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गेंहू ढोने को मजबूर हैं ‘पूर्व बॉक्सिंग चैंपियन आबिद खान’

गेंहू ढोने को मजबूर हैं ‘पूर्व बॉक्सिंग चैंपियन आबिद खान’ । anand mahindra helps former boxing champion who drives auto

खेल खिलाड़ियों की आत्मा से जुड़ा होता है, चाहे वह खेल के मैदान में हार ही क्यों न जाए, पर खिलाड़ी को अपनी वास्तविक हार का अनुभव तब होता है, जब खेल से ही उसका भरोसा ख़त्म हो जाता है और वह खेलना छोड़कर अपने आप से समझौता कर लेता है. ऐसा ही कुछ हुआ, नैशनल बॉक्सर आबिद खान के साथ… चलिए जानते है आबिद खान के बारे में पूरी कहानी.

आबिद खान के एक वीडियो ने सभी को झकझोर दिया

असल में पूर्व बॉक्सिंग चैंपियन आबिद खान (Aabid Khan) जिन्होंने कभी देश के लिए बॉक्सिंग में पदक हासिल किया था, आज उनकी परिस्थितियाँ इस कदर खराब है कि उन्हें मजबूरी में बॉक्सिंग छोड़ ऑटो चलाकर अपना जीवन व्यापन करने पर मजबूर होना पड़ रहा है. आबिद का 17 मिनट का एक वीडियो स्पोर्ट्स गाँव नामक एक यूट्यूब चैनल ने शेयर किया था, जिसने खेल प्रेमियों की आत्मा को झकझोर कर रख दिया और उस वीडियो को देखने के बाद लोगों के जेहन में कई प्रकार के सवाल उठ रहे हैं.

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यूट्यूब पर अपलोड किए गए इस वीडियो में आबिद खान ने बताया है कि, “गरीब इंसान या मध्यम वर्गीय व्यक्ति के लिए सबसे बड़ा अभिशाप यह होता है कि वह गरीब है, तथा उससे बड़ा अभिशाप यह है कि वह एक खेल प्रेमी है. खेलों में समय की बर्बादी के अलावा कुछ नहीं होता है. स्पोटर्स पर्सन होते हुए मैंने इतनी उपलब्धियाँ प्राप्त की, डिप्लोमा भी लिया परन्तु उसके बाद भी मुझे नौकरी नहीं मिली. मैं जहाँ भी गया, वहाँ से यह कहकर निकाल दिया गया कि हमारे पास कोई जगह खाली नहीं है. बॉक्सिंग में बेहद ही मध्यम वर्गीय अथवा गरीब लोग ही आया करते हैं क्योंकि इसमें मार सहनी पड़ती है. रुपए वाले तो क्रिकेट, लॉन टेनिस, बैडमिंटन खेलते हैं.”

गौरतलब है दें कि आबिद खान पंजाब यूनिवर्सिटी के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ स्पोर्ट्स का प्रतिनिधत्व भी कर चुके हैं. वह 5 सालों तक आर्मी बॉक्सिंग टीम को भी ट्रेनिंग देने का कार्य कर चुके हैं, बावजूद उन्हें कहीं नौकरी नहीं मिली तो वह ऑटो चलाकर और गेहूँ के कट्टे उठाकर अपने और अपने परिवार का पेट पालने को मजबूर हो गए.

आनंद महिंद्रा मदद के लिए आगे आए

आबिद स्वयं नेशनल लेवल बॉक्सर हैं, बावजूद उन्होंने अपने जीवन की कठिन परिस्थितियों को देखते हुए दोनों बेटों को स्पोर्ट्स में नहीं जाने दिया, क्योंकि उनका मन खेलों से उचट गया था. आबिद का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर शेयर किया गया और यह वीडियो जब आनंद महिंद्रा ने देखा तो उन्होंने आबिद की सहायता करने का भरोसा दिलाया.

इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए आंनद महिंद्रा (Anand Mahindra) ने हाल ही में एक ट्वीट किया की, “मुझे ये बात बहुत अच्छी लगी कि वह किसी मदद की उम्मीद नहीं कर रहे. मुझे परोपकार से ज़्यादा लोगों की प्रतिभा और उनके पैशन में इन्वेस्ट करना पसंद है. कृपया बताएँ कि इनके लिए एक स्टार्टअप बॉक्सिंग अकादमी की शुरुआत किस प्रकार से की जा सकती है” आनंद महिंद्रा के इस वीडियो को देखने के बाद अब लोगों उम्मीद कर रहे हैं खान को शीघ्र ही दोबारा स्पोर्ट्स में जाने का मौका मिल सकेगा.

गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है, जब आंनद महिंद्रा ने सोशल मीडिया पर कोई वीडियो साझा किया है। वे सोशल मीडिया पर बहुत एक्टिव रहते हैं और ऐसे कई वीडियो शेयर करते हैं। साथ ही वे ज़रूरतमंद लोगों की मदद करने में भी पीछे नहीं रहते हैं।

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KAMLESH VERMA

दैनिक भास्कर और पत्रिका जैसे राष्ट्रीय अखबार में बतौर रिपोर्टर सात वर्ष का अनुभव रखने वाले कमलेश वर्मा बिहार से ताल्लुक रखते हैं. बातें करने और लिखने के शौक़ीन कमलेश ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से अपना ग्रेजुएशन और दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया है. कमलेश वर्तमान में साऊदी अरब से लौटे हैं। खाड़ी देश से संबंधित मदद के लिए इनसे संपर्क किया जा सकता हैं।

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