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84 महादेव यात्रा उज्जैन : 84 महादेव की पूजा मात्र से दूर हाे जाती हैं बाधाएं

84 Mahadev Ujjain Agastyeshwar Mahadev | 84 महादेव यात्रा उज्जैन : 84 महादेव की पूजा मात्र से दूर हाे जाती हैं बाधाएं 

श्रावण मास और शिव नगरी………….? ऐसे में शिव आराधना का महत्व स्वत: ही बढ़ जाता है। महाकाल की नगरी उज्जैन में असंख्य शिव मंदिर है, लेकिन इनमें सबसे अधिक प्राचीन है। 84 महादेव….. श्रावण मास में इनके स्मरण मात्र से ही सभी बाधाएं दूर हो जाती है। हर शिवमंदिर का अपना अलग महत्व है। इसे ध्यान में रखते हुए न्यूजमग.इन आपके समक्ष ला रहा है, महादेवों की श्रृखंलाबद्ध तरीके से संक्षिप्त जानकारी, ताकि आप इनके दर्शन कर महात्मय का लाभ ले सकें……………

84 महादेव 1 : अगस्तेश्वर महादेव | Agastyeshwar Mahadev
स्थान : संतोषी माता मंदिर हरसिद्धि मंदिर के पीछे

अगस्तेश्वर महादेव कथा एवं महत्व

पौराणिक कथा के अनुसार जब राक्षसों ने सभी देवी देवताओं को युद्ध में हरा दिया था और स्वर्ग पर कब्जा जमा लिया था। तब देवता धरती पर विचरण (घूमते हुए) करते हुए महामुनि अगस्त को धरती पर तप करते हुए देखा। देवताओं ने मुनि अगस्त से प्रार्थना कर बताया कि, रासक्षों ने उन्हें स्वर्ग से निकाल दिया है। और आप ही हमारे भय का शरण करें। इस पर अगस्त ऋषि को क्रोध आया और उनकी क्रोधिग्रि से दानव जलकर धरती पर एक-एक कर गिरने लगे। क्रोध शांत होने पर बोध हुआ कि, उन्होंने ब्रह्म हत्या की है। ब्रह्म की आज्ञा से उन्होंने महाकाल वन के उत्तर दिशा में स्थित शिवलिंग की पूजा की। शिव ने प्रसन्न होकर उन्हें ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्त किया। मान्यता है कि इस शिवलिंग के दर्शन से पापों से मुक्ति मिलती है। और मृत्यु पश्चात कैलाश की प्राप्ति होती है।

KAMLESH VERMA

दैनिक भास्कर और पत्रिका जैसे राष्ट्रीय अखबार में बतौर रिपोर्टर सात वर्ष का अनुभव रखने वाले कमलेश वर्मा बिहार से ताल्लुक रखते हैं. बातें करने और लिखने के शौक़ीन कमलेश ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से अपना ग्रेजुएशन और दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया है. कमलेश वर्तमान में साऊदी अरब से लौटे हैं। खाड़ी देश से संबंधित मदद के लिए इनसे संपर्क किया जा सकता हैं।

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