Jyotish Shastra : कोरोना की तीसरी लहर से नहीं होगा नुकसान, भारी फेरबदल वाले हो सकते हैं
Jyotish Shastra : कोरोना की तीसरी लहर से नहीं होगा नुकसान, भारी फेरबदल वाले हो सकते हैं
Jyotish Shastra : भारतीय हिंदू धर्म के प्राचीन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वर्ष 2021 काफी महत्वपूर्ण रहा है. आगामी माह अगस्त, सितंबर, अक्टूबर और नवंबर माह ज्योतिष और ग्रहों की दृष्टि से बेहद ही ही खास रहने वाले हैं. आगामी अगस्त, सितंबर, अक्टूबर और नवंबर माह में मंगल 2 बार, बुध 6 बार, गुरु 1 बार, शुक्र 4 बार, सूर्य 4 बार और और चंद्रमा हर सवा दो दिन में अपनी राशि परिवर्तन करेंगे.
पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के शोध के अनुसार शनि अपनी मकर राशि में, राहु वृषभ राशि में और केतु वृश्चिक राशि में गोचर करते हुए सभी राशियों को प्रभावित करेंगे. न्याय के देवता शनिदेव साल 2021 में कोई राशि परिवर्तन नहीं करेंगे. राहु केतु के कारण पूरे विश्व में राजनीति चरम पर रहेगी और राजनीतिक उथल-पुथल चलती रहेगी. दुनिया के कई राजनेताओं पर संकट छाया रहेगा.
ज्योतिषाचार्य व्यास के शोध के अनुसार ग्रहों के चाल बदलने से व्यक्ति को कई बार शुभ तो कई बार अशुभ परिणामों की प्राप्ति होती है. आने वाले अगस्त सितंबर अक्टूबर और नवंबर माह में मंगल 6 सितंबर, 22 अक्तूबर को, बुध 9 अगस्त, 26 अगस्त, 22 सितंबर, 2 अक्तूबर, 2 नवंबर, 21 नवंबर को, गुरु 14 सितंबर को, शुक्र 11 अगस्त, 6 सितंबर, 2 अक्तूबर, 30 अक्तूबर को, सूर्य 17 अगस्त, 17 सितंबर, 17 अक्तूबर, 16 नवंबर को और चंद्रमा हर सवा दो दिन में अपनी राशि परिवर्तन करेंगे. गुरु 20 जून को वक्री हुए थे और 18 अक्टूबर को मार्गी होंगे. इसके साथ ही शनि 23 मई को वक्री हुए थे और 11 अक्टूबर को मार्गी होंगे. गुरु वक्री अवस्था में 14 सितंबर को अपनी नीच राशि मकर में प्रवेश करेंगे. जहां पहले से विद्यमान शनि के साथ उनकी युति होगी. गुरु और शनि की युति के समय दोनों ग्रह वक्री चाल चल रहे होंगे.
कोरोना की तीसरी लहर से नहीं होगा
कोरोना की तीसरी लहर के चलते कई देशों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. भारत के कई प्रांतों में नए वैरिएंट की आमद हो रही है. ज्योतिषीय गणना के आधार पर सटीक भविष्यवाणी करने वाले भविष्यवक्ता व्यास ने एक बार फिर संक्रमण को लेकर संभावना जताई है.
संक्रमण के तीसरे चरण की शुरुआत बहुत धीमी गति से होगी, लेकिन आगे चल कर ग्रहों की अनुकूल स्थिति में इसकी रफ्तार तेज होगी. गुरु वक्री अवस्था में 14 सितंबर को अपनी नीच राशि मकर में प्रवेश करेंगे. जहां पहले से विद्यमान शनि के साथ उनकी युति होगी.
गुरु और शनि की युति के समय दोनों ग्रह वक्री चाल चल रहे होंगे. 18 अक्टूबर 2021 तक देव गुरु वृहस्पति वक्री अवस्था में ही अपनी नीच राशि मकर में शनि की युति में रहेंगे. यह समय संक्रमण के लिए यह समय अत्यंत ही संवेदनशील होगा. इसके बाद 18 अक्टूबर से देव गुरु वृहस्पति मार्गी हो जाएंगे लेकिन 21 नवंबर 2021 तक अपनी नीच राशि मकर में रहेंगे. इस तरह 14 सितंबर से लेकर 21 नवंबर तक का समय अंतराल संक्रमण की दृष्टि से अत्यंत ही संवेदनशील होगा.
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कोरोना के लिए आ सकता है नया टीका
भविष्यवक्ता व्यास ने बताया कि कुछ लोग मुझसे पूछते रहते हैं कोरोना कब जाएगा तो मैं उनको यही कहना चाहूंगा कि आप अगले वर्ष भी मुझसे यही प्रश्न पूछेंगे. आप सभी कोरोना वैक्सीन जल्द से जल्द लगाएं. कोरोना अगले वर्ष भी रहेगा लेकिन अति शीघ्र कोरोना महामारी रोकथाम के लिए कोई नया टीका आ सकता है.
व्यास ने बताया कि दिसंबर तक राजनीति में उतार-चढ़ाव का दौर चलता रहेगा और कई राज्यों में सत्ता और संगठन में परिवर्तन की संभावना। 19 जून 1970 को पैदा हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लिए अगला 1 वर्ष बेहद उतार-चढ़ाव वाला होगा.
कांग्रेस पार्टी पंजाब और उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन कर सकती है लेकिन उत्तर प्रदेश में परिणाम उत्साहजनक नही मिलेगें. दिसंबर 2021 से पहले कांग्रेस संगठन में बड़ा परिवर्तन हो सकता है. पार्टी अध्यक्ष के पद को लेकर राहुल गांधी और सोनिया गांधी के बीच में मतभेद होने की संभावना. कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अपने माता के स्वास्थ्य की चिंता रहेंगी.
प्राकृतिक आपदा की संभावना
व्यास ने बताया कि आने वाले अगस्त सितंबर अक्टूबर और नवंबर माह ज्योतिष और ग्रहों की दृष्टि से बहुत ही कठिन समय वाला रहेगा. प्राकृतिक आपदा के साथ दुर्घटनाएं अग्नि कांड और बीमारी की संभावना. विश्व में बहुत कुछ होगा और देखने को मिलेगा. इस कारण कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करें. शुक्र के पास अमृत संजीवनी है और शुक्र हमेशा पृथ्वी के साथ है. इस कारण जन शून्य स्थानों पर घटनाएं ज्यादा होगी और लोगों का बचाव होगा.
योगी जी को करना होगा कड़ी चुनौती का सामना
भविष्यवक्ता व्यास की मानें तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदिनाथ को 2022 के चुनाव में कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा. कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी को राजस्थान में नेताओं के बगावती तेवरों का सामना करना पड़ेगा.
प्रधानमंत्री मोदी की विश्व में और अधिक बढ़ेगी साख
व्यास ने बताया कि नरेंद्र मोदी जी आने वाले सात-आठ वर्षों के लिए हमारे प्रधानमंत्री होंगे और ईश्वर से प्रार्थना है कि उनका स्वास्थ्य इसकी अनुमति देगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की साख विश्व में और अधिक बढ़ेगी. विश्व में कोई एक बड़ा देश स्वयं की गलती से बुरे वक्त से गुजरेगा.
सब्जियां, तिलहन और दलहन की कीमतें कम होंगी. मशीनरी समान महंगे हो सकते हैं. व्यापार में तेजी रहेगी। सोने चांदी के भाव में वृद्धि होगी. सुख-सुविधाओं की चीजों में बढ़ोत्तरी भी हो सकती है. कोरोना महामारी से होने वाली मृत्यु दर में कमी आएगी और कोरोना का असर न्यूनतम होगा.
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। newsmug.in इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
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