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अन्तराष्ट्रीय विश्व भारतीय राष्ट्रीय डाक दिवस कब मनाया जाता हैं ?

अन्तराष्ट्रीय विश्व भारतीय राष्ट्रीय डाक दिवस  (National Postal Day or World Postal or Post- office Day hindi)

राष्ट्रीय डाक दिवस कब व क्यों मनाते हैं :  तकनीकी युग में हम सभी मोबाइल फोन का उपयोग करते है। स्मार्ट फोन मानव जीवन का अभिन्न अंग बन गया है। साल 2004 तक हर भारतीय डाक विभाग पर निर्भर थे। ऐसे नहीं है कि डाक का अस्तिव समाप्त हो गया। बदलते परिवेश के साथ डाक विभाग में भी बदलाव कर दिए गए है।

डाक विभाग में अब सभी प्रकार के ऑनलाइन कार्य होने लगे है जैसे – बैंकिंग कार्य, स्पीड पोस्ट, स्पीड कुरियर, ऑनलाइन मनी ट्रांसफर्र आदि। डाक द्वारा हम पत्र भेजा करते थे और मनीऑर्डर, टेलीग्राम आदि की सहायता लिया करते थे. लेकिन आज के समय में इन्टरनेट, कुरिअर के माध्यम से हम वस्तुओं को भेज सकते हैं व मिनटों में संदेश प्राप्त कर सकते हैं. डाक का महत्त्व आज भी है और इसी महत्त्व को दर्शाने के लिए प्रत्येक वर्ष डाक दिवस मनाया जाता है.

भारतीय डाक के कर्मचारियों को समर्पित करने के लिए यह दिवस प्रत्येक वर्ष 10 अक्तूबर को मनाया जाता है. विश्व में यह डाक दिवस 9 अक्टूबर को मनाया जाता है. इसका उद्देश्य ग्राहकों को इसके डाक के प्रति जागरूक बनाना है. इस दिन विभाग श्रेष्ठ कार्य करने वाले डाकियों और अफसरों को पुरस्कृत भी किया जाता है.

अन्तराष्ट्रीय एवम राष्ट्रीय डाक दिवस कब मनाया जाता हैं? (International / National Postal Day )

भारतीय डाक सेवा दिवस हर साल 10 अक्टूबर को मनाया जाता है, एवम अन्तराष्ट्रीय डाक सेवा दिवस उसके एक दिन पहले 9 अक्टूबर को मनाया जाता हैं.

भारतीय डाक सेवा दिवस 10 अक्टूबर
अन्तराष्ट्रीय डाक सेवा दिवस 9 अक्टूबर (1969 में शुरू हुआ)
भारत में पहला पोस्ट ऑफिस 1774 (कोलकत्ता)
भारतीय सीमा के बाहर पहला डाकघर दक्षिण गंगोत्री, अंटार्कटिका (1983)
स्पीड पोस्ट कब शुरू हुआ 1986
मनी आर्डर सिस्टम कब शुरू हुआ 1880

भारत का पिन कोड सिस्टम

पिनकोड में पिन पोस्टल इंडेक्स नंबर के जानने के लिए डाले जाते हैं। 6-अंकीय पिन प्रणाली को श्रीराम भीकाजी वेलणकर ने 15 अगस्त 1972 को केंद्रीय संचार मंत्रालय में एक अतिरिक्त सचिव द्वारा पेश किया गया था। पिन कोड के पहले अंक में क्षेत्र के निशान हैं। दूसरा अंक उप-क्षेत्र को दिखाता है। तीसरा अंक जिले की पहचान करता है। अंतिम तीन अंक डाकघर को दर्शाते है। इसलिए किसी भी प्रकार के शासकीय या निजी पते पर पिन कोड आवश्यक रूप से डाले जाने को कहा जाता है।

राष्ट्रीय डाक का इतिहास | National Post Day History

भारतीय डाक का इतिहास करीब डेढ़ सौ साल पुराना है. शुरुआत ब्रिटिश हुकूमत के दौर में  हुई थी. डाक सेवा अंग्रेजो ने भारत में शुरू की थी। साल 1766 में लार्ड क्लाइव ने पहली बार भारत में डाक व्यवस्था को शुरु किया था।  विभाग के रूप में 1 अक्तूबर 1854 में स्थापना की गई। भारत का पहला डाकघर कोलकाता में साल 1774 को वारेन हेस्टग्सिं द्वारा स्थापित किया गया। जिसके बाद सन 1786 में मद्रास में डाकघर का निर्माण हुआ। सन् 1793 में बम्बई प्रधान डाकघर की स्थापना हुई. 1863 में रेल डाक सेवा का प्रारंभ हुआ। 

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भारतीय डाक का महत्व । Importance of Indian post

  • भारत में पहली बार चिट्‌ठी पर टिकट लगाए जाने की शुरुआत साल 1852 में हुई. इन दिनों महारानी विक्टोरिया के चित्र वाला टिकट 1 अक्टूबर सन 1854 में जारी किया गया.
  • 1880 में मनी ऑर्डर की सेवा शुरू हुई.
  • 1972 को पिन कोड की शुरुआत हुई और 1986 को स्पीड पोस्ट की सेवा प्रारम्भ की गयी.
  • 2000 में ग्रीटिंग पोस्ट की शुरुआत हुई, 2001 में इलेक्ट्रॉनिक फण्ड ट्रान्सफर सेवा शुरू हुई, जिसके बाद से 2002 में इन्टरनेट आधारित ट्रैक एवं टैक्स सेवा की शुरुआत हुई.
  • साल 2003 में बिल सेवा प्रारम्भ की और 2004 में ई – पोस्ट सेवा की शुरुआत की और इसी वर्ष लोजिस्टिक्स पोस्ट सेवा भी प्रारंभ की गई.

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Ravi Raghuwanshi

रविंद्र सिंह रघुंवशी मध्य प्रदेश शासन के जिला स्तरिय अधिमान्य पत्रकार हैं. रविंद्र सिंह राष्ट्रीय अखबार नई दुनिया और पत्रिका में ब्यूरो के पद पर रह चुकें हैं. वर्तमान में राष्ट्रीय अखबार प्रजातंत्र के नागदा ब्यूरो चीफ है.

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