Makar Sankranti 2026: 14 या 15 जनवरी? सही तारीख, पुण्यकाल और जनवरी माह के सभी व्रत-त्योहार

तारीख को लेकर उलझन खत्म: 14 जनवरी ही सही!
पंचांग के अनुसार, साल 2026 में सूर्य का मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी की शाम को होगा। चूंकि धार्मिक कार्यों के लिए उदयातिथि का महत्व होता है, इसलिए 14 जनवरी 2026, बुधवार को ही मकर संक्रांति (खिचड़ी) मनाई जाएगी।
*समय दिल्ली के सूर्योदय पर आधारित है।
जनवरी 2026 के प्रमुख व्रत और त्योहार
| तारीख | त्योहार |
|---|---|
| 1 जनवरी | अंग्रेजी नव वर्ष |
| 13 जनवरी | लोहड़ी महापर्व |
| 14 जनवरी | मकर संक्रांति / पोंगल |
| 22 जनवरी | बसंत पंचमी (अबूझ मुहूर्त) |
| 26 जनवरी | गणतंत्र दिवस |
मकर संक्रांति 2026 – एक नई शुरुआत
दिसंबर 2025 का अंत होने जा रहा है और पूरा भारत साल के पहले बड़े पर्व Makar Sankranti 2026 की तैयारी कर रहा है। यह पर्व केवल ऋतु परिवर्तन का नहीं, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा के जागरण का प्रतीक है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब सूर्य देव धनु राशि की अपनी यात्रा समाप्त कर मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तो ‘खरमास’ समाप्त हो जाता है और मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है।
अक्सर लोग 14 या 15 जनवरी की तारीख को लेकर भ्रमित रहते हैं। जैसा कि हमने अपने पंचांग 2026 लेख में स्पष्ट किया है, 2026 में सूर्य का गोचर 14 जनवरी की शाम को हो रहा है, जिससे पूरा पुण्यकाल इसी दिन मान्य होगा।
1. मकर संक्रांति 2026 का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व
मकर संक्रांति से सूर्य उत्तरायण होते हैं, जिसका अर्थ है कि दिन बड़े और रातें छोटी होने लगती हैं। वैज्ञानिक रूप से यह ठंड के कम होने और फसलों की कटाई के मौसम का संकेत है। धार्मिक दृष्टि से, यह दिन देवताओं का ‘दिन’ शुरू होने का समय है।
यदि आप इस शुभ समय में अपने नए घर में प्रवेश करना चाहते हैं, तो Griha Pravesh Muhurat 2026 की तिथियों को नजरअंदाज न करें।
2. जनवरी 2026: व्रत और त्योहारों का महा-संगम (The Full List)
दिसंबर के बाद जनवरी का महीना खुशियों की सौगात लेकर आता है। NDTV और Jagran जैसे पोर्टल केवल तारीखें बताते हैं, लेकिन NewsMug आपको हर पर्व का ज्योतिषीय महत्व प्रदान करता है:
- 13 जनवरी – लोहड़ी: पंजाब और उत्तर भारत में नई फसल का जश्न।
- 14 जनवरी – मकर संक्रांति: सूर्य का मकर राशि में प्रवेश। यह दिन दान-पुण्य के लिए सर्वोत्तम है।
- 22 जनवरी – बसंत पंचमी: माँ सरस्वती की पूजा और विद्यारंभ के लिए साल का सबसे बड़ा अबूझ मुहूर्त।
- 26 जनवरी – गणतंत्र दिवस: भारत का गौरवपूर्ण राष्ट्रीय पर्व। (छुट्टियों की जानकारी के लिए देखें: Bank Holidays 2026)
3. मकर संक्रांति पर राशि अनुसार दान और प्रभाव
सूर्य का राशि परिवर्तन हर व्यक्ति पर अलग प्रभाव डालता है। संक्रांति के दान से ग्रहों की प्रतिकूलता दूर होती है:
- शनि प्रधान राशियाँ (मकर/कुंभ): काले तिल और कंबल का दान करें। विस्तृत फल Rashifal 2026 में उपलब्ध है।
- सूर्य प्रधान राशियाँ (सिंह): गुड़ और लाल मसूर का दान करें।
4. लाइफस्टाइल और खान-पान: खिचड़ी और तिल-गुड़
सर्दियों में शरीर को ऊर्जा की आवश्यकता होती है। मकर संक्रांति पर खिचड़ी और तिल के लड्डू का सेवन स्वास्थ्य के लिए वरदान है। जैसे हम बालों को लंबा करने के लिए जड़ी-बूटियों का उपयोग करते हैं, वैसे ही तिल और गुड़ हमारे मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त रखते हैं।
5. मकर संक्रांति 2026: व्यापार और निवेश पर असर
सूर्य के राशि परिवर्तन का असर बाजारों पर भी पड़ता है। मेटल और पीएसयू स्टॉक्स में इस दौरान हलचल बढ़ जाती है। निवेशक Hindustan Copper Share Price और RVNL Share Price की लेटेस्ट खबरों के साथ अपनी रणनीति तैयार कर सकते हैं।
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Q1. मकर संक्रांति 2026 में कब है – 14 या 15 जनवरी?
उत्तर: साल 2026 में मकर संक्रांति 14 जनवरी, बुधवार को मनाई जाएगी।
Q2. संक्रांति पर दान का सबसे शुभ समय (पुण्यकाल) क्या है?
उत्तर: 14 जनवरी को सुबह 07:15 बजे से लेकर शाम 05:46 बजे तक दान और स्नान का महामुहूर्त रहेगा।
Q3. बसंत पंचमी 2026 में कब है?
उत्तर: साल 2026 में बसंत पंचमी 22 जनवरी, गुरुवार को है।


