मशरूम की उन्नत खेती कैसे करें और कैसे कम लागत में लाखों कमायें (Mushroom Ki Kheti Kaise Kare)
Table of Contents
सेहत के प्रति जागरूक लोग मशरूम के फायदे के बारे में अच्छे से जानते है। बीते कुछ सालों में मशरूम की खेती को लेकर किसानों में जागरूकता बढ़ी है। इसका सीधा कारण है, मशरूप की उपज को बेचे जाने पर अधिक मुनाफा आना है। यदि Mushroom Ki Kheti सही तरीके से किया जाए तो हर माह लाखों रुपए कमाए जा सकते है। पोस्ट के जरिए हम जानेगें कि मशरूम की खेती (Mushroom Ki Kheti) को कम लागत में कैसे और किस प्रकार किया ताकि लाखों रुपए की आमदनी हो सकें। यहाँ पर हम मशरूम की तीन वैरायटी की बारे विस्तार पूर्वक चर्चा करेंगे जो कि कम लागत में अच्छी उपज देती हैं।
भारत देश में मशरूम की खेती (Mushroom Ki Kheti) का चलन दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। इसका सीधा कारण है कि, मानव मानसिक एवं आधुनिक युग की ओर अग्रसर होता जा रहा है ठीक उसी तरह से शरीर के लिये पोषक-तत्व युक्त, गुणकारी, स्वादिष्ट, उपयोगी सब्जी भी अपने भोजन में लेना पसन्द कर रहा है।
मशरूम के फायदे हैं अनेक Benefits of Mushroom
मशरूम पोषक तत्व और विटामिन से भरपूर एक ऐसी सब्जी हैं जिसमें प्रचुर मात्रा में प्रोटीन, खनिज लवण, विटामिन ‘बी’, ‘सी’ व ‘डी’ मौजूद होता है। मशरूम स्वाद में बेहद ही स्वादिष्ट एवं पाचनशील होती है। यहां तक कि इसमें फल और सब्जी की तुलना में प्रोटीन की अधिक मात्रा होती है ।
इसमें फोलिक-अम्ल की उपलब्धता शरीर में रक्त बनाने में अधिक मदद करती है । इसका सेवन मनुष्य के रक्तचाप, हृदयरोग, रक्त की कमी को पूरा करने मे लाभकारी रहता है ।
मशरूम का इस्तेमाल विभिन्न प्रकार के भोज्य पदार्थों में किया जाता है। वर्तमान समय में यह अधिक प्रचलित होने से लगभग सभी स्थानों में उपलब्ध होती है। इसका इस्तेमाल अनेक सब्जियों के साथ मिक्स-वेजीटेबल (Mixed Vegetables) के रूप में विवाह-शादियों एवं पार्टियों में अधिक होता है।
इसके अतिरिक्त दाल, राजमा, आलू टमाटर, मटर आदि के साथ सब्जी के रूप में खाते हैं तथा सूप चावल के साथ पुलाव तथा चाइनीज-फूड में अधिक प्रयोग किया जाता है । इसको कई स्थानों पर खुम्भी के नाम से भी जानते हैं ।
मशरूम की खेती में सावधानियां (Mushroom Ki Kheti)
मशरूम की खेती के लिये कुछ मुख्य विशेष सावधानियां हैं जिनकी जानकारी होना हम सभी के लिए बेहद ही आवश्यक हैं। क्योंकि इस सब्जी की खेती में अन्य सब्जियों की खेती से भिन्न कृषि-क्रियाएं अपनानी पड़ती हैं। जैसे- विशेषत: तापमान का नियन्त्रण एवं खाद-मिट्टी का मिश्रण जिसमें पूर्णत: पोषक तत्व उपलब्ध रहें।
♦ लेटेस्ट जानकारी के लिए हम से जुड़े ♦ |
WhatsApp पर हमसे बात करें |
WhatsApp पर जुड़े |
TeleGram चैनल से जुड़े ➤ |
Google News पर जुड़े |
मशरूम की खेती की ट्रेनिंग (Mushroom Ki Kheti)
वर्तमान समय में मशरूम कल्चर या उत्पादन के लिए सैकड़ों प्रकार की नई तकनीक की जानकारी के लिए कृषकों को सभी कृषि विश्वविद्यालय एवं कृषि अनुसंधान केन्द्रों, संस्थानों पर प्रशिक्षण (Training) दिया जाता है ।
जैसे-
- दिल्ली क्षेत्र के कृषकों एवं मशरूम उत्पादकों के लिये – माइकोलोजी एंड प्लान्ट पेथोलोजी डिवीजन, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली तथा स्नोव्यू मशरूम लैब एंड ट्रेनिंग सेन्टर, गांधी आश्रम, नरेला, दिल्ली-40 आदि ।
- राष्ट्रीय खुम्बी अनुसंधान केन्द्र, चंबा घाट, सोलन, हिमाचल प्रदेश ।
- मशरूम अनुसंधान केन्द्र, गो. ब. पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय पंतनगर, उत्तरांचल ।
इसे भी पढ़े :