एड्स बीमारी का पता कैसे चलता है ? How is AIDS disease diagnosed?
एचआईवी एड्स से मतलब है ऐसी बीमारी से है, जो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के कारण होती है। एड्स बीमारी ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) के कारण होती है, बीमारी का सीधा असर पीड़ित की रोग-प्रतिरोधक क्षमता पर देखने को मिलता है।
हालांकि, वर्तमान एचआईवी एड्स के उपचार का कोई सर्वोत्तम उपचार का पता नहीं चल सका है, लेकिन पर्याप्त सावधानी और नियमित दवाओं का सेवन करने से एचआईवी एड्स के संक्रमण को काफी हद तक कम किया जा सकता है। लेख के जरिए हम आपकों एड्स बीमारी का पता कैसे चलता है ? How is AIDS disease diagnosed?
एड्स बीमारी का पता कैसे चलता है ? How is AIDS disease diagnosed? पता निम्नलिखित कारणोें से चलता है-
- असुरक्षित तरीके से यौनिक गतिविधि करना- एड्स बीमारी के प्रमुख काराणों में सबसे पहला कारण असुरक्षित तरीके से यौन संबंध बनाना है। संक्रमित के साथ संबंध बनाने से बैक्टीरिया दूसरे व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करता है।
- असुरक्षित रक्त को चढ़ाना- एचआईवी एड्स के दूसरा कारण असुरक्षित रक्त को किसी शख्स के शरीर में चढ़ाने से होता है। ऐसा रक्त जिसमें किसी भी प्रकार का वायरस या बैक्टीरिया मौजूद हो।
- सामान्य सुईयों की बजाय का उपयोग एक से अधिक बीमार लोगों पर करना- एचआईवी एड्स का तीसरा और सबसे सामान्य कारण सामान्य सुईयों की बजाय का उपयोग एक से अधिक बीमार लोगों पर किए जाने से संक्रमण फैलता है। संक्रमित सुई का उपयोग एक से अधिक लोगों पर करने से एचआईवी एड्स होना का कारण बनता है।
- गर्भवती होना- एचआईवी एड्स किसी भी शख्स (पुरूष और महिला दोनों) को हो सकता है। यदि महिला की बात की जाए तो उन्हें इस बीमारी के होने की संभावना तब अधिक रहती है, जब वे गर्भवती होती हैं।
- स्तनपान कराना- इतना ही नहीं एचआईवी एड्स बीमारी संक्रमित महिला बच्चे को डिलीवरी या फिर स्तनपान के दौरान हो सकती है।
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