कन्या के शीघ्र विवाह के लिए कन्या विवाह मंत्र | Kanya Vivah Mantra
यदि आप भी कन्या के विवाह को लेकर चिंतित हैं। आपकी कन्या की विवाह की आयु निकल जाने के पश्चात भी विवाह के योग नहीं बन रहे है।
कन्या के शीघ्र विवाह के लिए कन्या विवाह मंत्र | Kanya Vivah Mantra
कहते जोड़ियां ऊपर से बनकर आती है। यदि आप भी कन्या के विवाह को लेकर लंबे समय से चिंतित हैं। क्या आपकी कन्या की उम्र हो जाने के बाद भी विवाह के योग नहीं बन रहे है। तो चिंता करने की कोई बात नहीं हैं, हम आपके लिए लाएं हैं कन्या विवाह मंत्र और उपाय। जिसके नियमों का पालन करने से आपकी कन्या का विवाह अतिशीघ्र हो जाएगा और अच्छे वर की भी प्राप्ति होगी।
कन्या के शीघ्र विवाह के लिए कन्या विवाह मंत्र | Kanya Vivah Mantra
हे गौरि शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकरप्रिया।
मां कुरु कल्याणि कान्तकातां सुदुर्लभाम्॥
दोस्तों ऊपर की ओर हमारे द्वारा माँ कात्यायनी का बहुत ही प्रभावशाली मंत्र बताया गया हैं। इस मंत्र का जाप करने से कन्या के शीघ्र विवाह के योग बनते हैं और अच्छे वर की प्राप्ति होती हैं।
इस शक्तिशाली मंत्र जाप करने से पहले आपको माँ कात्यायनी यंत्र और कार्यसिद्धि माला को स्थापित करना हैं। जिसके बाद ऊपर दिया गए मंत्र नियमित रूप से रोजाना एक माला जाप करें हैं। इस मंत्र का जाप आपको किसी निश्चित समय पर करना हैं। दोस्तों ध्यान रहें कि, आपको इस मंत्र का जाप प्रतिदिन एक ही आसन पर बैठकर करना है।
यह मंत्र जाप करने से शीघ्र ही मंत्र सिद्ध हो जाता हैं और माँ भगवती की कृपा से जल्दी ही कन्या का विवाह संपन्न होने के योग बनने लगते हैं।
कन्या विवाह का दूसरा मंत्र निम्नलिखित है। आप चाहे तो इस मंत्र से भी माता कात्यानी की पूजा कर सकते है। दोनों ही मंत्र अत्यंत प्रभावशाली है और शीघ्र फल देने वाले हैं।
ॐ कात्यायनी महामाये महायोगिन्यधीश्वरी।
नन्द गोपसुतं देवि पति में कुरुते नम:।।
दोस्तों यदि किसी बालिका के विवाह में देरी इस कारण हो रही हो की उसे अपनी इच्छा अनुसार वर नहीं मिल रहा या तो अपने मनचाहे वर पाने के लिए कन्या को लगातार सोलह सोमवार भगवान शिव का व्रत रखना चाहिए और शिवलिंग पर पवित्र जल से जलाभिषेक करना चाहिए।
कुंवारी बालिकाओं को माता पार्वती का विधि विधान से पूजा करनी चाहिए और मंगला गौरी का पाठ करना चाहिए। भगवान शिव और पार्वती जल्दी प्रसन्न होने वाले देवी-देवता माने जाते हैं. अगर आप घर के ईशान कोण में शिव-पार्वती की प्रतिमा स्थापित करके नियमति रूप से उनकी पूजा करते हैं।
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ॐ शं शंकराय सकल जन्मार्जित पाप विध्वंस नाय पुरुषार्थ
चतुस्टय लाभाय च पतिं मे देहि कुरु-कुरु स्वाहा ।।
गुरुवार का दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु और देवगुरु बृहस्पति को समर्पित होता है। इस दिन भगवान विष्णु और देवगुरु बृहस्पति की पूजा करने से विवाहित महिलाओं को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वहीं अविवाहित लड़कियों की शादी के योग बनते हैं।
भगवान विष्णु मंत्र
मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।
मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥
देवगुरु बृहस्पति मंत्र
“ॐ ग्रां ग्रीं ग्रों स: गुरूवे नम:”
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