हिंदू धर्म की महान पुस्तक गरुड़ पुराण में बताया जाता है कि जब किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है, तो केवल उसका शरीर मरता है. वहीं शरीर में रहने वाली आत्मा अमर है, आत्मा कभी नहीं मरती है. साथ ही इंसान के कर्मों से ही पता चलता है कि मृत्यु के बाद परलोक में आत्मा को कौन सी सजाएं दी जाएगी. इंसानी जीवन में जिसने जैसे कर्म किए है, उसे उस मान से सजा सजा सुनाई जाती है और उस आत्मा को किस मार्ग पर चलना है. वो भी उनके कर्मो से ही निर्धारित होता है.
इन मार्गों पर आत्माओं को ले जाया जाता है
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गरुड़ पुराण में उल्लेख मिलता है कि, आत्मा को तीन मार्ग पर चलना होता है. सभी मार्ग से गुजरने वाली आत्माओं को कुछ समय के लिए अलग-अलग लोक में रहना होता है. जिसके बाद वह मृत्युलोक में प्रवेश दिया जाता है. हालांकि उसके बाद ही अधिकतर आत्माओं को यहीं पर जन्म लेना और यहीं मरकर पुन:जन्म लेना होता है. यही से निर्धारित किया जाता है की आत्मा को कौन सी सजाएं मिलेगी. तो आइए जानते हैं उन तीन मार्ग के बारे में जहां से आत्माओं को गुज़ारना पड़ता है.
- अर्चि मार्ग – ब्रह्मलोक और देवलोक की यात्रा पर ले जाया जाता है.
- धूममार्ग – पितृलोक की यात्रा पर ले जाया जाता है.
- उत्पत्ति-विनाश मार्ग – नर्क की यात्रा प ले जाया जाता है.
गरुड़ पुराण के अनुसार मरने के बाद आत्मा को क्या – क्या सजा मिलती है
गरुड़ पुराण में उल्लेख मिलता है कि, यमराज के दूत आत्मा को यमलोक तक ले जाते हुए और उसे नरक में मिलने वाले सजा या दुखों से रूबरू कराते है. तो चलिए जानते हैं कि मृत्यु के बाद आत्मा को मिलने वाली 15 सजाएं मिलती है और उनके बारे मै विस्तार से जानते हैं.
- तमिस्रम
- अंधतम्त्र्सम
- रौरावम
- कुम्भिपाकम
- कालासुत्रम
- असितापत्रम
- अन्धकूपम
- तप्तमूर्ति
- क्रीमीभोजनम
- सलमाली
- वैतरणी
- पुयोदुकम
- अविची
- राक्षसोभोजनम
- दंदसुकम
तमिस्रम
इंसानी जीवन में जो लोग अन्य लाेगों से गलत तरीके से रुपए ऐठते हैं, ऐसा माना जाता है कि उन्हें यमदूत रस्सी से बांध कर नर्क में मारते हैं. यदि वह बेहोश हो जाते हैं, तो उनके होश में आने के बाद फिर उन्हें पीटा जाता है. जो नाजायज संबंधों में लिप्त होते हैं, मृत्यु के पश्चात इस प्रकार की आत्माओं को कांटेदार कोड़े से पीटा जाता है.
अंधतम्त्र्सम
नर्क का ये हिस्सा उन पति या पत्नियों के लिए होता है, जो अपने पति या पत्नी के साथ तब तक ही रहते हैं, जब तक उनके पास पैसा और ख़ुशी रहती है. गरुड़ पुराण की मानें तो उनकी आत्मा को गर्म लोहे से मारा जाता है. और यह सिलसिला बहुत ही तेजी से चलता है.
रौरावम
रौरावम सज़ा उन पापियों को मिलती है, जो दूसरों की दौलत पर ऐश करते हैं और उनकी खुशियां छीन लेते हैं. ऐसे पापियों को सांपों से भरे हुए एक कुएं में धकेल दिया जाता है. और वहीं रहने दिया जाता है.
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कुम्भिपाकम
कुम्भिपाकम सज़ा उन पापियों मिलती है जो अपनी स्वार्थ के लिए जीवों को मारते हैं. ऐसे दुष्टों को बड़े बर्तन में गरम तेल डाल कर तला जाता है.
कालासुत्रम
ये सज़ा उनके लिए होती है, जो अपने बड़े-बुज़ुर्गों का सम्मान नहीं करते. इन पापियों को नर्क की आग में डुबाया जाता है. और ऐसा तब तक किया जाता है, जब तक उनकी खाल न निकल जाए.
असितापत्रम
ये सज़ा उनके लिए है, जो अपने काम को सही से नहीं करते और उनकी लापरवाही से किसी और को भुगतना पड़ता है. ऐसे लोगों के शरीर को नुकीले धार वाले चाकू से गोद दिया जाता है और फिर कोड़े बरसाए जाते हैं.
अन्धकूपम
ये उन लोगों के लिए होता है, जो बुरे स्वभाव के होते हैं और उनको अच्छे लोगों को परेशान करने और सताने में बहुत मज़ा आता है. इसमें पापियों को ऐसे कुएं में डाल दिया जाता है, जिसमें कई ख़तरनाक जानवर होते हैं.
तप्तमूर्ति
जो लोग सोने या अन्य किसी धातु को चुराते हैं, उन्हें नरक की गर्म आग में जला दिया जाता है.
क्रीमीभोजनम
ऐसे लोग, जो दूसरों को बस स्वार्थ के लिए इस्तेमाल करते हैं, ऐसे लोगों को नर्क में कीड़े और सरीसृपों के भोजन के रुप में सजा दी जाती है.
सलमाली
ऐसे लोग, जो अपने पति या पत्नी के अलावा किसी और के साथ शारीरिक संबंध बनाते हैं, नर्क में उनके अंगों में जलता हुआ गर्म लोहा डाल दिया जाता है और यमदूत बुरी तरह पीटते हैं.
वैतरणी
ऐसे शासक, जिन्होंने अपने पद का गलत उपयोग किया है, उन्हें इस खून मांस की नदी से होकर गुज़रना पड़ता है. ऐसा माना जाता है कि ये सबसे ख़तरनाक सज़ा है. इस वैतरणी नदी में मानव शरीर, उनकी खोपड़ियां, कंकाल और खून और कई गन्दी चीज़ें पड़ी रहती हैं. इसमें लोगों को ये सारी चीज़ें खानी भी पड़ती हैं.
पुयोदुकम
ऐसे मर्द, जिन्होंने महिलाओं के साथ सम्भोग किया हो और उन्हें धोखा देकर छोड़ दिया हो, उन्हें नर्क में जानवर समझा जाता है और मल-मूत्र भरे इस कुएं में डाल दिया जाता है.
अविची
ये नर्क उनके लिए है, जिन्होंने झूठी कसम खाई हो या झूठी गवाही दी हो. उन लोगों के शरीर में आग लगाकर ऊंचाई से फेंक दिया जाता है. वो लोग सतह पर पहुंचने से पहले ही राख हो जाते हैं.
राक्षसोभोजनम
ऐसे लोग, जिन्होंने जानवरों की बलि दी हो और उसके बाद उनका मांस खाया हो, उन्हें इस नर्क में लाया जाता है. जितने जीवों को पापियों ने मारा होता है, वो सारे यहां उपस्थित होते हैं और उनको चीर कर खा जाते हैं.
दंदसुकम
जो लोग जीवों के मांस का और उनके शरीर का व्यापार करते हैं, उन्हें यहां लाया जाता है और कुछ राक्षसी जीव उन्हें खा जाते हैं.
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