सेहत

बच्चेदानी की गांठ को कैसे ठीक करें

बच्चेदानी में गाँठ Fibroids महिला के गर्भाशय से जुड़ी एक बीमारी होती है। यह अधिकांश महिलाओं को 30-50 साल की उम्र के बीच में होती है। भारतीय महिलाओं में 30 की उम्र के बाद वैसे भी तीन में से एक महिला जरूर गर्भाशय से जुड़ी किसी न किसी परेशानी से जूझ रही होती है।

जैसे- की कई महिलाओं को अनियमित माहवारी की समस्या हो सकती है। और इसके होने के कारण उनके गर्भाशय में सिस्‍ट या यूट्रीन फाइब्रॉयड जैसी बीमारी हो जाती है। बच्चेदानी में रसौली या गाँठ के होने को ही फाइब्रॉयड कहा जाता है।

रसौली एक प्रकार की गांठे होती है जो की गर्भाशय के ईध-गिर्ध उभरती हैं। इनका आकार निश्चित नहीं होता यह मांसपेशियां और फाइब्रस उत्तकों की बनती है। यदि महिला को यह बीमारी हो जाती है तो इसके होने के कारण महिला को बांझपन जैसी घातक परेशानी से जूझना पड़ सकता है।

तो आइये आज हम लेख के जरिए जानेंगे की गर्भाशय यानी बच्चेदानी  में रसौली के होने के पीछे क्या कारण होता है, इसके लक्षण क्या होते हैं, बच्चेदानी का इन्फेक्शन, गांठ, सूजन, छाले को कैसे ठीक करें. साथ ही यह भी जानेंगे कि इस परेशानी से बचने के लिए कौन कौन से घरेलू तरीके का इस्तेमाल कर सकते है, क्योंकि आप आसानी से घरेलू तरीकों का इस्तेमाल करके भी इस समस्या से आसानी से राहत पा सकते है।

bachchdani-ki-ganth-ko-kaise-thik-karen
बच्चेदानी में रसौली या गाँठ

बच्चेदानी में गांठ होने के कारण:-

Tumor In Uterus Fibroids Reason

  • बच्चेदानी में गांठ होने की समस्या के होने का कारण अनुवांशिक भी हो सकता है मतलब यदि महिला के परिवार में पहले से ही कोई महिला यदि इस समस्या से पीड़ित हो तो यह बीमारी आपको भी हो।
  • शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण भी गांठ की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
  • महिला की बढ़ती उम्र के कारण भी बच्चेदानी में रसौली या गांठ की समस्या होती है।
  • अधिक मोटापा भी बच्चेदानी में गांठ का कारण बन सकता है।
  • प्रेगनेंसी के दौरान हो रहे हार्मोनल बदलाव के कारण भी महिला को इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

यह भी पढ़ें : प्रेगनेंसी कैलकुलेटर बॉय और गर्ल इन हिंदी

बच्चेदानी में रसौली होने के लक्षण:-

Tumor In Uterus Fibroids Symptoms

  • प्राइवेट पार्ट से बदबूदार सफेद द्रव्य निकलना या अचानक रक्त आना रसौली का लक्षण है।
  • पेट या पीठ में नाभि के नीचे के हिस्से में हर समय दर्द का रहना और पेट में भारीपन का महसूस होना।
  • पेट में सूजन, पैरों में दर्द, हमेशा कमजोरी का महसूस होना भी बच्चेदानी में गाँठ का लक्षण है।
  • यूरिन बार बार आने की शिकायत होना, अथवा यूरिन का रुक रुक कर आना भी गांठ होने का संकेत होता है।
  • मासिक धर्म के होने पर दर्द का होना रक्त प्रवाह अधिक होना और खून के थक्के का जमना  गांठ का संकेत है।
  • शारीरिक सम्बन्ध बनाते समय बहुत अधिक दर्द का होना।
  • अनियमित माहवारी की परेशानी होना।
  • शरीर में खून की कमी या एनीमिया से ग्रस्त होना भी बच्चेदानी में गांठ का लक्षण होता है।

बच्चेदानी की गांठ को ठीक करने के उपाय:-

Tumor In Uterus Fibroids Treatments

यदि कोई महिला अपने शरीर में हो रहे बदलाव को देखकर यह जान जाती है कि उसकी बच्चेदानी में गांठ की परेशानी है। ऐसे में आप इसकी शुरुआत में आप घर पर ही कुछ घरेलू उपाय का इस्तेमाल करके इस समस्या से आसानी से बच सकते है, क्योंकि यह उपाय इन गाँठ को सिकोड़ कर इसे खत्म करने का काम करती है। तो आइए जानते हैं की बच्चेदानी की गांठ को कैसे ठीक करें।

 Also Read  : प्रेगनेंसी में पेठा खाने के फायदे और स्वास्थ्य लाभ

ग्रीन टी है फायदेमंद:-

बच्चेदानी की गांठ को ठीक करने में ग्रीन टी फायदेमंद होती है। क्याेंकि इसमें एपीगेलोकैटेचिन गैलेट नामक तत्व होता है जो की रसौली को कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है। यदि आप नियमित दो से तीन कप ग्रीन टी का सेवन करती हैं तो इसके कारण आपकी गर्भाशय की गांठ धीरे धीरे खत्म होने में मदद मिलती है।

आंवला और शहद नियमित खाएं:-

बच्चेदानी की सूजन को ठीक करने के लिए आप नियमित रुप से कुछ महीने तक सुबह उठकर एक चम्मच आंवला पाउडर और शहद को मिलाकर उसका सेवन करते हैं तो ऐसा करने से आपको इस समस्या से निजात पाने में मदद मिलती है।

सूरजमुखी के बीज :-

बच्चेदानी के छाले को ठीक करने के लिए कुछ माह तक सूरजमुखी के बीज का सेवन करना चाहिए। इसमें फैट और फाइबर से भरपूर मात्रा में होता है, जो इस समस्या को खत्म करने में मदद मिलती है। यह बच्चेदानी की फाइब्रॉयड की कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है। धीरे धीरे गांठ का साइज भी कम करता है।

प्याज करता है बहुत तेजी से असर:-

प्याज़ में मौजूद एंटी-इंफ्लमेट्री गुण बच्चेदानी की गांठ के साइज को कम करने में मदद करता है। और साथ ही इसमें सेलेनियम भी भरपूर मात्रा में होता है। जो की मांसपेशियों को राहत पहुंचाने में आपकी मदद करता है।

Also Read : सौंफ के लड्डू प्रेगनेंसी के किस महीने में खाना चाहिए

हल्दी भी है फायदेमंद:-

हल्दी एंटीबायोटिक गुणों से भरपूर होती है, और यदि नियमित रुप से भोजन में इसका सेवन करते हैं तो ऐसा करने से आपके शरीर में मौजूद सभी विषैले तत्वों को बाहर निकालने में यह आपकी मदद करती है। साथ ही यह बच्चेदानी की गांठ की ग्रोथ को भी रोकने में मदद करती है।

लहसुन का इस्तेमाल करें:-

लहसुन का इस्तेमाल यदि आप भरपूर मात्रा में अपने आहार में करते हैं तो आपको बच्चेदानी में होने वाले छाले की समस्या का सामना ही नहीं करना पड़ता है। गर्भाशय में गांठ होने पर लहसुन का सेवन करने से यह ट्यूमर और गर्भाशय फाइब्रॉएड के विकास को रोकने में मदद मिलती है। कारण लहसुन में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भरपूर मात्रा में पाए जाते है।

बादाम का सेवन करें:-

बच्चेदानी की लाइनिंग पर ही ज्यादातर गांठ होती है। ऐसे में ओमेगा 3 से भरपूर बादाम का सेवन करने से गर्भाशय की लाइनिंग पर होने वाली गांठ की परेशानी से निजात मिलने में मदद मिलती है।

सेब के सिरके का सेवन करें:-

सेब के सिरके का सेवन करने से भी आपको बच्चेदानी में गांठ की परेशानी से मुक्ति मिलेगी। इसके लिए आप नियमित सुबह शाम एक गिलास गरम पानी में एक चम्मच सेब का सिरका डालकर उसका सेवन करें।

Also Read : नाभि पर हल्दी लगाने के फायदे और स्वास्थ्य लाभ।

कैस्टर ऑयल भी है रसौली का इलाज:-

यदि आप नियमित सुबह उठकर और रात को सोने से पहले आधा चम्मच कैस्टर ऑयल और आधा चम्मच अदरक का रस मिलाकर उसका सेवन करते हैं तो आपको इस समस्या से निजात पाने में मदद मिलती है।

डॉक्टर से राय लें:-

यदि आप चेकअप करवाती हैं और आपकी बच्चेदानी का आकार बहुत बड़ा होता है और इसके कारण आपको तकलीफ होती है। तो डॉक्टर भी दवाइयों के इस्तेमाल से या सर्जरी के द्वारा इस समस्या से आपको निजात दिला सकते हैं।

अस्वीकरण : सभी जानकारी और लेख केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए हैं। हमारे द्वारा दी गई जानकारी का उपयोग किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या या बीमारी के निदान या उपचार हेतु बिना विशेषज्ञ की सलाह के नहीं किया जाना चाहिए। चिकित्सा परीक्षण और उपचार के लिए हमेशा एक योग्य चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।

KAMLESH VERMA

दैनिक भास्कर और पत्रिका जैसे राष्ट्रीय अखबार में बतौर रिपोर्टर सात वर्ष का अनुभव रखने वाले कमलेश वर्मा बिहार से ताल्लुक रखते हैं. बातें करने और लिखने के शौक़ीन कमलेश ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से अपना ग्रेजुएशन और दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया है. कमलेश वर्तमान में साऊदी अरब से लौटे हैं। खाड़ी देश से संबंधित मदद के लिए इनसे संपर्क किया जा सकता हैं।

Related Articles

DMCA.com Protection Status
जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा 2024 Amarnath Yatra Start and End Date 2024 बाइक शायरी – Bike Shayari Tribal leader Mohan Majhi to be Odisha’s first BJP CM iOS 18 makes iPhone more personal, capable, and intelligent than ever चुनाव पर सुविचार | Election Quotes in Hindi स्टार्टअप पर सुविचार | Startup Quotes in Hindi पान का इतिहास | History of Paan महा शिवरात्रि शायरी स्टेटस | Maha Shivratri Shayari सवाल जवाब शायरी- पढ़िए