चंबल तट स्थित चामुंडा माता मंदिर नागदावासियों की अगाध आस्था का प्रतिक हैं. मन्नती श्रद्धालु प्रति रविवार को चामुंडा माता मंदिर दशर्न के लिए पहुंचते है। मन्नत पूरी होने पर माता को श्रृंगार की वस्तुएं अपर्ण की जाती है. लेकिन क्या आपकों पता है, मां चामुंडा महिलाओं की सूनी भरती है. सच्ची श्रद्धा से मांगी गई मन्नत पूरी होने पर मंदिर पर मान कार्यक्रम होते है.
मंदिर पुजारी सोहन गुरु ने बताया कि, माता चंबल कुंड के समीप विराजित है. चंबल के ऊफान पर आने के बाद भी माता प्रतिमा को जरा सा नुकसान नहीं पहुंचता. जिससे माता के सिद्धि स्वत: ही साबित हो जाती है. किदंवती है कि मां चामुंडा शहर के प्रवेश द्वार पर विराजित है. ऐसे में शहर की रक्षा भी माता चामुंडा करती है.
इसलिए सूनी गोद भरती है माता चामुंडा
वर्तमान में दिल्ली निवासी किरण शर्मा बताती है, कि उनका मायका बिरलाग्राम नागदा है. विवाह के दो वर्ष बाद भी संतान नहीं होने पर काफी चिंतित थी. नागदा उपचार के लिए आई थी. रविवार को माता के दर्शन की पंरपरा हमेशा से रही है. इसलिए माता के नियमित दर्शन का प्रण लेकर संतान की कामना की. फिलहाल शर्मा को माता का आशीष प्राप्त हुआ है. यह केवल एक ही महिला की कहानी नहीं है. राजस्थान, गुजरात और देश के अन्य प्रदेशों में रहने वाली नागदा की स्थानीय महिलाओं की सूनी गोद चंबल तट स्थित माता चामुंडा के आशीष से ही हरी-भरी हुई है.
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