इंसान भी पैदा कर सकता है जहर, ‘टूल किट’ के जरिए । Humans can also produce poison, through ‘tool kit’
कई साल पहले जहरीला इंसान नाम की फिल्म बनी थी. अब यह साबित हो गया कि इंसान भी अपने शरीर में सांपों की तरह जहर पैदा कर सकता है. अन्य स्तनधारी जीव भी इससे पीछे नहीं है इंसानों में तो बकायदा एक टूलकिट मौजूद है. जिसके जरिए वह यह काम कर सकते हैं.
खास बात यह है कि यह अंग शरीर में जरूरत के हिसाब से विकसित होता है. प्रोसीडिंग ऑफ द नेशनल अकैडमी आफ साइंसेज जर्नल में प्रकाशित ताजा शोध में यह दावा किया गया है. जापान के ओकिनावा इंस्टीट्यूट आफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने शोध किया है.
वैज्ञानिकों ने ताइवान में भूरे रंग के पिट वाइपर (सांप) की स्टडी से जानना चाहा कि कौन सा जहर पैदा करने के लिए जरूरी होता है. और सामान्य तौर पर कितने जीवों में पाया जाता है. शोध के सह लेखक अग्नीश बरुआ ने बताया कि जंतु जगत में जींस के प्रभाव से लार ग्रंथियां 100 से ज्यादा बार विकसित हुई है.यह जरूरत के हिसाब से बदली है.
कैलीक्रेंस का है सारा खेल
वैज्ञानिकों के अनुसार कैलीक्रेंस जहरीले जीवों में जरूर मिलता है. यही प्रोटीन है, जो इंसानों में जहर पैदा करने की क्षमता रखता है. हालांकि इंसानों में यह आसानी से विकसित नहीं होता. पर आज भी इंसानों में यह जहर बनाने वाला टूलकिट मौजूद है.
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हाउसकीपिंग जींस बनाता है प्रोटीन
शोधकर्ता अलेक्जेंडर मिखेयेव के अनुसार इंसानों समेत कई जीवों में एक हाउसकीपिंग जींस होता है. जो विषाक्त पदार्थ शरीर के अंदर बनाता है, लेकिन यह जहर नहीं होता. इंसानों के थूकने पर विशेष प्रोटीन कैलीक्रेंस निकलता है. कैलीक्रेंस प्रोटीन भोजन को पचाने में मदद करता है. यह आसानी से म्यूटेट नहीं हो पाता. सांप और अन्य जहरीले जीवों में यह प्रोटीन म्यूटेट हो जाता है. और जहर बनाने का सिस्टम विकसित करता है.
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