रमजान का पाक महीना, जानिए सहरी और इफ्तार का समय । Ramadan 2021 date in india time table
मुस्लिम धर्म के लिए रमजान का महीना (Ramadan Date 2021) बेहद ही पाक और महत्वपूर्ण होता है. इस वर्ष रमजान का पाक महीना चांद के दीदार 14 अप्रैल 2021 को हो चुका है. रमजान माह में मुस्लिम रोजे रखकर खुदा की इबादत करते हैं. इसमें सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक बिना कुछ खाए और पीए नमाज पढ़कर खुदा को याद करते हैं. 2021 में पहला रोजा 14 घंटे 8 मिनट तक रह सकता है.
इस्लाम समुदाय का सबसे पवित्र महीना रमजान (Ramzan) शुरू हो चुका है. रमजान माह में 30 दिनों तक सूर्योदय से सूर्यास्त तक बिना खाए-पीए रोजा किया जाता है. इसकी शुरुआत सुबह की सेहरी से की जाती है और शाम को इफ्तार के साथ रोजा खोला जाता है. मुस्लिम समुदाय का मानना है कि इस दौरान जन्नत के दरवाजे खुल जाते हैं और व्यक्ति की हर दुआ कुबूल होती है. नेकियों के इस महीने में जकात देना, कुरान पढ़ना, नमाज पढ़ना आदि कामों से अल्लाह अपने बंदों पर मेहरबान होते हैं और उनके द्वारा अनजाने में किए गए सारे गुनाह माफ कर देते हैं.
रमजान को पवित्र क्यों माना जाता है?
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मुस्लिमों के लिए, रमजान वह माह है जिसमें 1,400 साल से पहले पैगंबर मुहम्मद के सामने इस्लाम की पवित्र पुस्तक कुरान की पहली आयत का अवतरण हुआ था. पूरे माह मुसलमान फज्र की नमाज के साथ रोजे की शुरूआत करते हैं और सूर्यास्त की नमाज के साथ रोजा खोलते हैं.
नमाज, दान, आस्था, मक्का की हज यात्रा करने के साथ रोजा रखने को भी इस्लाम में पाचवां स्तंभ माना जाता है. कई मुस्लिम देशों में रमजान के दौरान काम के घंटो में कटौती कर दी जाती है. वहीं कई स्थानों पर रोजे के दौरान रेस्टोरेंट बंद होते हैं. रमजान के पवित्र महीने में लोग एक-दूसरे को ‘रमजान मुबारक’ या ‘रमजान करीम’ कह कर अभिवादन करते हैं और एक-दूसरे के लिए यह महीना अच्छा गुजरने की कामना करते हैं.
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जानिए रमजान की खास बातें :
रमजान के पाक माह में कुरान पढ़ने का महत्व है और अल्लाह को याद किया जाता है. रमजान के महीने में शब-ए-कद्र मनाई जाती है. इस दौरान मुस्लिम लोग रात भर जागकर इबादत करते हैं. पाक माह में पांचों वक्त की नमाज अदा की जाती. रमजान माह में तीन अशरे होते है जिसमें पहला अशरा 1 से 10 दिन रहमत का अशरा का होता है. दूसरा अशरा 11 से 20 दिन का होता है जिसमें गुनाहों की माफी का अशरा होता है. तीसरा अशरा 21 से 30 दिन जहन्नम की आग से खुद को बचाने का अशरा होता है.
सहरी :
रमजान माह में अल सुबह जब भोजन किया जाता है जिसे उसे सहरी कहते हैं. सहरी दिन में सूरज के निकलने से पूर्व किया जाता है. सहरी को सुन्नत कहा जाता हैं. इस माह के अंत में ईद-उल-फितर पर्व मनाया जाता है.
इफ्तार :
दिन भर रोजा रखने के बाद शाम के समय जब सूरज डूब जाता है जिसके बाद रोजा खोला जाता है इसे इफ्तार कहा जाता है.
रमजान में सहरी और इफ्तार का समय :
- 14 अप्रैल 2021- सुबह 4:13 बजे – शाम 6 : 21 बजे
- 15 अप्रैल 2021- सुबह 4:12 बजे – शाम 6 : 21 बजे
- 16 अप्रैल 2021- सुबह 4:11 बजे – शाम 6 : 22 बजे
- 17 अप्रैल 2021- सुबह 4:10 बजे – शाम 6 : 22 बजे
- 18 अप्रैल 2021- सुबह 4:09 बजे – शाम 6 : 23 बजे
- 19 अप्रैल 2021- सुबह 4:07 बजे – शाम 6 : 23 बजे
- 20 अप्रैल 2021- सुबह 4:06 बजे – शाम 6 : 24 बजे
- 21 अप्रैल 2021- सुबह 4:05 बजे – शाम 6 : 24 बजे
- 22 अप्रैल 2021- सुबह 4:04 बजे – शाम 6 : 25 बजे
- 23 अप्रैल 2021- सुबह 4:03 बजे – शाम 6 : 25 बजे
- 24 अप्रैल 2021- सुबह 4:13 बजे – शाम 6 : 21 बजे
- 25 अप्रैल 2021- सुबह 4:01 बजे – शाम 6 : 26 बजे
- 26 अप्रैल 2021- सुबह 4:00 बजे – शाम 6 : 27 बजे
- 27 अप्रैल 2021- सुबह 3: 59 बजे – शाम 6 : 28 बजे
- 28 अप्रैल 2021- सुबह 3: 58 बजे – शाम 6 : 28 बजे
- 29 अप्रैल 2021- सुबह 3: 57 बजे – शाम 6 : 29 बजे
- 30 अप्रैल 2021- सुबह 3 : 56 बजे – शाम 6 : 29 बजे
मई में सहरी और इफ्तार का समय –
- 1 मई 2021- सुबह 3 : 55 बजे – शाम 6 : 30 बजे
- 2 मई 2021- सुबह 3 : 54 बजे – शाम 6 : 30 बजे
- 3 मई 2021- सुबह 3 : 53 बजे – शाम 6 : 31 बजे
- 4 मई 2021- सुबह 3 : 52 बजे – शाम 6 : 31 बजे
- 5 मई 2021- सुबह 3 : 51 बजे – शाम 6 : 32 बजे
- 6 मई 2021- सुबह 3 : 50 बजे – शाम 6 : 32 बजे
- 7 मई 2021- सुबह 3 : 49 बजे – शाम 6 : 33 बजे
- 8 मई 2021- सुबह 3 : 48 बजे – शाम 6 : 34 बजे
- 9 मई 2021- सुबह 3 : 47 बजे – शाम 6 : 34 बजे
- 10 मई 2021- सुबह 3 : 46 बजे – शाम 6 : 35 बजे
- 11 मई 2021- सुबह 3 : 45 बजे – शाम 6 : 35 बजे
- 12 मई 2021- सुबह 3 : 44 बजे – शाम 6 : 36 बजे
- 13 मई 2021- सुबह 3 : 44 बजे – शाम 6 : 36 बजे
रमजान का महत्व :
रमजान माह में रोजे रखना और नमाज पढ़ना मुस्लिम समुदाय की एक क्रिया है.इस माह का हर किसी को बेसब्री से इंतजार होता है. रमजान के दौरान करीब एक एक महीने तक रोजा रखा जाता है. आखिरी दिन ईद का त्योहार मनाया जाता है और एक दूसरों से गले मिलकर पर्व की मुबारकबाद दी जाती हैं.
इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार रमजान का यह महीना नौवां महीना माना जाता है. रमजान का पवित्र महीना चांद के दिखने के बाद आरंभ होगा. जब मुसलमान रोजा रखता है तो उसके हृदय में भूखे व्यक्ति के लिए हमदर्दी पैदा होती है. रमजान में पुण्य के कामों का सबाव सत्तर गुना बढ़ा दिया जाता है. जकात इसी महीने में अदा की जाती है. रोजा झूठ, हिंसा, बुराई, रिश्वत तथा अन्य तमाम गलत कामों से बचने की प्रेरणा देता है. कुरान में अल्लाह ने फरमाया कि रोज़ा तुम्हारे ऊपर इसलिए फर्ज़ किया है, ताकि तुम खुदा से डरने वाले बनो और खुदा से डरने का मतलब यह है कि इंसान अपने अंदर विनम्रता लाए.
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