्र से पूजन स्थल पर सकारात्मक शक्तियां प्रभावी हो जाती है. इससे पूजा निविर्घन संपन्न होती है. इस मंत्र का जाप करने पूर्व हृदय में श्री गणेश जी के रूप में ध्यान करना चाहिए. श्री गणेश को दृश्यमान यानी साक्षात समझकर सच्ची श्रद्धा के साथ इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए.
वक्रतुंड महाकाय मंत्र का यदि पूरी निष्ठा और सच्चे भाव से पाठ किया जाए तो इसका प्रभाव बढ़ जाता है. मंत्र का अर्थ जानने से सम्मान उत्पन्न होता है. यदि आप समय की कमी के कारण प्रतिदिन गणेश जी की आरती नहीं कर पाते हैं तो भी कोई भी पूजा पाठ करने से पहले इस गणेश जी मंत्र का पाठ अवश्य करें. इससे आपके जीवन में आने वाली तमाम परेशानियां जल्द से जल्द नष्ट होगी.
वक्रतुंड महाकाय मंत्र हिंदी अर्थ सहित | Vakratunda Mahakaya Mantra in Hindi
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वक्रतुण्ड महाकाय मंत्र (Vakratunda Mahakaya Shloka)
वक्रतुण्ड महाकाय, सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघनम कुरु मे देव, सर्वकार्येषु सर्वदा।।
वक्रतुण्ड महाकाय मंत्र हिंदी अर्थ
हे घुमावदार सूंड है, विशाल शरीर है, वह एक लाख सूर्यों के समान है। हे भगवान, आप हमेशा मेरे सभी कार्य बिना किसी बाधा के पूर्ण करें, मुझ पर अपनी कृपा बनाए रखें।
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।।
भावार्थ: “हे हाथी के समान विशाल गणेश, जिनका तेज सूर्य की एक हजार किरणों के समान है, मेरे सभी कार्यों को हमेशा बिना किसी बाधा के पूरा करें।”
मंत्र के लाभ
- वक्रतुंड महाकाय मंत्र का नित्य उच्चारण करने से समस्त कार्य निविघ्गन संपन्न होते हैं. इससे साधक को कीर्ति और यश की प्राप्ति होती है.
- इस मंत्र का जाप करने जीवन में सकारात्मकता आती है.
- मां सरस्वती के वरदान के कारण भगवान गणेश को ज्ञान और बुद्धि का देवता भी कहा जाता है.वह बुद्धि का विकास करते हैं.
- श्री गणेश सबसे पहले पूजे जाने वाले देव हैं. सुबह सबसे पहले श्री गणेश के इस मंत्र का जाप करने से सभी काम पूरे हो जाते हैं.
- श्री गणेश के वक्रतुंड महाकाय मंत्र का जाप करने से भय, शंका और अनिष्ट शक्तियां दूर रहती हैं.
- भगवान गणेश भी मनुष्य को सफलता और वृद्धि के लिए शक्ति प्रदान करते हैं.
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