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लासा बुखार (Lassa Fever) क्या है? । Lassa Fever Symptoms In Hindi

कोरोना महामारी के बाद एक नए वायरस ने पूरी दुनिया को हिला दिया है. बीते 11 फरवरी, 2022 को यूनाइटेड किंगडम में लासा बुखार से पीड़ित तीन व्यक्तियों में से एक की मृत्यु हो गई. इस खबर के बाद से पूरी दुनिया के वैज्ञानिक लाखा बुखार के पुख्ता कारणों का पता लगाने में जुट गए हैं। पोस्ट के जरिए हम जानेंगे कि लासा बुखार (Lassa Fever) क्या है? । Lassa Fever Symptoms In Hindi

महत्वपूर्ण बातें 

  • लासा बुखार पश्चिम अफ्रीकी देशों की यात्रा से जोड़ा गया है. जो बेहद ही परेशान करने वाली है.
  • लासा वायरस का नाम नाइजीरिया के एक शहर के नाम पर रखा गया है. जहां पर इस वायरस की सबसे पहले पुष्टि हुई थी और मरीज सामने आए थे.
  • राहत की बात यह हैं कि, इस बीमारी से जुड़ी मृत्यु दर कम है, लगभग एक प्रतिशत.
  • हालांकि, कुछ व्यक्तियों के लिए मृत्यु दर अधिक है, जैसे गर्भवती महिलाओं की तीसरी तिमाही में.

रोग की प्रकृति

यूरोपियन सेंटर फॉर डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल के अनुसार, लगभग 80% मामले स्पर्शोन्मुख (asymptomatic) हैं. बीमारी का तत्काल प्रभाव से निदान करना बेहद मुश्किल है. कुछ रोगियों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत महसूस हो सकती है. WHO की मानें तो अस्पताल में भर्ती मरीजों में से 15% की मौत हो सकती है.

लासा बुखार के लक्षण

लासा बुखार क्या है?

लासा बुखार पैदा करने वाला वायरस पश्चिम अफ्रीका में पाया जाता है. इंटरनेट पर मौजूदा शोध की मानें तो यह पहली बार 1969 में नाइजीरिया के लासा में खोजा गया था. इस बीमारी का पता तब चला जब नाइजीरिया में दो नर्सों की  बेहद ही दुखद मौत हो गई थी.

यह बीमारी कैसे फैली?

लासा बुखार चूहों से फैलती है. चूहों के मल मूत्र के संपर्क में आने के बाद मनुष्य इससे संक्रमित हो सकता है, जब वे चूहों द्वारा दूषित खाद्य पदार्थों के संपर्क में आते हैं. दुर्लभ मामलों में, यह तब भी फैल सकता है, जब कोई व्यक्ति बीमार व्यक्ति के संक्रमित शारीरिक तरल पदार्थ या आंख, नाक या मुंह जैसे श्लेष्मा झिल्ली के माध्यम से संपर्क में आता है.

यह रोग कहाँ पाया जाता है?

लासा बुखार मुख्य रूप से पश्चिम अफ्रीका के देशों जैसे लाइबेरिया, सिएरा लियोन, नाइजीरिया और गिनी में पाया जाता है. नाइजीरिया में, यह स्थानिक है.

लासा बुखार के लक्षण

लासा बुखार के शुरुआती लक्षण आमतौर पर संक्रमण के 1-3 सप्ताह बाद दिखाई देते हैं. हल्के लक्षणों में थकान, हल्का बुखार, सिरदर्द और कमजोरी शामिल हैं. इसके गंभीर लक्षणों में रक्तस्राव, उल्टी, सांस लेने में कठिनाई, चेहरे पर सूजन, पीठ, छाती और पेट में दर्द शामिल हैं. इससे जुड़ी सबसे आम जटिलता बहरापन है. यानी इससे पीड़ित व्यक्ति की सुनने की क्षमता बिल्कुल खत्म हो जाती है.

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KAMLESH VERMA

दैनिक भास्कर और पत्रिका जैसे राष्ट्रीय अखबार में बतौर रिपोर्टर सात वर्ष का अनुभव रखने वाले कमलेश वर्मा बिहार से ताल्लुक रखते हैं. बातें करने और लिखने के शौक़ीन कमलेश ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से अपना ग्रेजुएशन और दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया है. कमलेश वर्तमान में साऊदी अरब से लौटे हैं। खाड़ी देश से संबंधित मदद के लिए इनसे संपर्क किया जा सकता हैं।

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