आम का पेड़ कितने सालों में फल देता है | आम में बौर कब आते हैं?
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पूरी दुनिया में भारतीय आम बहुत पसंद किए जाते हैं। भारतीय लोगा फलों का राजा आम को कहते हैं। हर आयु वर्ग के लोगों के द्वारा आम को खूब पसंद किया जाता है। ग्रीष्म ऋुतु की सुगबुगाहट के साथ ही बाजार में आम दिखने लगते हैं। गहरे पीले और ताजे पके हुए रसीले आम देख कर हर किसी किसी के भी मुँह में पानी आना लाजमी है। दोस्तों यदि आपने कोई आम खाया और सोच रहें हैं कि उसका बीज बोया जाए तो ऐसे में यह ज़रूर जानना चाहेंगे की आम का पेड़ कितने सालों में फल देता है? आम में बौर कब आते हैं। आपके इन्हीं प्रश्नों का उत्तर इस लेख के जरिए हम विस्तार पूर्वक देने वाले हैं। चलिए देर ना करते हुए शुरू करते हैं।
आम का पेड़ कितने सालों में फल देता है?
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आमतौर पर आम के पेड़ 4 से 5 सालों में फल देने लगता है। लेकिन इनके फल देने की क्षमता इस बात पर निर्भर करता है कि आम का पेड़ कौन सी किस्म या प्रजाति का है। यदि आप आम की कलम लगाते हैं तो वह महज एक वर्ष के भीतर ही फल देने लगते हैं। आम का वृक्ष दीर्घ जीवी, संघन तथा बहुत ही विशालकाय होता है। आम के पेड़ को उपयुक्त्त व अनुकूल वातावरण मिलने पर 50-60 फिट की ऊंचाई तक बढ़ता है। अधिकांश आम सीजनल यानी सीजन के अनुसार होते हैं, जो कि सिर्फ गर्मी के सीजन में ही फल देते हैं। जबकि कुछ बारहमासी भी होते हैं।
आपको जानना जरूरी है कि, बारहमासी आम के पेड़ से पूरे साल आम मिलते हैं। एक पेड़ से एक बार में 30 से 40 किलो आम मिलते हैं। बारहमासी आम का पेड़ एक वर्ष में दो बार मार्च-अप्रैल व सितंबर-अक्टूबर में फल देता है। इन्हें घर के बगीचे में भी आसानी से लगाया जा सकता है।
आम में बौर कब आते हैं?
आम के पेड़ में बौर बसंत ऋतु यानी जनवरी-फरवरी में आता है। और मई-जून माह में आम अच्छी तरह से पकने लगते हैं। लेकिन आम के बौर में जब बारिश का पानी पड़ जाता है तो अत्यधिक नुकसान हो जाता है। बौर में पानी पड़ने से बौर काला पड़ जाता है और सड़ जाता है जिससे आम की टिकोरी कम लगती है।
आम खाने के फायदे
- कैंसर से बचाव – आम के फल में क्यूर्सेटिन, एस्ट्रागालिन और फिसेटिन जैसे कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो कि कैंसर जैसी घातक और गंभीर बीमारी से बचाने में मददगार साबित होते।
- कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण – आम में फाइबर और विटामिन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। जिससे मनुष्य के शरीर का कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रहता है।
- आंखे रहती हैं चमकदार – आम में विटामिन A प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। जो हमारी आंखो के लिए एक प्लस प्वांइट है। इससे आंखो की रोशनी बनी रहती है।
- त्वचा के लिए है फायदेमंद – आम को त्वचा पर लगाने से त्वचा निखरती है। अतः आम त्वचा के लिए लाभप्रद साबित होता है।
- पाचन क्रिया में है फायदेमंद – आम के रोजाना सेवन करने पर हमारी पाचन तंत्र मजबूत होता है। कारण आम में ऐसे कई एंजाइम्स होते हैं जो प्रोटीन को तोड़ने काम करते हैं। जिससे भोजन जल्दी पच जाता है।
- गर्मी से बचाव – गर्मियों में यदि दोपहर के समय कही बाहर जाना हो तो एक गिलास आम का पना पीकर निकलने से आपको लू नही लगेगी। क्योंकि आम का पना शरीर में पानी के स्तर को संतुलित बनाए रखने में मदद करता है।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है – आम खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। और कई बीमारियों से लड़ने की क्षमता विकसित होती है।
आम खाने के नुकसान
- शुगर यानी डायबिटीज के मरीज़ो के लिए आम नुकसानदायक हो सकता है क्योंकि आम मीठी होता है जिससे हमारे ब्लड का शुगर लेवल बढ़ जाता है। और ज्यादा मात्रा में आम का सेवन करने से शुगर लेवल भी हाई होता है।
- बहुत ज्यादा आम खाने पर दस्त भी हो सकता है। और कुछ लोगो को आम से एलर्जी हो सकती है। इसलिए ज्यादा आम का सेवन न करें।
आम के प्रयोग
- कच्चे आम की खट्टी चटनी बनाई जाती है।
- गुड़ के साथ कच्चे आम का खट्टीमीठी चटनी बनाई जाती है।
- कच्चे आम का अचार बहुत ही अच्छा होता है।
- कच्चे आम को आग में भूज कर पना (एक प्रकार का पेय) बनाया जाता है। जिसे रोटी या चावल के साथ खाया जाता है।
- कच्चे आम को काटने के बाद सूखा कर खटाई और आमचूर्ण बनाया जाता है।
- लोग कच्चे आम को दाल में भी डाल कर पकाते हैं। जिससे दाल खट्टापन आ जाता है।
- कच्चे आम का उपयोग मैंगो फ्लेवर टौफिया बनाने में भी किया जाता है।
- पके आम को आप खाली ही खा सकते हैं या फिर पके आम का पना बनाकर रोटी के साथ खाया जाता है।
- पके आम से शेक, फ्रूटी, और भी फ्रूट जूस बनाए जाते हैं।
- कच्चे आम से बने आमचूर को सब्जिओं में डाला जाता है।
आम के प्रकार – आम की किस्में
दशहरी आम / Desheri Mangoes
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लंगड़ा आम / Langda mangoes.
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चौंसा आम / Chaunsa Mangoes.
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बादामी आम / Badami mangoes.
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तोतापरी आम / Totapuri Mangoes.
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केसर आम / Kesar Mangoes.
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बैगनपल्ली या सफेदा / Benganapalli or Safeda.
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नीलम / Neelam Mangoes.
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मालदा आम / Manda Mangoes.
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हापुस आम / Hapus Mangoes.
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सिंदुरा / Sindura Mangoes.
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इनके अलावा भी बहुत सारी किस्में है जैसे –
बंबइया, सुवर्रेखा, जर्दालू, फाजली, सफदर पसंद, रत्नागिरी, गुलाब बास, आम्रपाली, सुन्दरी, सुंदराजा आदि।
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FAQ About Mango
आम का पेड़ कितने दिन में तैयार होता है?
आम का पेड़ लगाने के बाद फल लगने में कम से कम 4 से 5 साल लग जाते हैं । दूसरी ओर यदि आप कलम लगाते हैं तो 3 से 4 साल में फल देने लगता है।
सबसे अच्छा आम कौन सा होता है?
हाफूस आम की एक बहुत प्रसिद्ध किस्म है जिसे मिठास, सुगंध और स्वाद के मामले में अक्सर आमों की सबसे अच्छी किस्मों में से एक माना जाता है।
आम का राजा कौन सा है?
अलफांसो (हापुस) आम, आमों का राजा कहा जाता है। इसे मुख्य रूप से भारत के महाराष्ट्र में उगाया जाता है।