गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर शायरी । gantantra diwas ke shubh avsar par shayari
भारत 72वां गणतंत्र दिवस मनाने को तैयार है और इसे लेकर हर शख्स के मन में देशभक्ति का जज्बा नजर आने लगा है। साल 2021 में लोकतंत्र का यह त्योहार 26 जनवरी 2021, मंगलवार को मनाया जाएगा लेकिन इसके पूर्व ही लोगों में इसे लेकर माहौल बनने लगा है।
भारतवर्ष के सभी प्रदेशों में गणतंत्र दिवस की तैयारियां हो चुकी हैं और लोग अभी से एक दूसरे को इसकी शुभकामनाएं देने लगे हैं। कोरोना महामारी की वैक्सीन मिलने के बाद यह एक ऐसा पहला मौका है जब लोग सीमित संख्या में गणतंत्र के उत्सव को मनाने के लिए एकत्र हाेंगे।
26 जनवरी को देश की राजधानी दिल्ली में राजपथ पर देश की तीनों सैनाएं जब परेड करेंगी तो वो नजारा ही कुछ और होगा। ऐसे में अगर आप भी अपनों को गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर शायरी । gantantra diwas ke shubh avsar par shayari (Republic Day 2021 Wishes) देना चाहते हैं तो हम आपके लिए लाए हैं गणतंत्र दिवस की जोश भरी शायरी जो इस दिन को खास बनाएगी।
याद रखेंगे वीरो तुमको हरदम, यह बलिदान तुम्हारा है,
हमको तो है जान से प्यारा यह गणतंत्र हमारा है।
कुछ नशा तिरंगे की आन का है, कुछ नशा मातृभूमि की शान का है,
हम लहरायेंगे हर जगह ये तिरंगा, नशा ये हिंदुस्तान के सम्मान का है।
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मुझे ना तन चाहिए, ना धन चाहिए
बस अमन से भरा यह वतन चाहिए
जब तक जिंदा रहूं, इस मातृभूमि के लिए
और जब मरूं तो तिरंगे का कफन चाहिए।
gantantra diwas ke shubh avsar par shayari
कुछ नशा तिरंगे की आन का है,
कुछ नशा मातृभूमि की शान का है,
हम लहराएंगे हर जगह ये तिरंगा
शहीदों का सपना जब सच हुआ
हिंदुस्तान तब स्वतंत्र हुआ
आओ सलाम करें उन वीरों को
जिनकी वजह से भारत गणतंत्र हुआ।
……..गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं………
गणतंत्र दिवस के मैसेज । gantantra diwas ke Message
भारत के गणतंत्र का, सारे जग में मान; दशकों से खिल रही, उसकी अद्भुत शान; सब धर्मों को देकर मान रचा गया इतिहास; इसीलिए हर देशवासी को इसमें है विश्वास। गणतंत्र दिवस की बधाई !
वतन हमारा मिसाल मोहब्बत की,
तोड़ता है दीवार नफ़रत की,
मेरी खुश नसीबी, मिली ज़िंदगी इस चमन में भुला ना सके कोई इसकी ख़ुश्बू सातों जनम में...
उसे यह फिक्र है हरदम नया तर्जे जफा क्या है... उसे यह फिक्र है हरदम नया तर्जे जफा क्या है हमें यह शौक हैं देखें सितम की इंतहा क्या है....
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है…
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-कातिल में है
करता नहीं क्यूँ दूसरा कुछ बातचीत,
देखता हूँ मैं जिसे वो चुप तेरी महफ़िल में है….
जो अगणित लघु दीप हमारे…
जो अगणित लघु दीप हमारे
तूफानों में एक किनारे,
जल-जलाकर बुझ गए किसी दिन
माँगा नहीं स्नेह मुँह खोल
कलम, आज उनकी जय बोल….
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