सनातन धर्म का सबसे बड़ा पर्व दिवाली या दीपावली हैं। यह उत्सव और रोशनी का त्योहार है। पर्व के माहौल को खुशनुमा बनाने के लिए लोग रंग-बिरंगी लाइटों से अपने-अपने घरों को सजाते हैं, बच्चे-युवा लोग मिल कर घरों के बाहर पटाखे जलाते हैं। अन्य देशों में रहने वाले प्रवासी भारतीय भी दीवाली पर्व बहुत धूम-धाम से मनाया जाता है। दीपावली के मौके पर स्कूलों-कॉलेजों ने अवकाश रहता है। इस दौरान छात्रों को दीपावली के अवसर पर निबन्ध लिखने को दिया जाता है। अतः बहुत छात्र-छात्राएं इंटरनेट पर दिवाली पर निबंध हिंदी में खोजते हैं। विद्यार्थियों की मुश्किलों को हल करने के लिए हम यह निबंध आर्टिकल लेकर आये हैं जिसे पढ़कर आपकों दिवाली के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी। जैसे कि दिवाली का त्यौहार कैसा होता है, दिवाली का महत्व क्या है, दीपावली क्यों मनाते है, दीपावली मनाने का कारण क्या है, दीपावली का अर्थ क्या है, दिवाली पर निबंध शार्ट में या 10 लाइन में, दीवाली पर मिठाई क्यों बांटी जाती है आदि। स्कूलों के अलावा भी अन्य बहुत से क्षेत्रों के लोग भी दिवाली पर निबंध हिंदी में खोजते हैं अतः इसके बारे में और अधिक विस्तृत जानकारी के लिए यह अर्टिकल पूरा पढ़ें।
दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi)
दिवाली का त्यौहार हर आयु वर्ग के लोगों के लिए खुशियां लेकर आता है, फिर चाहे वो नन्हे मुन्हे बच्चे हो या 50 साल के बुजुर्ग। हिंदू धर्म को मानने वाले लोग इस त्यौहार को बड़ी ही धूम धाम से मनाता है। साथ ही स्कूलों, कॉलेजों, दफ्तरों आदि में भी दीवाली का त्यौहार बहुत ही उल्लास के साथ मनाया है। ये त्यौहार साल में एक बार आता है आमतौर पर अक्टूबर या नवम्बर की माह में होता है। दीवाली तिथि की जानकारी मिलने के बाद लोग अपने घर की साफ-सफाई भी करते है। नए कपड़े पहनते है, मिठाई खाते हैं, दीप जलाते है, पटाखे जलाते हैं, लक्ष्मी-गणेश भगवान की पूजा करते हैं और निधर्न परिवारों को मिठाई उपहार स्वरुप भेंट की जाती है। दीवाली के त्यौहार के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप नीचे दिए गए निबंध पढ़ सकते हैं।
दिवाली के इस विशेष त्योहार के लिए हिंदू धर्म के लोग बेहद ही उत्सुकता से इंतजार करते हैं। यह बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए हर किसी का सबसे महत्वपूर्ण और पसंदीदा त्यौहार है। दीवाली भारत का सबसे बड़ा और मशहूर त्यौहार है। जो पूरे देश में साथ-साथ हर साल उल्लास पूर्वक मनाया जाता है। असत्य पर सत्य की विजय का प्रतिक माना जाता है। रावण को परास्त करने के बाद, 14 साल के वनवास को पूरा कर भगवान राम अपने राज्य अयोध्या में लौटे थे। राम के स्वागत के लिए लोगों ने पूरी अयोध्या को दीपों से सजाया था। यह एक पवित्र हिंदू त्यौहार है जो बुरेपन पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह सिखों द्वारा भी मुगल सम्राट जहांगीर द्वारा ग्वालियर जेल से अपने 6 वें गुरु, श्री हरगोबिंद जी की रिहाई मनाने के लिए मनाया जाता है।
पर्व अमावस्या के दिन मनाया जाता है। इस दिन बाजारों को एक दुल्हन की तरह रोशनी से नहलाया जाता है। इस दिन बाजार बड़ी भीड़ से भरा होता है, विशेष रूप से मीठाई की दुकानों पर, पर्व के दिन एक दूसरे को मिठाई बांटे जाने की परंपरा है। बच्चों को बाजार से नए कपड़े, पटाखे, मिठाई, उपहार, मोमबत्तियां और खिलौने मिलते हैं। लोग अपने घरों को साफ करते हैं और त्योहार के कुछ दिन पहले रोशनी से सजाते हैं। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार सूर्यास्त के बाद लोग देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं। वे अधिक आशीर्वाद, स्वास्थ्य, धन और उज्जवल भविष्य पाने के लिए भगवान और देवी से प्रार्थना करते हैं। दिवाली पांच दिवसीय त्यौहार है।
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पहले दिन धनतेरस या धन्त्ररावदाशी के रूप में जाना जाता है जिसे देवी लक्ष्मी की पूजा करके मनाया जाता है। लोग देवी को खुश करने के लिए आरती, भक्ति गीत और मंत्र बोलते हैं। दूसरे दिन नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली के रूप में जाना जाता है जिसे भगवान कृष्ण की पूजा करके मनाया जाता है क्योंकि उन्होंने राक्षस राजा नारकसुर को मार डाला था। तीसरे दिन मुख्य दीपावली के रूप में जाना जाता है जिसे शाम को रिश्तेदारों, दोस्तों, पड़ोसियों और जलती हुई फायर क्रैकर्स के बीच मिठाई और उपहार वितरित करते हुए देवी लक्ष्मी की पूजा करके मनाया जाता है। चौथे दिन भगवान कृष्ण की पूजा करके गोवर्धन पूजा के रूप में जाना जाता है। लोग दरवाजे पर पूजा करकेगोबर के गोवर्धन बनाते हैं। पांचवें दिन यम द्वितिया या भाई दौज के रूप में जाना जाता है जिसे भाइयों और बहनों द्वारा मनाया जाता है।
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दिपावली का निबंध (200-300 Words) शॉर्ट निबंध
दिपावली हिंदू धर्म का प्रमुख और सबसे बड़ा पर्व है। भारत के साथ ही नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका में इसे धूम धाम से मनाया जाता है। दीपावली को दीपोत्सव के नाम से भी जाना जाता है। दिवाली एक प्रमुख भारतीय त्यौहार है। जिसे भारतवासी बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाते है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान श्री राम ने रावण को पराजित करके और अपना 14 साल का वनवास पूराा अयोध्या लौटे थे। श्री राम भगवान की आने की खुशी वहां के सभी लोगों ने अपने घरों के बाहर दिये जलाए थे। जिसके बाद से अब तक हर वर्ष इस दिन को दीवाली के त्यौहार के रूप में मनाया जाता है।
यह पर्व त्यौहार बच्चा, बूढें, बड़े हर कोई बहुत ही अच्छे से मनाता है। यहां तक कि स्कूल, कॉलेज और दफ्तरों में भी दीवाली को त्यौहार को बहुत धूम धाम से मनाया जाता है। इन दिन लोग एक दूसरे को दीवाली की बधाई देते हैं और बहुत से उपहार भी तोहफे के रूप में देते हैं।
दिवाली का त्यौहार प्रतिवर्ष अक्टूबर या नवम्बर माह में मनाया जाता है। शारदीय नवरात्र के समाप्त होते ही लोग इस त्यौहार को मनाने की तैयारी में लग जाते हैं। दीवाली के दिन लोग अपनी दुकानें, अपना घर, स्कूल, दफ्तर आदि को दुल्हन की तरह सजाते हैं। सभी लोग नए कपड़े खरीदते हैं, इस दिन घर और दुकानों की भी अच्छे से सफाई की जाती है। दीपोत्सव की रात पूरा भारत दीपों की रोशनी से जगमगाता है। रंग बिरंगी लाइटें, दिए, मोमबत्ती आदि से पूरे भारत को सजाया जाता है।
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दीवाली की शाम भगवान लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है। पूजा करने के बाद सभी लोग अपने पड़ोसियों और अपने रिश्तेदारों को प्रसाद, मिठाई, गिफ्ट आदि देते हैं। इस दिन लोग पटाखे, बम, फुलजड़ी आदि भी जलाते हैं। दीवाली के त्यौहार को बुरे पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी माना जाता है। भारत की नहीं बल्कि और भी कई देशों में दीवाली का त्यौहार बहुत की धूम धाम से मनाया जाता है।
दिपावली पर 10 लाइनें
- दिवाली का त्यौहार हिंदूओ के प्रमुख त्यौहारों में से एक है।
- दिपावली को दीप का त्यौहार भी कहा जाता है।
- दिवाली इसलिए मनायी जाती है क्योंकि इस दिन भगवान श्री राम 14 साल का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे।
- भगवान श्री राम के वापिस अयोध्या लौटने की खुशी में वहां के लोगों ने इस दिन को दीवाली के रूप में मनाया।
- दिवाली का त्यौहार हर साल अक्टूबर या नवम्बर माह में आता है।
- इस दिन पूरे भारत को दुल्हन की तरह सजाया जाता है।
- दीवाली की शाम भगवान लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है।
- इन दिन सभी लोग अपने घरों, दुकानों, दफ्तरों आदि में दीप जलाते हैं।
- दीवाली के दिन सभी लोग अपने पड़ोसियों और रिश्तेदारों को मिठाई, गिफ्ट आदि देते हैं।
- इन दिन बहुत से लोग पटाखे, फुलझड़ी, बम आदि भी जलाते हैं।