अमर शहीद भगत सिंह के इन 7 शेर को सुनकर हर युवा वतन पर मर मिटे | Bhagat Singh Sher O Shayari With Poster
युवा क्रांतिकारी शहदी भगत सिंह के नाम से देश का बच्चा परिचित है। यह एक ऐसा नाम है, जाे युगों-युगों तक नहीं भुलाया जा सकता है. देश को आजादी दिलाने की दीवानगी, मर मिटने का भाव उनके शेर-ओ-शायरी में साफ साफ झलकता है. शहीद भगत के शायरी आज भी देख के युवाओं के खून में उबाल ला देती है. पोस्ट के जरिए आज हम अमर शहीद भगत सिंह के वो प्रमुख सात शेर लेकर आएं है, जिन्हें पढ़कर आपके दिल में भी देख प्रेम जाग जाएगा।
Bhagat Singh Sher O Shayari With Poster
सीनें में जुनूं, आंखों में देशभक्ति की चमक रखता हूं
दुश्मन की सांसे थम जाए, आवाज में वो धमक रखता हूं
लिख रहा हूं मैं अंजाम, जिसका कल आगाज आएगा
मेरे लहू का हर एक कतरा, इंकलाब लाएगा
मैं रहूं या ना रहूं पर, ये वादा है मेरा तुझसे
मेरे बाद वदन पर मरने वालों का सैलाब आएगा
मुझे तन चाहिए, ना धन चाहिए
बस अमन से भरा यह वतन चाहिए
जब तक जिंदा रहूं, इस मातृ भूमि के लिए
और मरूं तो तिरंगा ही कफन चाहिए
कभी वतन के लिए सोच के देख लेना,
कभी मां के चरण चूम के देख लेना,
कितना मजा आता है मरने में यारों,
कभी मुल्क के लिए मर के देख लेना,
हम अपने खून से लिक्खें कहानी ऐ वतन मेरे
करें कुर्बान हंस कर ये जवानी ऐ वतन मेरे
मैं भारतवर्ष का हरदम अमिट सम्मान करता हूं
यहां की चांदनी, मिट्टी का ही गुणगान करता हूं
मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की
तिरंगा हो कफन मेरा, बस यही अरमान रखता हूं
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जमाने भर में मिलते हैं आशिक कई,
मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता,
नोटों में भी लिपट कर,
सोने में सिमटकर मरे हैं शासक कई,
मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफन नहीं होता
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