व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी क्या हैं, लाभ, उद्देश्य vehicle scrappage policy in hindi
दोस्तों कोरोना संक्रमण के चलते साल 2021 में भारत के पहले पेपरलेस बजट 2021-22 में नई स्क्रैप पॉलिसी का जिक्र हुआ है. पॉलिसी का जिक्र होने के बाद से लोगों के दिमाग में अनेक तरह के सवाल आ गये हैं. जिनके पास पुरानी गाड़ी, बाइक या किसी भी तरह का वाहन है उन्हें डर लग रहा है. वह सोच रहे हैं की इस पॉलिसी के आने के बाद उनके वाहन का क्या होगा ? एक सर्वे के अनुसार भारत में 55 प्रतिशत से अधिक चार पहिया वाहन पुराने है और यदि इस पॉलिसी लागू कर दिया गया तो इतने सारे वाहनों का क्या होगा. हम इस नई व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी के बारें में आपको विस्तार से बताने वाले है. तो इस आर्टिकल को आप पूरा पढ़े और अगर आपको यह जानकारी समझ आती है तो अपने दोस्तों के साथ इसे शेयर जरुर करें.
नई व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी क्या है
स्क्रैपिंग का मतलब होता है की यदि आपका वाहन 15 साल से अधिक पुराना है तो आपकी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर रद्द कर दिया जाएगा. आप उस गाड़ी को चला नहीं पायेंगे. यदि आप चलाएंगे तो आपके उपर तमाम प्रकार के जुर्माना लगाया जा सकता है. लेकिन हाल ही में बजट में इस पॉलिसी में कुछ बदलाव किए गए हैं. इन्ही बदलावों और आपके सवालों का जवाब हम विस्तार से नीचे देने की कोशिश कर रहे हैं.
पॉलिसी का नाम | व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी |
मोटर व्हीकल एक्ट 2019 में सुधार | 1 फरवरी 2021 |
पॉलिसी लागु कब होगी | 1 अप्रेल 2022 |
व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी का फायदा क्या है
अगर नई वाहन कबाड़नीति लागू की जाती है तो देश को अनेक तरह के फायदे होंगे. ऑटोमोबाइल उद्योग काफी समय से मंदी का सामना कर रहा है. ऐसे में मंदी से उबारने के लिए सरकार ने स्क्रैपिंग पॉलिसी में सुधार करने की कोशिश करी है. इस पॉलिसी के निम्न फायदे हैं –
- ऑटोमोबाइल्स मार्किट में तेजी आएगी.
- प्रदुषण कंट्रोल करने में मदद मिलेगी.
- वाहनों की दरो में कमी आएगी.
- प्रदूषण रहित वाहन अधिक होंगे.
- विनिर्माण में तेजी आएगी.
- भारत बड़ा मैन्युफैक्चरिंग हब बनेगा.
- भारत एक्सपोर्ट के मामले में अन्य देशों से आगे होगा.
- कबाड़ बनी गाड़ियों में से 55% स्टील निकाला जाएगा. इससे स्टील का उत्पादन बहुत ज्यादा बढ़ेगा.
नई व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी में क्या बदलाव हुआ है
भारत सरकार में सड़क परिवहन और राजमार्ग, जहाज़रानी, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी जी ने स्क्रैपिंग पॉलिसी में हुए बदलावों का जिक्र करते हुए कहा कि अभी जो निजी वाहन 15 साल में स्क्रैप हो जाती थी लेकिन अब यह नियम बदलकर 20 साल का हो गया है. यदि आपका निजी वाहन है तो 20 साल तक आपके वाहन को स्क्रैप नहीं किया जाएगा. वही कमर्शियल वाहनों को 15 साल में स्क्रैप किया जाएगा. इसमें व्यक्ति अपना वाहन बेचकर नया वाहन खरीद सकता है. इसमें उन्हें काफी छूट भी दिलाई जायेगी, हालाँकि अभी तक सरकार ने इस प्रस्ताव को खुलकर पेश नहीं किया था. अब हुआ यूं है कि, 19 मार्च 2021, गुरुवार को नितिन गडकरी ने लोकसभा में व्हीकल स्क्रैपेज (वाहन परिमार्जन) पॉलिसी की घोषणा की. गडकरी ने सदन में कहा कि स्क्रैपिंग नीति के तहत भारतीय ऑटो सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा. इतना ही नहीं प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को देश की सड़कों पर से हटाया जाएगा. गडकरी ने कहा कि पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार की तरफ से लोगों को रोड टैक्स में छूट के साथ डिस्काउंट और दूसरी व्यवस्थाएं भी दी जाएंगी.
व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी में सुधार का विचार
गडकरी ने बताया की बीते आधे दशक यानी पांच सालों से इस पॉलिसी में सुधार करने के लिए विचार किया जा रहा था, लेकिन कुछ दुविधाओं के कारण यह संभव नहीं हो सका था. लेकिन इस बजट में इस पॉलिसी का जिक्र देखकर उम्मीद है 2022 में इस पॉलिसी के आधार पर देश को विकास की राह पर एक बार फिर लाया जाएगा. इस कदम से आने वाले दिनों में ऑटोमोबाइल्स उद्योग में काफी इजाफा होने के चांस है और देश में विनिर्माण बहुत तेजी से बढ़ेगा.
निष्कर्ष
हमने यहाँ पर बजट 2021-22 में व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी के बारें में विस्तार से बताया है. दोस्तोंं यदि आपको इस पॉलिसी से संबधित कोई प्रश्न पूछना है तो आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं. हम बहुत जल्द आपके प्रश्न का जवाब देंगे. अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी है तो अपने दोस्तों के साथ शेयर जरुर करें.
FAQ’s
अगर आपका वाहन 15 साल पुराना है तो आपको उसका फिटनेस सर्टिफिकेट लेना होगा. नजदीकी फिटनेस सेंटर जाकर अपने निजी वाहन का फिटनेस सर्टिफिकेट लेना होगा.
देश में स्टील का उत्पादन बढ़ेगा और देश विनिर्माण की तरफ आगे बढ़ेगा.
1 अप्रेल 2022 से लागु होगा.
15 साल तक वैध्य होगा.
हाँ.
हमने उपर बताया है की कबाड़ के रूप में गाड़ियों को तोड़ा जाएगा एंव उससे जरूरी समान निकाला जाएगा. ताकि विनिर्माण में इनका उपयोग कर पायें.
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