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Gandhi Jayanti Essay in Hindi | गांधी जयंती पर निबंध हिंदी में

Gandhi Jayanti Essay in Hindi:- महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात राज्य के पोरबंदर में हुआ था। राष्ट्रपिता के जन्मदिन के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष 2 अक्टूबर को  गांधी जयंती मनाया जाता है। इस दिन गांधी जयंती पर निबंध, भाषण और भिन्न-भिन्न प्रकार की अहम जानकारियाें को लोगों के साथ साझा किया जाता है। यदि आप भी इस गांधी जयंती के अवसर पर Gandhi Jayanti par Nibandh की खोज में जिज्ञासा पूर्वक जुटें हैं, तो आज का हमारा यह लेख आपकों राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देने जा रहे है।

गांधी जयंती भारत के कुछ महत्वपूर्ण जयंतियों में से एक है। महात्मा गांधी को भारत का राष्ट्रपिता कहकर पुकारा जाता है। इसलिए इनकी जन्मोत्सव बेहद ही महत्वपूर्ण है। यदि आप भी गांधी जी को तहेदिल से याद करना चाहते है और गांधी जयंती निबंध लोगों के साथ साझा करना चाहते है तो इसके बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी बेहद ही आसान भाषा में में आपके समक्ष प्रस्तुत की जा रही है उसे ध्यानपूर्वक और अंत तक जरूर पढ़ें।

Gandhi Jayanti Essay in Hindi 2022

जयंती का नाममहात्मा गांधी गांधी जयंती 2022
कब मनाया जाता हैहर साल 2 अक्टूबर
कैसे मनाया जाता हैभारत में अलग-अलग समारोह आयोजित करके
क्यों मनाया जाता हैमहात्मा गांधी भारत के राष्ट्रपिता थे, उनके सम्मान में

Gandhi Jayanti Par Nibandh

गांधी जयंती राष्ट्रपिता के सम्मान में प्रतिवर्ष 2 अक्टूबर बेहद ही उत्साह और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। आजादी के बाद भारत सरकार ने महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता उपाधि से सम्मानित किया। जिसके चलते आज भी गांधी जी को राष्ट्रपिता के नाम से जाना जाता है। बापू के जन्मदिन के अवसर पर देश के सभी प्रांतों में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक समारोह का आयोजन किया जाता है। महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को भारत के गुजरात प्रांत के पोरबंदर जिले में हुआ था। उनके पिता का नाम करमचंद गांधी था जो राजकोट के कोर्ट में दीवान का काम करते थे। महात्मा गांधी का विवाह महज 12 वर्ष की आयु में 13 वर्ष की कस्तूरबा गांधी से तय कर दिया गया था। विवाह के कुछ दिनों बाद ही महात्मा गांधी बैरिस्टर की पढ़ाई करने के लिए भारत छोड़कर लंदन पहुंच गए थे।

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Gandhi Jayanti Par Nibandh

कई वर्षों तक पढ़ाई पूरा कर महात्मा गांधी भारत लौटे, जिसके बाद वह मुंबई में कुछ दिनों तक वकालत की प्रैक्टिस करते रहे। प्रैक्टिस पूरा होने बाद उनके पिता मोहनदास करमचंद ने उन्हें साउथ अफ्रीका के बड़े सेठ का केस लड़ने के लिए उन्हें दक्षिण अफ्रीका भेज दिया। अपनी पत्नी के साथ वह दक्षिण अफ्रीका की ओर निकल गए। जहां पर बापू ने अफ्रीका के लोगों की आर्थिक स्थिति को भापकर उनके समर्थन में आंदोलन की ठानी, जिसके लिए वहां पर गांधी ने आंदोलन करना शुरू किया। महात्मा गांधी कुछ गिने-चुने वकीलों में शामिल हो गए जिन्होंने अहिंसा के दम पर केवल अपनी वकालत के ज्ञान को दर्शाते हुए अंग्रेजों से लोगों के हित को दर्शाने वाला कानून बनवाया। करीब 21 साल साउथ अफ्रीका में रहने के बाद वह अपनी पत्नी और बच्चे के साथ भारत 1915 में दोबारा हिंदुस्तान लौट आए।

2 October par Nibandh

दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटने के बाद राष्ट्रपिता गांधी ने अपने राजनीतिक गुरु गोपाल कृष्ण गोखले की अगुवाई में भारत में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ आंदोलन करने का निर्णय किया। जिसके बाद सन् 1917 से गांधी ने अपना आंदोलन शुरू किया। पहला आंदोलन बिहार राज्य के चंपारण जिले से शुरू हुआ था। जिसे भारतीय इतिहास में चंपारण सत्याग्रह के नाम से जाना जाता है। जिसके बाद धीरे-धीरे भिन्न आंदोलनों में सफलता मिलने के बाद सन् 1942 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अपना आठवां आंदोलन भारत छोड़ो आंदोलन का नेतृत्व शुरू किया। जिसे 15 अगस्त 1947 को सफलता मिली।

महात्मा गांधी को उनके विचार और महान कार्यों के चलते भारत सरकार ने उन्हें राष्ट्रपिता की उपाधि से सम्मानित किया। गांधी जी ने विषम परिस्थिति में होने के बाद भी सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर देश के नौजवानों का नेतृत्व किया और गुलाम भारत को अंग्रेजों से आजादी दिलवाई। आज भी सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने की उनकी रणनीति काफी कारगर मानी जाती है जिसके बारे में जागरूकता फैलाने का कार्य 2 अक्टूबर को किया जाता है। देश के प्रत्येक नौजवानों को सत्य और अहिंसा के बारे में समझाने का प्रयास किया जाता है।

प्रत्येक साल 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी का जन्म दिवस बेहद ही उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है।  सरकार इस दिन विभिन्न प्रकार के नियम और योजनाओं को लागू करती है। हर साल की तरह इस साल भी महात्मा गांधी के बलिदान और उनके अनुकरणीय कार्य को सराहना देने के लिए गांधी जयंती का विशेष दिन मनाया जाएगा।

गांधी जयंती पर निबंध | Essay on Gandhi Jayanti 2022

गांधी जयंती का विशेष दिन प्रतिवर्ष बड़े हर्षोल्लास और उमंग के साथ 2 अक्टूबर को मनाया जाता है। महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था, इनके पिता का नाम करमचंद गांधी था, उनकी माता का नाम पुतलीबाई था। महात्मा गांधी के दादाजी उम्र चंद्र गांधी गुजरात के राजवाड़ा परिवार में दीवान का कार्य करती थी। ब्रिटिश हुकूमत का शासन शुरू हुआ तो उनके पिता को राजकोट के कोर्ट में दीवान के कार्य के लिए ट्रांसफर कर दिया गया। वहां से उनके पिता ने वकील और जज के बारे में समझा और अपने बेटे को इस पद पर आगे बढ़ने का फैसला लिया। राष्ट्रपिता गांधी की प्राथमिक शिक्षा के दौरान ही उनके पिता ने उनका विवाह कर दिया। उस दौरान गांधी की आयु महज 12 वर्ष थी। बताते चलें कि, गांधी की पत्नी उनसे 1 साल बड़ी थी। जिनका नाम कस्तूरबा गांधी था।

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी विवाह के कुछ वर्षों बाद ही वकालत की पढ़ाई के लिए लंदन चले गए थे। लंदन से पढ़ाई करने के बाद मुंबई में कुछ सालों तक मुंबई के कोर्ट में प्रैक्टिस किया था। उसी दौरान उन्हें दक्षिण अफ्रीका में एक बड़े सेठ का पैचिदा केस लड़ने का मौका मिला था जहां केस जीतने के बाद उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के लोगों के साथ हो रहे नस्ली भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाने का निर्णय किया था। अपनी पत्नी के साथ 21 वर्ष तक महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका में रहे थे। उसके बाद अपने राजनीतिक गुरु गोपाल कृष्ण गोखले के नेतृत्व पर वह 9 जनवरी 1915 को दक्षिण अफ्रीका से भारत वापस आए थे। महात्मा गांधी अपनी वकालत के कार्य की वजह से दक्षिण अफ्रीका में रहते हुए भी भारतीय अखबारों में हमेशा सुर्खियों में रहते थे।

Gandhi Jayanti ka Nibandh

Gandhi Jayanti Par Nibandh:- भारत में उन्होंने 1917 से अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन करने का क्रम शुरू किया। उन्होंने अपना राजनीतिक करियर एक स्वतंत्रता सेनानी के रूप में शुरू किया। जिसकी शुरुआत भारत के बिहार राज्य के चंपारण सत्याग्रह, खेड़ा आंदोलन, रौलट एक्ट विरोध, असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन, दांडी मार्च, भारत छोड़ो आंदोलन, जैसे विभिन्न प्रकार के आंदोलनों की शीर्ष अगुवाई कर किया।

भारत को आजादी दिलाने वाले मोहनदास करमचंद गांधी सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर आजादी मांगने के तरीके से प्रभावित होकर महान लेखक रविंद्र नाथ टैगोर ने उन्हें महात्मा की उपाधि से नवाजा था। गांधी पूरे भारत में बेहद ही प्रसिद्ध और एक जाने माने नाम हुए थे। मोहनदास करमचंद गांधी के बलिदान के लिए आजादी के बाद उन्हें राष्ट्रपिता घोषित किया गया था। भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष 2 अक्टूबर को राष्ट्रीय अवकाश रखा जाता है। प्रतिवर्ष उनके बलिदान और महान कार्य के लिए हर भारतीय 2 अक्टूबर को गांधी जयंती का विशेष दिन मनाते है। इस दिन महात्मा गांधी के सत्य और अहिंसा की बात की जाती है अलग-अलग जगह पर गांधी जयंती का समारोह आयोजित किया जाता है और इस तरह भारत में गांधी जयंती का विशेष दिन हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। आने वाले समय में भी हमें इस तरह गांधी जयंती का विशेष दिन मनाते रहेंगे और महात्मा गांधी के विचारों का निर्वहन करते हुए उनके सत्य और अहिंसा के पथ पर चलने का प्रयास करेंगे।

गांधी जयंती पर निबंध 10 लाइन | 10 Lines on Gandhi jayanti

  1. महात्मा गांधी के जन्मदिन के अवसर पर हम गांधी जयंती का विशेष दिन बड़े उत्साह और हर्षोल्लास के साथ पूरे भारतवर्ष में हर साल 2 अक्टूबर को मनाते है।
  2. महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर जिले में हुआ था।
  3. महात्मा गांधी जात से एक वैष्णव परिवार से ताल्लुक रखते थे जहां उनके दादा परदादा राजवाड़ा परिवार में दीवान का काम किया करते थे।
  4. महात्मा गांधी भारत से अपनी पढ़ाई को पूरा करने के बाद बैरिस्टर की पढ़ाई के लिए लंदन गए थे।
  5. महात्मा गांधी का विवाह 12 वर्ष की आयु में 13 वर्ष की कस्तूरबा गांधी से कर दिया गया था।
  6. महात्मा गांधी के पिता का नाम करमचंद गांधी था और उनकी माता का नाम पुतलीबाई था।
  7. महात्मा गांधी बैरिस्टर की पढ़ाई करने के बाद दक्षिण अफ्रीका चले गए थे जहां उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के लोगों के लिए नस्लभेद के खिलाफ आवाज उठाया था और आंदोलन किया था।
  8. 9 जून 1915 को महात्मा गांधी इस वर्ष बाद दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे।
  9. अपने राजनीतिक गुरु गोपाल कृष्ण गोखले के साथ उन्होंने 1 साल भारत भ्रमण किया था जिसके बाद 1917 से उन्होंने आंदोलन प्रक्रिया शुरू की थी।
  10. 1917 में महात्मा गांधी ने चंपारण सत्याग्रह के साथ आंदोलन शुरू किया था।
  11. 1920 में उन्होंने असहयोग आंदोलन और 1922 में उन्होंने सविनय अवज्ञा आंदोलन के साथ पूरे भारतवर्ष में सत्य और अहिंसा का बड़े पैमाने पर आंदोलन शुरू किया था।
  12. महात्मा गांधी ने अपने पूरे जीवन काल में आठ महत्वपूर्ण आंदोलनों को अंजाम दिया था जिसके परिणाम स्वरूप 1947 में भारत आजाद हुआ था।
  13. महात्मा गांधी के अतुलनीय कार्य नेतृत्व और निर्वाहन प्रक्रिया के साथ किए गए कार्य के बाद उन्हें राष्ट्रपिता घोषित किया गया।
  14. हर साल गांधी जयंती के अवसर पर अलग-अलग समारोह का आयोजन किया जाता है और महात्मा गांधी सत्य और अहिंसा के मार्ग को स्पष्ट रूप से लोगों के समक्ष प्रस्तुत करने का प्रयास किया जाता है।

Gandhi Jayanti Par Nibandh FAQ’s

Q. गांधी जयंती कब मनाया जाता है?

हर साल गांधी जयंती 2 अक्टूबर को मनाया जाता है।

Q. गांधी जयंती का त्यौहार क्यों मनाया जाता है?

गांधी जयंती का विशेष दिन महात्मा गांधी के सत्य और अहिंसा के मार्ग को स्पष्ट रूप से दर्शाने के लिए मनाया जाता है।

Q. महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता का खिताब किसने दिया?

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KAMLESH VERMA

दैनिक भास्कर और पत्रिका जैसे राष्ट्रीय अखबार में बतौर रिपोर्टर सात वर्ष का अनुभव रखने वाले कमलेश वर्मा बिहार से ताल्लुक रखते हैं. बातें करने और लिखने के शौक़ीन कमलेश ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से अपना ग्रेजुएशन और दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया है. कमलेश वर्तमान में साऊदी अरब से लौटे हैं। खाड़ी देश से संबंधित मदद के लिए इनसे संपर्क किया जा सकता हैं।

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