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बाल दिवस पर गीत | Children’s Day Songs in Hindi

बाल दिवस पर गीत | Children’s Day Songs in Hindi

Children’s Day Songs in Hindi  : हिंदुस्तान में बाल दिवस प्रतिवर्ष 14 नवंबर को मनाया जाता है। यह दिन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को पूर्ण रूप से समर्पित हैं, कारण 14 नवंबर उनका जन्म दिवस है। प्रधानमंत्री नेहरू जी को बच्चों से विशेष लगाव था। नेहरू जी का मानना था कि, बच्चे देश का भविष्य है। इसी उद्देश्य से भारत सरकार ने उनके जन्म दिवस को देश में बाल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। बाल दिवस के अवसर पर पूरे भारत वर्ष में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक और देशभक्ति से ओतप्रोत कार्यक्रम आयोजित होते हैं, जिसमें बाल दिवस पर गीत कार्यक्रम प्रमुख होते हैं।

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Children’s Day Songs in Hindi

Children’s Day Songs in Hindi

दिवस का नामबाल दिवस
साल2022
मनाया जाएगा14 नवंबर को
क्यों मनाया जाएगापंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन के उपलक्ष्य में है
कहां मनाया जाएगापूरे भारतवर्ष में
बाल दिवस का प्रमुख उद्देश्य क्या हैछोटे बच्चों के अधिकार की रक्षा करना और उन्हें सभी प्रकार की बुनियादी सुविधा प्रदान करना

Bal Diwas Geet in Hindi

बच्चो हम आज बताते हैं
यह बाल दिवस क्या होता
यह बाल दिवस क्यों होता
ये तो तुम सबने सुना ही होगा
दुनिया राम चलाते हैं
बैकुंठ छोड़कर बच्चे बन
भगवान धरा पर आते हैं
जिनको छल कपट नहीं आते
भगवान वहीँ पर रम जाते हैं
इसलिये तो बच्चे दुनिया में
भगवान का रूप कहाते हैं।
बच्चो हम आज बताते हैं
यह बाल दिवस क्या होता
यह बाल दिवस क्यों होता..
गर महल बनाना हो ऊँचा
तो नीवें ठोस अटूट रखो
भारत को पंख लगाना है
तो बच्चों को मजबूत करो
उनके सपनों को पलने दो
ये फूल चमन में खिलने दो
तब रितु बसंती आयेगी
भारत के भाग्य जगायेगी।
बच्चो हम आज बताते हैं
यह बाल दिवस क्या होता
यह बाल दिवस क्यों होता..
प्यारे बच्चों तुम ख़ूब पढ़ो
खेलो कूदो इक नाम करो
इस वतन को श्रेष्ठ बनाना है
निर्मित होकर निर्माण करो
निष्ठा हो भारत माता से
भारत से भाग्य विधाता से
इस देश को स्वर्ग बनाना है
सच्चाई से तुम काम करो
बच्चो हम आज बताते हैं
यह बाल दिवस क्या होता
यह बाल दिवस क्यों होता
थी बड़ी सोच मौलिक सपने
बच्चों के प्यारे चाचा के
जिनको नेहरू जी कहते हैं
भारत के वीर जवाहर के
नेहरू चाचा का जन्मदिवस
इसलिये तो देश मनाता है
यह तिथि नवंबर चौदह का
दिन बाल दिवस कहलाता है।
बच्चो हम आज बताते हैं
यह बाल दिवस क्या होता
यह बाल दिवस क्यों होता

बाल दिवस पर गीत (फ़िल्मी गाने)

1. नन्हे मुन्ने बच्चे – बूट पॉलिश

नन्हे मुन्ने बच्चे फिल्म बूट पॉलिश का गाना है यह फिल्म 1956 में सिनेमाघरों में आई थी I गाने को मोहम्मद रफी ने गाया है I इस गाने में अनुभवी अभिनेता डेविड अब्राहम चेउलकर झुग्गी-झोपड़ी के बच्चों को स्वाभिमान और उज्ज्वल भविष्य के बारे में सिखा रहे हैं। याकाना बाल दिवस के शुभ अवसर पर आपको बजते हुए दिखाई पड़ जाएगा अगर आप इसे सुनना चाहते हैं आप आसानी से यूट्यूब पर जा सकते हैं वहां पर आपको यह गाना सुनने को मिल जाएगा I

2. लकड़ी की काठी – मासूम

लकड़ी की काठी फिल्म मासूम का फिल्म है इस फिल्म में नसरुद्दीन शाह और शबाना आजमी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी इस फिल्म का मशहूर गाना लकड़ी की काठी काफी मशहूर हुआ था बाल दिवस के दिन छोटे बच्चे इस प्रकार के गाना सुनना काफी पसंद करते हैं I

3. ईचक दाना बीचक दाना – श्री 420

राज कपूर और नरगिस की फिल्म ‘श्री 420’ का यह गाना भी बड़ा ही दिलचस्प है। इस गाने में टीचर बनी नरगिस बच्चों को पहेलियों के माध्यम से पढ़ाने की कोशिश कर रही हैं। यह पहेलियां भी काफी दिलचस्प हैं, इन्हें अपने जरूर अपने बचपन में दादी और नानी को कहते सुना होगा। इस गाने को लता मंगेशकर ने गाया है। बाल दिवस के मौके पर यह गाना जरूर गाया जाना चाहिए।

4. तारे ज़मीन पर- तारे ज़मीन पर

निस्संदेह, बच्चों की सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में से एक आमिर खान की तारे ज़मीर पर है, जो 2008 में रिलीज़ हुई थी। फिल्म की टैगलाइन: “एवरी चाइल्ड इज स्पेशल”, ने पेरेंटिंग और मेंटरशिप सहित कई महत्वपूर्ण संदेश दिए। शंकर महादेवन, डोमिनिक सेरेजो और विविएन पोचा की आवाज़ में शीर्षक ट्रैक बस जादू ही कर देता है। इस गाने में वह सब कुछ है, जो आपको बाल दिवस के मौके पर सुनने की आवश्यकता है।

5. नानी तेरी मोरनी- मासूम (1960)

‘नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए, बाकी जो बचा था काले चोर ले गए’ ब्लैक एंड व्हाइट के एरा से निकला हुआ एक ऐसा बाल गीत है, जो आज भी बच्चों की ज़ुबान पर चढ़कर बोलता है। छोटे बच्चों के लिए इस गाने को कार्टून फॉर्म में भी खूब बनाया गया है। सिंगर रानू मुखर्जी की आवाज़ में गाया हुआ ये गीत आज भी बच्चों

6. चंदा चमके – फना

टंग ट्विस्टर्स हमारे बचपन के दिनों का यादगार हिस्सा रहा है। कच्चा पापड़, पक्का पापड़ से लेकर पके पेड पर पक्का पपीता पक्का पेड़ या पक्का पापिता geet 2006 की फिल्म ‘फना’ का यह गाना चंदा चमके हमारे बचपन के दिनों की एक मीठी याद दिलाता है। बाबुल सुप्रियो, महालक्ष्मी अय्यर और मास्टर अक्षय भागवत के द्वारा गाया गया है और बाल दिवस के पावन अवसर पर इस गाने को बच्चों के द्वारा अधिक पसंद किया जाता है I

7. हम भी अगर बच्चे होते – दूर की आवाज

‘हम भी अगर बच्चे होते’ गाना उस समय का एक बेहद मशहूर गाना है और इस गाने को आप लोगों ने छोटे बच्चों के जन्मदिन पर बजते हुए देखा होगा I हम भी अगर बच्चे होते हैं, नाम हमारा होता गबलू बबलू, खाने को मिलते लड्डू, और दुनिया कहती हैप्पी बर्थडे टू यू’ अब तक का सबसे अच्छा बर्थडे सॉन्ग भी है। इसे 1964 की फिल्म ‘दूर की आवाज’ से मोहम्मद रफी, आशा भोसले और मन्ना डे ने गाया है। इस गाने को भी बाल दिवस के दिन छोटे बच्चों के द्वारा सुनना बहुत ज्यादा पसंद करते हैं इस गाने का इस्तेमाल बर्थडे के दिन भी होता है और बाल दिवस के दिन भी काफी पॉपुलर गाना है I

8. छोटा बच्चा जान के ना कोई आंख देखना रे – मासूम

हमारा सबसे पसंदीदा गाना आदित्य नारायण का गाया हुआ ‘छोटा बच्चा जान के ना कोई आंख देखना रे’ है। 1996 की फिल्म ‘मासूम’ का यह गीत मूल रूप से सभी बदमाश बच्चों के लिए है, जिनके साथ केवल इसलिए खिलवाड़ नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि वे बच्चे हैं। यह गीत सिंगर आदित्य नारायण के साथ-साथ बाल कलाकार, ओमकार कपूर द्वारा की शानदार एक्टिंग और उनके स्वैग को भी दिखाता है। इस बाल दिवस पर, बच्चों को छोटा बच्चा जान के ना कोई आंख देखना रे गाना चाहिए।

9. ओ पापड़ वाले पंगा ना ले – मकड़ी

2002 की फिल्म ‘मकड़ी’ से ‘ओ पापड़ वाले पंगा ना ले’ गाने में एक शरारती लड़की है, जो किसी की कोई बकवास नहीं सुनती। उपगना पांड्या और अलाप मजगावकर द्वारा गाया गया, यह गीत बाल अभिनेत्री, श्वेता बसु प्रसाद पर फिल्माया गया था इस गाने को बाल दिवस पर आप लोगों ने बजते देखा होगा I

FAQ’S बाल दिवस पर गीत

Q: बाल दिवस कब मनाया जाएगा?

Ans: बाल दिवस 14 नवंबर को मनाया जाएगा

Q: बाल दिवस भारत में पहली बार कब मनाया गया था?

Ans: बाल दिवस भारत में पहली बार 1956 में मनाया गया था I

Q: भारत में 14 नवंबर से बाल दिवस मनाने की परंपरा कब शुरू हुई?

Ans: 1964 में जब पंडित जवाहरलाल नेहरु की मृत्यु हुई तब उस समय के सरकार ने इस बात की घोषणा की कि 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाएगा I

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KAMLESH VERMA

दैनिक भास्कर और पत्रिका जैसे राष्ट्रीय अखबार में बतौर रिपोर्टर सात वर्ष का अनुभव रखने वाले कमलेश वर्मा बिहार से ताल्लुक रखते हैं. बातें करने और लिखने के शौक़ीन कमलेश ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से अपना ग्रेजुएशन और दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया है. कमलेश वर्तमान में साऊदी अरब से लौटे हैं। खाड़ी देश से संबंधित मदद के लिए इनसे संपर्क किया जा सकता हैं।

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