सावन (श्रावण) महीने में नहीं करने चाहिए ये 10 काम । Shrawan Mah Hindu Mythology In Hindi
Sawan mein nahi kare ye 10 kaam : हिन्दी पौराणिक ग्रंथों के अनुसार सभी 12 महीनों में श्रावण मास का विशेष महत्व माना जाता है, इसका सीधा कारण यह है कि, यह भगवान शिव का बेहद ही प्रिय माह है. श्रावण मास को सावन माह भी कहते है. पौराणिक मान्यता है कि जो लोग इस माह में शिवजी की पूजा करते हैं, उनके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. समृद्धि के कार्यों में आ रही बाधा जड़ से समाप्त हो जाती है. यह भक्ति का महीना है, इस कारण इन दिनों के लिए शास्त्रों में कुछ ऐसे काम बताए गए हैं जो हमें नहीं करना चाहिए. जो लोग ये काम करते हैं, उन्हें शिवजी की कृपा प्राप्त नहीं हो पाती है और परेशानियां बनी रहती हैं.यहां जानिए 10 ऐसे काम जो सावन माह में नहीं करना चाहिए.
Sawan mein nahi kare ye 10 kaam
Table of Contents
1. शिवलिंग पर न चढ़ाएं हल्दी
शिवजी की पूजा करते समय ध्यान रखें कि शिवलिंग पर हल्दी कभी भूलकर भी नहीं चढ़ानी चाहिए. हल्दी जलाधारी पर चढ़ानी चाहिए. हल्दी स्त्री से संबंधित श्रृंगार है. शिवलिंग पुरुष तत्व से संबंधित है और ये शिवजी का प्रतीक है. इस कारण शिवलिंग पर नहीं, बल्कि जलाधारी पर हल्दी चढ़ानी चाहिए. जलाधारी स्त्री तत्व से संबंधित है और ये माता पार्वती की प्रतीक है.
2. दूध के सेवन से रखें परहेज
पूरे सावन माह में संभव हो तो दूध का सेवन ना ही करें. यही बात बताने के लिए सावन में शिव जी का दूध से अभिषेक करने की परंपरा शुरू हुई होगी. वैज्ञानिक दृष्टि के अनुसार इन दिनों दूध वात बढ़ाने का कार्य करता है. यदि दूध का सेवन करना हो तब खूब उबालकर प्रयोग में लाएं. कच्चा दूध प्रयोग में कतई नहीं लाएं. सावन में दूध से दही बनाकर सेवन कर सकते हैं. लेकिन भाद्र मास में दही से परहेज रखना चाहिए क्योंकि भाद्र मास में दही सेहत के लिए बेहद ही हानिकारक होता है.
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3. सावन में हरी पत्तेदार सब्जी (साग) खाना है वर्जित
स्वास्थ्य की रक्षा के लिए सावन में कुछ चीजों को खाना वर्जित बताया गया है. ऐसी चीजों में पहला नाम साग का आता है. जबकि साग को सेहत के लिए गुणकारी माना गया है. लेकिन सावन में साग में वात बढ़ाने वाले तत्व की मात्रा बढ़ जाती है. इसलिए साग गुणकारी नहीं रह जाता है. इसी के चलते हिंदू धर्म में सावन में साग खाना वर्जित माना गया है. दूसरा कारण यह भी है कि इन दिनों कीट पतंगों की संख्या बढ़ जाती है और साग के साथ घास-फूस भी उग आते हैं जो सेहत के लिए हानिकाक होते हैं. साग के साथ मिलकर हानिकारक तत्व हमारे शरीर में नहीं पहुंचे इसलिए सावन में साग खाने की मनाही की गई.
4. सावन में बैंगन खाना भी वर्जित माना गया है
सावन में महीने में साग के बाद बैंगन भी ऐसी सब्जी है जिसे खाना वर्जित माना गया है. इसका हिंदू धार्मिक कारण यह है कि बैंगन को शास्त्रों में अशुद्घ कहा गया है. इसी के चलते कार्तिक माह में भी कार्तिक मास का व्रत रखने वाले व्यक्ति बैंगन नहीं खाते हैं. वैज्ञानिक मत यह कहता है कि, सावन में बैंगन में कीड़े अधिक लगते हैं. ऐसे में बैंगन का स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है. इसलिए सावन में बैंगन का सेवन करने की मनाही हैं.
5. बुरे विचारों से बचें
सावन माह में किसी भी प्रकार के बुरे विचार से बचना चाहिए. बुरे विचार जैसे दूसरों को नुकसान पहुंचाने के लिए योजना बनाना, अधार्मिक काम करने के लिए सोचना, स्त्रियों के लिए गलत सोचना आदि. इस प्रकार के विचारों से बचना चाहिए, अन्यथा शिवजी की पूजा में मन नहीं लग पाएगा. आपका मन अनावश्यक ही बेकार की बातों में ही उलझा रहेगा. शास्त्रों में स्त्रियों के लिए गलत बातें सोचना महापाप बताया गया है. सावन माह में अच्छे साहित्य या धर्म संबंधी किताबों का अध्ययन करना चाहिए, इससे बुरे विचार दूर हो सकते हैं.
6. इन लोगों का अपमान न करें
सावन माह में इस बात का ध्यान रखें कि बुजुर्ग व्यक्ति, गुरु, भाई-बहन, जीवन साथी, माता-पिता, मित्र और ज्ञानी लोगों का अपमान न करें. शिवजी के माह में इस बात का पालन जरूर होना चाहिए, अन्यथा शिवजी की कृपा प्राप्त नहीं होने से वंचित हो जाता है. शिवजी ऐसे लोगों से प्रसन्न नहीं होते हैं जो यहां बताए गए लोगों का अपमान करते हैं. ये सभी लोग हर स्थिति में सम्मान के पात्र हैं, हमेशा इनका सम्मान करें.
7. सुबह देर तक नहीं सोना चाहिए
पूजा के लिए सुबह-सुबह का समय सबसे अच्छा रहता है, इस कारण यदि आप शिवजी की कृपा पाना चाहते हैं तो सुबह बिस्तर जल्दी छोड़ देना चाहिए. जल्दी जागें और स्नान आदि कार्यों के बाद भगवान शिवजी की पूजन करें. यदि देर तक सोते रहेंगे तो इससे आलस्य बढ़ेगा. सुबह जल्दी उठने से वातावरण से स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं.
8. मांसाहार से बचें
सावन माह में मांसाहार यानी नॉनवेज खाने से बचना चाहिए. नॉनवेज खाना बनाने के लिए जीव हत्या की जाती है. जीव हत्या महापाप है. मांसाहार को छोड़कर इस पाप से बचें. सावन में वर्षा ऋतु रहती है और आसमान में बादल छाए रहते हैं, इस कारण कई बार सूर्य और चंद्रमा दिखाई नहीं देते हैं. सूर्य और चंद्र की रोशनी हम तक नहीं पहुंचती है तो हमारी पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है. इन दोनों ग्रहों की रोशनी से पाचन शक्ति मजबूत होती हैं. नॉनवेज खाने को पचाने के लिए पाचन शक्ति मजबूत होना जरूरी है. यदि ये खाना ठीक से पचेगा नहीं तो स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं.
9. पति-पत्नी ध्यान रखें ये बातें
अधिकांश परिवारों में पति-पत्नी के बीच वाद-विवाद, छोटी-छोटी लड़ाइयां अक्सर होती रहती हैं. यह विवाहिक जीवन का हिस्सा हैं, लेकिन जब छोटी-छोटी बातें बढ़ जाती हैं तो पूरे परिवार में अशांत वातावरण हो जाता है. सावन माह में इस बात का विशेष ध्यान रखें कि घर में क्लेश ना हो. जिन घरों में क्लेश होता है, अशांति रहती है, वहां देवी-देवता निवास नहीं करते हैं. सावन माह में शिवजी की कृपा चाहते हैं तो घर में प्रेम बनाए रखें और एक-दूसरे की गलतियों को भूलकर आगे बढ़ें. घर में शांति रहेगी तो जीवन भी सुखद बना रहेगा. मन प्रसन्न रहेगा। प्रसन्न मन से पूजा करेंगे तो मनोकामनाएं भी जल्दी पूरी हो सकती हैं.
10. क्रोध न करें
क्रोध से मन की एकाग्रता और सोचने-समझने की शक्ति खत्म हो जाती है. इस आवेश में लिए गए फैसले भी अधिकतर नुकसानदायक ही होते हैं. यह एक बुराई है और इससे बचना चाहिए. शिवजी के कृपा पाने के लिए खुद को शांत रखना बहुत जरूरी है. क्रोध से मन अशांत हो जाता है और ऐसे में पूजा नहीं की जा सकती है.
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