तेलंगाना में पुलिस ने दो मुर्गों को हवालात में बीते 26 दिन से बंद कर रखा है. आप भी सोच रहे होंगे कि भला मुर्गों ने कौन सा कत्ल या गुनाह कर दिया? आप और भी हैरान हो जाएंगे जब आपको पता चलेगा कि 10 जनवरी से ये मुर्गे सलाखों के पीछे हैं. यानी 26 दिन से ज़्यादा होने को आए हैं. दरअसल मुर्गे तो निर्दोष हैं, जुर्म तो इनसे गुनाह करवाने वाले मालिकों का था. खास बात यह है कि, इनके मालिक अब जमानत पर बाहर हैं और मुर्गे जेल में.
तेलंगाना के खम्म्म जिले के मिदिगोंडा पुलिस स्टेशन में ये दोनों मुर्गे बंद हैं. असल में मामला मुर्गों की लड़ाई का था. सुबूत के आधार पर इन दोनों मुर्गों को पुलिस पकड़ लाई थी. और इन्हें जेल में बंद कर रखा गया है. बानापुरम गांव में मुर्गों को लड़ाया जा रहा था. पुलिस को सूचना मिली तो पुलिस मौके पर पहुंच गई. 10 लोगों को गिरफ्तार कर लिया. इनमें वो दो लोग भी थे जिन्होंने मजमा जोड़ा था.
घटना स्थन से पुलिस ने लोगों को पकड़ा, बाइकें जब्त कीं और मुर्गे भी पकड़ लिए गए. इन मुर्गों को किसी ने अपना नहीं बताया. अपना बताते तो मानना पड़ता कि लड़ा रहे थे. लिहाजा मुर्गों को वहीं छोड़ दिया गया.
हालांकि मामले में पुलिस कह रही है कि दोनों मुर्गे सुबूत हैं और आवश्यकता लगने पर उनको अदालत में पेश किया जाएगा. अधिकारियों ने बताया कि दोनों मुर्गों को नीलाम कर दिया जाएगा. जो ऊंची बोली लगाएगा वो मुर्गों को ले जाएगा.
तेलंगाना में लड़ाए जाते हैं मुर्गे
मालूम हो कि संक्रांति पर्व के मौके पर तीन दिनों तक मुर्गों की लड़ाई कराई जाती है. साल 2021 में भी कराई गई. मीडिया रिपोर्ट्स मानें तो 100 करोड़ से अधिक का सट्टा लगाया गया. इस लड़ाई में मुर्गों के पैर में छोटे चाकू बांध दिए जाते हैं. दोनों मुर्गों में से कोई एक मुर्गा की या तो मौत हो जाती है, या फिर रिंग से बाहर हो जाता है. जीते हुए मुर्गे के मालिक को ढेर सारेे रुपए मिल जाते हैं.