
रावण का पूरा नाम क्या है? | Ravan ka Pura Naam Kya Tha
राम रावण के युद्ध से पूरी दुनिया परिचित है। पूरा विश्व जानता है कि, रावण लंका का राजा था। श्री राम और रावण के बीच माता सीता के हरण के बाद युद्ध हुआ था। जिसमें उनकी सहायता श्री हनुमान जी ने की थी। इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि, रावण बेहद ही बुद्धिमान और शक्तिशाली योद्धा था। दशहरा पर्व के दौरान पूरे भारत में लंकापति रावण का दहन किया जाता है। ऐसे में रावण के दस सिरो का दर्शाया जाता है। यही कारण है कि, रावण का नाम दशानंद पड़ा। भगवान शिव की कठोर तपस्या के दौरान रावण ने एक-एक कर अपने सिर को दस बार काटकर अग्नि कुंड में चढ़ाया था। जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उसे मनचाहा वरदान दिया था। पोस्ट के जरिए हम जानेंगे कि, रावण का पूरा नाम क्या है? | Ravan ka Pura Naam Kya Tha | Lankadhipati Ravan Ka Asli Naam Kya Tha.
हिंदू धर्म के लोग रावण दहन यानी दशहरा पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में देखते है। सरल शब्दों में कहा जाए तो रावण को बुराई के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि, हम रावण के गुण को नजरंदाज नहीं कर सकते हैं। जी हां दोस्तों हमारे कहने का तात्पर्य है कि, दशानंद रावण भले ही बुराई का प्रतीक माना जाता था, लेकिन उनके पास गुणों का भी भंडार था। जिनके कारण वह और भी अधिक विद्वान कहलाता था। पौराणिक मान्यता है कि, रावण चारो वेदों तथा छह शास्त्रों का ज्ञाता था।
तो क्या दोस्तों आप भी रावण के बारे में कुछ रोचक तथ्यों के बारे में जानना चाहते है, यदि हां तो उसके लिए आपकों हमारे आज के लेख को अंतिम तक पढ़ने की जरूरत होगी। क्योंकि आज के लेख में आप सभी को रावण से जुड़ी कई आवश्यक जानकारी विस्तार पूर्वक प्राप्त होने वाली है।

रावण का पूरा नाम क्या है?
रावण रामायण का नकल पात्र था। रावण का वास्तविक नाम दशगिवरी था। दस सिरों के कारण इन्हें दशानन भी कहा जाता है।
रावण की उम्र क्या थी?
रावण की जाति क्या है?
ब्रम्हाड में कई ऐसे राक्षक पैदा हुए हैं, जिनका जन्म मायावी शक्तियों के साथ हुआ था। इन्हीं मायावी शक्तियों के कारण देवता राक्षकों से युद्ध हार जाते थे। यही वजह है कि कई बार राक्षसों के डर से देवताओं त्राहिमान त्राहिमान करके इधर उधर छिपते फिरते थे। इन्हीं राक्षसों में एक रावण भी था, जिससे कई देवी देवता डरा करते थे।
ऐसा इसलिए क्योंकि रावण को खुद शिव भगवान से मुक्ति प्राप्त थी। क्या आप सभी जानते है कि रावण की जाति क्या थी, यदि नहीं तो कोई बात नहीं आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि रावण ब्राह्मण जाति का था। लेकिन देखा जाए तो चुकी रावण की माता राक्षस जाति की थी इसलिए रावण राक्षस जाति का भी था।
रावण के 10 सिर क्यों थे?
क्या आप जानते है कि रावण के 10 सिर क्यों थे, यदि नहीं तो कोई बात नहीं आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि रावण के 10 सिर होने के पीछे की कहानी काफी दिलचस्प है। दरअसल, यदि हम रावण के 10 सिर के बारे में सरल शब्दों में समझे, तो रावण के 10 सिर उसके बुराइयों का प्रतीक माना जाता है। जिसमें क्रोध, अहंकार, द्वेष, काम, घृणा, धोखा, लाभ, व्यभिचार, मोह, पक्षपात इत्यादि शामिल है।
रावण की मृत्यु कैसे हुई?
रावण की मृत्यु कैसे हुई इस बारे में हम सभी भली भांती जानते हैं। बता दें कि, वास्तव में रावण का वध कर पाना हर किसी के लिए संभव नहीं था। दरअसल, श्री राम ने रावण के सभी सिर काट कर उसे मृत्यु देने की कोशिश तो की लेकिन जब जब श्री राम रावण के सिर काटा करते थे उसका सिर फिर से वापस आ जाता था।
जिसके पश्चात श्री राम जी को रावण की मृत्यु कैसे हो सकती है इसके बारे में जानकारी प्राप्त हुई और यह बताने वाले खुद रावण के भाई विभीषण थे। दरअसल, विभीषण ने बताया कि रावण का प्राण उसके नाभी में है। इस प्रकार श्री राम जी को रावण की मृत्यु का भेद पता चला और फिर उन्होंने अपने तीर से रावण के नाभी पर तीर चलाया जिससे उसकी मृत्यु हो गई।
Also read: