इंडोनेशिया का प्रम्बानन शिव मंदिर | Lord Shiva Temple Prambanan Indonesia
इंडोनेशिया के प्रम्बानन शिव मंदिर की कहानी
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भारत को मंदिरों के देश के नाम से जाना जाता है। भगवान शिव को भारतीय लोग आदि देव के रूप में पूजते है. लेकिन क्या आपकों पता है, महादेव का एक मंदिर इंडोनेशिया में भी स्थित है। सदियों प्राचीन इस मंदिर के बारे में यदि आपने नहीं, सुना हैं तो पोस्ट के जरिए आज हम आपकों इंडोनेशिया के प्रम्बानन शिव मंदिर के बारे में बताएंगे। 10वीं शताब्दी में निर्मित भगवान महादेव का यह मंदिर प्रम्बानन मंदिर के नाम से विश्व विख्यात है। सनातन संस्कृति को समर्पित इस मंदिर में सैकड़ों देवी देवताओं की मूर्तियां मौजूद है। मंदिर में भगवान शिव के साथ-साथ सैकड़ों हिंदू देवी-देवताओं को भिन्न-भिन्न नामों से पूजा जाता है। प्रम्बानन शिव मंदिर इंडोनेशिया के जावा में है। शहर से लगभग 17 कि.मी. की दूरी पर स्थित मंदिर से जुड़ी एक पौराणिक कथा भी बेहद प्रचलित है।
प्रम्बानन शिव मंदिर यहां रोरो जोंग्गरंग को पूजा जाता है देवी दुर्गा के रूप में
मंदिर में भगवान महादेव के साथ एक देवी की भी मूर्ति मौजूद है। उक्त मूर्ति को देवी दुर्गा के रूप में पूजा जाता है। देवी दुर्गा को लेकर यहां पर एक पौराणिक कथा प्रचलित है। स्थानीय लोगों का मानना है कि, प्रबु बका नामक एक दैत्य का जावा में शासन हुआ करता था। दैत्य की एक बहुत ही सुंदर बेटी थी, जिसका नाम रोरो जोंग्गरंग था। बांडुंग बोन्दोवोसो नाम का एक व्यक्ति रोरो जोंग्गरंग से विवाह करना चाहता था, लेकिन रोरो जोंग्गरंग उक्त व्यक्ति से विवाह नहीं करना चाहती थी। बांडुंग बोन्दोवोसो के विवाह के प्रस्ताव को मना करने के लिए रोरो जोंग्गरंग ने उसके आगे के शर्त रखी।
शर्त यह थी कि बांडुंग बोन्दोवोसो को एक ही रात में एक हजार मूर्तियां बना दें तो रोरो जोंग्गरंग उससे विवाह कर लेगी। शर्त को पूरा करने के लिए बांडुंग बोन्दोवोसो ने एक ही रात में 999 मूर्तियां बना दी और वह आखिरी मूर्ति बनाने जा रहा था। यह देखकर रोरो जोंग्गरंग ने पूरे शहर के चावल के खेतों में आग लगवा कर दिन के समान उजाला कर दिया।
आग से धोखा खा कर बांडुंग बोन्दोवोसो आखरी मूर्ति नहीं बना सका और शर्त हार गया। जब बांडुंग बोन्दोवोसो को सच्चाई का पता चला, वह आक्रोशित हो गया। उसने रोरो जोंग्गरंग को आखिरी मूर्ति बन जाने का श्राप दे दिया। प्रम्बानन मंदिर में रोरो जोंग्गरंग की उसी मूर्ति को देवी दुर्गा मान कर पूजन किया जाता है।
इस मंदिर की कथा रोरो जोंग्गरंग से जुड़ी होने की वजह से यहां के स्थानीय लोग इस मंदिर को रोरो जोंग्गरंग मंदिर के नाम से भी जानते हैं। रोरो जोंग्गरंग मंदिर या प्रम्बानन मंदिर हिंदुओं के साथ-साथ वहां के स्थानीय लोगों के लिए भी भक्ति का एक महत्वपूर्ण केन्द्र है।
प्रम्बानन शिव मंदिर ब्रह्मा विष्णु और शिव तीनों हैं यहां विराजित
बताते चलें कि, प्रम्बानन मंदिर में मुख्य रूप से तीन मंदिर हैं- एक भगवान ब्रह्मा का, एक भगवान विष्णु का और एक भगवान शिव का। सभी भगवानों की मूर्तियों के मुंह पूर्व दिशा की ओर है। प्रत्येक मुख्य मंदिर के सामने पश्चिम दिशा में उससे संबंधित एक मंदिर है। यह मंदिर भगवानों के वाहनों को समर्पित है। भगवान ब्रह्मा के सामने हंस, भगवान विष्णु के लिए गरूड़ और भगवान शिव के लिए नन्दी का मंदिर बना हुआ है। इनके अलावा परिसर में और भी कई मंदिर बने हुए हैं।
प्रम्बानन शिव मंदिर ऐसा है यहां का शिव विष्णु और ब्रह्मा का मंदिर
प्रम्बानन मंदिर आदि शंकर महादेव का बेहद ही बड़ा और सुंदर मंदिर है। यह मंदिर तीनों देवों के मंदिरों में से मध्य में है। शिव मंदिर के अंदर चार कमरे हैं। जिनमें से एक में भगवान शिव की विशाल मूर्ति है, दूसरे में भगवान शिव के शिष्य अगस्त्य की मूर्ति है, तीसरे में माता पार्वती की और चौथे में भगवान गणेश की मूर्ति स्थित है। शिव मंदिर के उत्तर में भगवान विष्णु का और दक्षिण में भगवान ब्रह्मा का मंदिर है।
प्रम्बानन शिव मंदिर की दीवारों पर है रामायण
प्रम्बानन मंदिर की सुंदरता और बनावट देखते ही बनती है। मंदिर की दीवारों पर हिंदू महाकाव्य रामायण के चित्र भी उकेरे गए हैं। उक्त चित्र रामायण की कहानियों का वर्णन करते हैं।