Bhang Ke Fayde In Hindi | Benefits Of Cannabis | भांग के फायदे – शिवरात्रि , श्रावण आदि में भांग शिव को प्रसन्न करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. भांग के बिना भगवान शिव का पूजन अधूरा है. यह ज्योतिर्लिंगों और कुछ राज्यों में प्रतिबंधित नहीं है. भांग को शिवप्रिया, विजया नाम से पुकारा जाता है. विशेष गुणों के कारण भांग को काला सोना भी कहा गया है. बहुत ही कम लोग जानते होंगे कि भांग ड्रग्स की श्रेणी में नहीं आता. भांग एक औषधि है. भारत में एलोपैथी और शराब का धंधा जमाने के लिए अंग्रेजों ने भांग को बदनाम कर प्रतिबंधित कर दिया. लेकिन विदेशों में इस पर बहुत शोध हुआ है और इसका प्रयोग हो रहा है. आइये जानते है भांग के फायदे –
भांग पर शोध (Research Of Cannabis)
प्रिया मिश्रा नाम की एक 21 वर्षीय युवती को लिंफ नोड्स का असाध्य टीबी हुआ था. वह बहुत ही कष्ट में थी. चिकित्सकों ने उपचार करने से मना कर दिया था. तब एक कामवाली बाई ने उन्हें भांग फूंकने को दी. आश्चर्यजनक रूप से कुछ दिनों में वह ठीक हो गई. तब से प्रिया मिश्रा ने अपना जीवन भांग के महत्व को सभी को बताने में समर्पित कर दिया. ये भारत की एकमात्र महिला एक्टिविस्ट है जो भांग के लिए कार्यरत है. भारत में इस पर से प्रतिबंध हटना चाहिए और इसका तथा आयुर्वेद का महत्व बढ़े इसके लिए ये प्रतिबद्ध है, कार्यरत है. इसे अंग्रेज़ी में हेंप कहते है. इनका संस्थान हेंपवती भांग के औषधीय, शोध, पोषक और अन्य उत्पादों के लिए कार्यरत है.
भांग के फायदे (Bhang Ke Fayde In Hindi)
- भांग के पत्ते मसल कर कान में दो दो बूंद रस डालने से दर्द गायब हो जाता है.
- सिरदर्द में भांग के पत्ते पीस कर सूंघे या इसका दो दो बूंद रस नाक में डाले.
- भांग के चुटकी भर चूर्ण में पीपर, काली मिर्च व सौंठ डाल कर लेने से खांसी में लाभ होता है.
- नपुंसकता और शारीरिक क्षीणता के लिए भांग के बीजों को भूनकर चूर्ण बना कर एक चम्मच नित्य सेवन करें.
- अफगानी पठान इसके बीज फांकते है तभी लंबे चौड़े होते है. भारतीय दिन पर दिन लंबाई में घट रहे है.
- संधिवात में भी भांग के भूने बीजों का चूर्ण लाभकारी है.
- भांग वायु मंडल को शुद्ध करता है.
- भांग से पेपर, कपड़ा आदि बनता है. इसका कपड़ा एंटी कैंसर होता है.
- टीबी, कुष्ठ, एड्स, कैंसर, दमा, मिर्गी, मानसिक रोग जैसे 100 रोगों का इलाज भी भांग करता है.
- सिद्ध आयुर्वेद में इसका बहुत लाभकारी महत्व है. यह सूक्ष्म शरीर पर पहले कार्य करता है.
- तपस्वी, ऋषि मुनि इसका सेवन साधना में लाभ के लिए करते हैं.
- इसके सेवन से भूख प्यास, डिप्रेशन नहीं होता.
- शरीर के विजातीय तत्वों या टॉक्सिंस को यह दूर करता है.
- इसके बीजों का चूर्ण , ककड़ी के बीजों के साथ शर्बत की तरह पीने से सभी मूत्र रोग दूर होते है.
- भांग ग्लूकोमा में आंख की नस से दबाव हटाता है.
- अलझेइमर में भांग का तेल लाभकारी है.
- भांग का तेल कैंसर के ट्यूमर के कोशिकाओं की वृद्धि रोक देता है.
- इसके प्रयोग से कीमोथेरेपी के साइड इफेक्ट दूर हो जाते है.
- डायबिटीज से होने वाले नर्वस के नुकसान से भांग बचाता है.
- भांग हेपेटाइटिस सी के इलाज में सफल है.
- गाजर घास जैसी विषैली जड़ियों को रोक सकता है.
- डायरिया और डिसेंट्री के लिए प्रयोग में आने वाले बिल्वादी चूर्ण में भांग भी होता है.
- इसके पत्तियों के चूर्ण को सूंघने मात्र से अच्छी नींद आती है.
- संग्रहनी या कोलाइटिस में इसका चूर्ण सौंफ और बेल की गिरी के साथ लिया जाता है.
- हाइड्रोसिल में इसके पत्ते पीस कर बांधने से लाभ होता है.
- भांग के बीजों को सरसो के तेल में पका कर छान लें. यह तेल दर्द निवारक होता है.
- भांग के पत्ते डाल कर उबाले पानी से घाव धोने से इंफेक्शन नहीं होता और घाव जल्दी भर जाता है.
दोस्तों भांग में इतने सारे गुण होते हुए भी अंग्रजों ने षड़यंत्र कर इसे प्रतिबंधित कर दिया था. जिसे भारतीय अंग्रजों ने आगे बढ़ाया. अनुरोध है कि, आपको हमारा यह लेख कैसा लगा कमेंट करके अवश्य बताइये.
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